Budget 2023: फार्मा सेक्टर को राहत की उम्मीदें, आइये देखें क्या-क्या होगा मोदी सरकार के बजट में

Budget 2023 Latest News: फार्मा उत्पादों के वैश्विक बाजार का आकार 2023 में 1 ट्रिलियन डॉलर के पार जाने का अनुमान है। ऐसे में स्वाभाविक है कि इस क्षेत्र को केंद्रीय बजट 2023-24 से बहुत उम्मीदें हैं।

Written By :  Neel Mani Lal
Update:2023-02-01 11:06 IST

Budget 2023 (photo: social media )

Budget 2023: कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया को फार्मास्युटिकल उद्योग के महत्व का और भी अधिक एहसास कराया है। फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय दवा बाजार 2023 के अंत तक 130 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। जबकि फार्मा उत्पादों के वैश्विक बाजार का आकार 2023 में 1 ट्रिलियन डॉलर के पार जाने का अनुमान है। ऐसे में स्वाभाविक है कि इस क्षेत्र को केंद्रीय बजट 2023-24 से बहुत उम्मीदें हैं। चीन में हाल ही में कोरोना मामलों में उछाल के बाद, फार्मा कंपनियां चिंतित हैं कि उन्हें फिर से प्रतिकूल प्रभावों का सामना करना पड़ेगा।

रिसर्च एंड डेवलपमेंट

फार्मा उद्योग के विशेषज्ञों का कहना है कि रिसर्च एंड डेवलपमेंट (आर एंड डी), फॉर्मूलेशन और सक्रिय फार्मास्युटिकल सामग्री (एपीआई) के लिए अलग से फंड आवंटित करना महत्वपूर्ण है। बायोफार्मास्युटिकल क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास के लिए बजटीय आवंटन में वृद्धि की आवश्यकता है।

सरलीकृत विनियम और जीएसटी मानदंड

एक्सपर्ट्स का कहना है कि बजट में सहायक नीतियों की रूपरेखा की आवश्यकता है। फार्मास्युटिकल उद्योग के विकास की अनुमति देने के लिए बजट में सरलीकृत नियमों और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) मानदंडों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

निर्यात लाभ

फार्मास्युटिकल कॉर्पोरेशन दवा परीक्षण और प्रमाणन जैसी सेवाएं भी प्रदान करते हैं। इन सेवाओं के लिए सेवा निर्यात प्रोत्साहन योजना (एसईआईएस) के तहत जारी स्क्रिप जैसा कोई निर्यात लाभ प्रदान नहीं किया जाता है। ऐसे में उद्योग को निर्यात प्रोत्साहन के लिए बजट में घोषणा की उम्मीद है। बीडब्ल्यू हेल्थकेयर वर्ल्ड की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस क्षेत्र को उम्मीद है कि एसईआईएस जैसे लाभ दवा कंपनियों को भी उपलब्ध कराए जाएंगे।

दवाओं पर जीएसटी खत्म करना

उद्योग से जुड़े लोगों का कहना है कि सरकार को दवाओं पर जीएसटी खत्म करने पर विचार करने की जरूरत है। इससे भारतीयों के लिए स्वास्थ्य पर होने वाले खर्च में कमी आएगी, जो वर्तमान में 63 प्रतिशत है। बदले में इसका समग्र स्वास्थ्य परिणाम पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा और राजस्व में किसी भी नुकसान की भरपाई स्वस्थ नागरिकों से की जाए।

बुनियादी ढांचे का विकास

उम्मीद की जाती है कि आगामी बजट भारत में स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे के विकास की चुनौती को संबोधित करेगा। उम्मीद है कि आवंटन की सीमा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 1.2 से 1.3 प्रतिशत से बढ़ाकर जीडीपी का कम से कम 2.5 प्रतिशत कर दी जाएगी, जो विश्व स्तर पर स्वीकृत मानदंड है।

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