Burqa Row in Mumbai: बुर्का पहनी लड़कियों को मुंबई के कॉलेज में प्रवेश से रोका गया, हंगामे के बाद अंदर जाने की मिली

Burqa Row in Mumbai: बुर्का पहली मुस्लिम छात्राओं ने बताया कि कॉलेज के बाहर गार्ड ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया। उन्हें पहले बुर्का हटाने को कहा गया। इसी दौरान उन्होंने देखा कि बिना बुर्के वाली छात्राओं को बिना किसी रोक-टोक के अंदर प्रवेश करने दिया जा रहा है।

Update: 2023-08-03 04:08 GMT
Burqa Row in Mumbai (photo: social media )

Burqa Row in Mumbai: कर्नाटक की तरह महाराष्ट्र में बुर्के को लेकर विवाद सामने आया है। राजधानी मुंबई के चेंबूर इलाके में स्थित एनजी आचार्य और डीके मराठे कॉलेज ने बुर्का पहनी मुस्लिम छात्राओं को परिसर में प्रवेश की अनुमति देने से इनकार कर दिया। ये मामला कल यानी बुधवार 2 अगस्त का है। इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसमें बुर्का पहनी कुछ मुस्लिम लड़कियां कॉलेज के बाहर खड़ी हुई हैं और अंदर जाने के लिए गार्ड से बात कर रही हैं।

बुर्का पहली मुस्लिम छात्राओं ने बताया कि कॉलेज के बाहर गार्ड ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया। उन्हें पहले बुर्का हटाने को कहा गया। इसी दौरान उन्होंने देखा कि बिना बुर्के वाली छात्राओं को बिना किसी रोक-टोक के अंदर प्रवेश करने दिया जा रहा है। एक छात्रा ने गार्ड से कहा कि वह कॉलेज के अंदर आकर अपना बुर्का हटा लेगी। बाहर उसे ऐसा करने में असहज महसूस हो रहा है। जिस पर कॉलेज के गार्ड ने कहा कि वह केवल प्रिंसिपल के आदेशों का पालन कर रहा है। बुर्का हटाने के बाद ही कैंपस में प्रवेश करने दिया जाएगा।

पुलिस के दखल के बाद मामला शांत हुआ

कॉलेज के अंदर प्रवेश न मिलने का मामला देखते ही देखते तूल पकड़ लिया। प्रभावित मुस्लिम छात्राओं ने जब घटना की जानकारी अपने माता-पिता को दी, तो वे भी कॉलेज आ पहुंचे। उन्होंने कॉलेज प्रशासन के इस कदम का पुरजोर विरोध किया। हंगामे की जानकारी मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और विवाद को शांत कराया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि मुस्लिम छात्राएं इस शर्त पर बुर्का हटाने को तैयार हुईं कि उन्हें क्लास में स्कार्फ पहनने की अनुमति दी जाएगी। कॉलेज प्रबंधन की ओर से इस शर्त को मान लिया गया है। दरअसल, प्रबंधन का कहना था कि बुर्का से कॉलेज का ड्रेस कोड प्रभावित होता है, इसलिए इस पर रोक लगाई गई।

उडुपी में सामने आया था ऐसा ही मामला

बीते साल यानी 2022 में कर्नाटक के उडुपी शहर में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया था। यहां के एक जूनियर कॉलेज ने हिजाब पहनी मुस्लिम छात्राओं को प्रवेश देने से वंचित कर दिया था। कारण यह बताया गया कि हिजाब से कॉलेज के ड्रेस कोर्ड का उल्लंघन होता है। इस मामले ने खासा सियासी तूल पकड़ा था और देश के अन्य राज्यों में भी यह मुद्दा फैल गया था। मामला कोर्ट की दहलीज तक पहुंच गया था।

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