ED की नोटिस के बीच कारोबारी ने की खुदकुशी, जमीन घोटाले में किया गया था तलब
Ranchi Land Scam Case: रांची के कृष्णकांत नाम कारोबारी ने आत्महत्या कर ली है। बताया जा रहा है कि रांची जमीन घोटाले में कृष्णकांत को ईडी का नोटिस मिला था।
Ranchi Land Scam Case: रांची के लालपुर थाना क्षेत्र स्थित सिल्वर डेल अपार्टमेंट में रहने वाले कृष्णकांत नाम कारोबारी ने आत्महत्या कर ली है। यह घटना आज यानी गुरुवार की सुबह हुई है। बताया जा रहा है कि रांची जमीन घोटाले में कृष्णकांत को ईडी का नोटिस मिला था।
तनाव में बताया जा रहा था मृतक
अब इस मामले को ईडी के नोटिस से जोड़ा जा रहा है। बताया जा रहा है कि रांची जमीन घोटाले मामले में ईडी से नोटिस मिलने के बाद से मृतक तनाव में था। गुरुवार सुबह उसका शव फंदे से झूलता मिला।
क्या है पूरा मामला?
पूरा मामला झारखंड की राजधानी रांची के लालपुर थाना क्षेत्र स्थित सिल्वर डेल अपार्टमेंट का है। अपार्टमेंट में रहने वाले कृष्णकांत नाम के जमीन कारोबारी ने आज सुबह फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। फंदे पर झूलने के बाद परिवार के लोग कारोबारी को आनन-फानन में आर्किड अस्पताल ले गए। यहां डॉक्टरों की टीम ने कारोबारी को मृत घोषित कर दिया। घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच में जुटी हुई है।
मृतक के करीबियों ने क्या बताया?
कारोबारी कृष्णकांत से संबंधित लोगों का कहना है कि रांची जमीन घोटाले मामले को लेकर ईडी ने कुछ दिन पहले कृष्णकांत को नोटिस भेजा था। एजेंसी ने उन्हें मामले में पूछताछ के लिए भी बुलाया था। नोटिस के बाद से कृष्णकांत तनाव में था। हालांकि, आत्महत्या के पीछे ईडी का नोटिस ही एकमात्र वजह है या नहीं, इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। पुलिस सभी एंगल से मामले की जांच में जुट गई है।
कैसे सामने आया ये घोटाला?
जून 2022 में रांची के बरायतु थाने में एक FIR दर्ज हुई, जिसे रांची नगर निगम के टैक्स कलेक्टर दिलीप शर्मा की तरफ से दर्ज कराई गई थी। इसमें प्रदीप बागची नाम के शख्स को मुख्य आरोपी बनाया गया। प्रदीप पर आरोप था कि उसने फर्जी कागजातों की मदद से भारतीय सेना की एक संपत्ति को हड़प लिया है। ईडी ने जब इस मामले की जांच की तो पता चला कि 4.5 एकड़ की ये जमीन बीएम लक्ष्मण राव की थी, जिन्होंने आजादी के बाद इसे सेना को सौंप दिया था।
इन लोगों की हुई गिरफ्तारी
पिछले साल अप्रैल में ईडी ने कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपी प्रदीप बागची समेत सात आरोपियों को गिरफ्तार किया। जिन सात आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, उनमें से दो- अफसर अली और भानु प्रताप सरकारी कर्मचारी थे। बाकी सभी 5 आरोपी लैंड माफिया से जुड़े थे और फर्जी दस्तावेजों के जरिए जमीनों की बिक्री में शामिल थे।
इसके बाद 4 मई 2023 को ईडी ने आईएएस अफसर छवि रंजन को भी मामले में गिरफ्तार कर लिया। छवि रंजन रांची में दो साल तक डिप्टी कमिश्नर थे। उनपर आरोप है कि इस पद पर रहते हुए उन्होंने कथित तौर पर जमीन की अवैध खरीद और बिक्री में मदद की थी।