गुजरात: ग्रामीण इलाकों में भी भाजपा की पकड़ कायम, कांग्रेस की करारी हार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का गृह राज्य होने के कारण गुजरात के इन चुनावों पर हर किसी की नजर थी मगर चुनावी नतीजों से साफ हो गया है

Update: 2021-03-03 04:52 GMT
गुजरात: ग्रामीण इलाकों में भी भाजपा की पकड़ कायम, कांग्रेस की करारी हार (PC: social media)

अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली: गुजरात में जिला पंचायतों, नगरपालिकाओं और तालुका पंचायतों के चुनाव में शानदार प्रदर्शन करके भाजपा ने साबित कर दिया है कि यह राज्य अभी भी उसका अभेद्य किला बना हुआ है। राज्य में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस भाजपा को चुनौती देने में पूरी तरह नाकाम रही और उसे बड़ी हार का सामना करना पड़ा है। भाजपा ने राज्य के सभी 31 जिला पंचायतों पर कब्जा कर लिया है। पटेल बहुल इलाकों में भी पार्टी को एकतरफा जीत हासिल हुई है।

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मोदी और शाह के प्रति विश्वास

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का गृह राज्य होने के कारण गुजरात के इन चुनावों पर हर किसी की नजर थी मगर चुनावी नतीजों से साफ हो गया है कि मोदी और शाह की अभी भी गुजरात पर मजबूत पकड़ कायम है। दूसरी ओर सूरत नगर निकाय के चुनाव में 27 सीटें जीतने वाली आम आदमी पार्टी ने भी 46 सीटें जीतकर गांवों तक अपनी पैठ बना ली है।

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कांग्रेश नहीं दिखा सकी ताकत

भारतीय जनता पार्टी ने 8261 सीटों में से 6110 सीटों पर जीत हासिल करके गुजरात में एक बार फिर सभी प्रतिद्वंद्वियों को ढेर कर दिया है। जिला और तालुका पंचायतों और नगर पालिका परिषदों में 8474 सीटों के लिए 28 फरवरी को वोट डाले गए थे।

इन चुनावों में कांग्रेस सिर्फ 1768 सीटें जीतने में कामयाब हो सकी। पार्टी को अभी तक केवल तीन नगर पालिकाओं में जीत हासिल हुई है। एक भी जिला पंचायत में पार्टी को जीत नहीं मिल सकी। हालांकि कुछ तालुका पंचायतों में जरूर पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन किया है।

गांव तक पहुंची आप

आम आदमी पार्टी को 46 सीटों पर जीत हासिल की है जबकि निर्दलीय उम्मीदवारों ने 286 सीटों पर जीत का परचम लहराया है। सबसे हैरान करने वाली बात गोधरा में एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी को 7 सीटों पर मिली जीत है। ओवैसी ने यहां 8 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे और 7 सीटों पर पार्टी के उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है।

पाटीदारों के गढ़ में भी भाजपा मजबूत

इस बार के चुनाव में भाजपा ने पाटीदारों के गढ़ माने जाने वाले उत्तर गुजरात और सौराष्ट्र में भी अच्छा प्रदर्शन किया है। हार्दिक पटेल को कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने के बाद पार्टी को पाटीदारों का समर्थन मिलने की उम्मीद जताई जा रही थी मगर पार्टी पाटीदारों का समर्थन हासिल करने में भी नाकाम रही है।

इससे पहले महानगर पालिका चुनाव में भी भाजपा ने जीत का परचम लहराते हुए कांग्रेस को बुरी तरह हराया था। भाजपा ने अहमदाबाद, सूरत, राजकोट, बड़ोदरा, जामनगर और भावनगर में जीत हासिल करके कांग्रेस को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था। पाटीदारों का गढ़ माने जाने वाले सूरत में भी कांग्रेस को जबर्दस्त झटका लगा था।

करारी हार के बाद प्रदेश अध्यक्ष का इस्तीफा

गुजरात के चुनाव नतीजों से साफ हो गया है कि राज्य में भाजपा से लड़ने के लिए अभी कांग्रेस को काफी मेहनत करनी होगी। चुनाव में कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अमित चावड़ा और नेता प्रतिपक्ष परेश धनानी ने अपने-अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। दोनों नेताओं की ओर से हाईकमान के सामने इस्तीफे की पेशकश की गई थी जिसे स्वीकार कर लिया गया है।

चुनाव नतीजों पर टिप्पणी करते हुए चावड़ा ने कहा कि नतीजे हमारी उम्मीदों के पूरी तरह विपरीत हैं मगर हम जनता के फैसले को स्वीकार करते हैं। पार्टी अध्यक्ष के रूप में मैं इस हार की जिम्मेदारी लेता हूं। उन्होंने कहा कि हम आगे भी आम लोगों के लिए काम करते रहेंगे।

बंपर जीत पर मोदी ने जताया आभार

गुजरात के चुनाव नतीजों पर खुशी जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के लोगों का आभार जताया है। उन्होंने कहा कि गुजरात के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों ने एक मत से विकास के लिए मतदान किया है। उन्होंने कहा कि सरकार के जनहित के कार्यों ने लोगों के दिलों में जगह बनाई है। इसके साथ ही भाजपा की जीत में कार्यकर्ताओं की अथक मेहनत का भी बहुत बड़ा योगदान है।

उन्होंने कहा कि भाजपा आगे भी गुजरात के लोगों की प्रगति और राज्य की उन्नति के लिए काम करना जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा के प्रति इस अटूट विश्वास के लिए मैं गुजरात के लोगों को नमन करता हूं।

ग्रामीण इलाकों में भी भाजपा मजबूत

दूसरी ओर गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा कि महानगर पालिकाओं में भाजपा की जीत के बाद कहा जा रहा था कि भाजपा की पकड़ सिर्फ बड़े शहरों में ही मजबूत है और ग्रामीणों के इलाकों के मतदाता कांग्रेस के साथ हैं।

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भाजपा को ग्रामीण इलाकों में सफलता न मिलने की बात कही जा रही थी मगर जिला पंचायतों के चुनाव नतीजों से साफ हो गया है कि गुजरात के ग्रामीण इलाकों की जनता भी भाजपा के साथ है। ग्रामीण इलाकों में भी भाजपा की मजबूत पकड़ बनी हुई है और मतदाताओं ने कांग्रेस प्रत्याशियों को चुन-चुन कर हराया है।

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