Tariff Tussle: टैरिफ बढ़ोतरी पर केबल ऑपरेटर्स और चैनलों में ठनी, प्रसारण बन्द

Tariff Tussle News: टैरिफ बढ़ोतरी पर केबल ऑपरेटर्स और चैनलों में ठनी, प्रसारण बन्द टैरिफ बढ़ोतरी को लेकर टेलीविजन प्रसारकों और केबल ऑपरेटरों के बीच झगड़ा अब बढ़ गया है।

Report :  Neel Mani Lal
Update:2023-02-22 15:26 IST

Tariff Tussle in India (Photo: Social Media) 

Tariff Tussle News: टैरिफ बढ़ोतरी पर केबल ऑपरेटर्स और चैनलों में ठनी, प्रसारण बन्द टैरिफ बढ़ोतरी को लेकर टेलीविजन प्रसारकों और केबल ऑपरेटरों के बीच झगड़ा बढ़ गया है। डिज्नी स्टार, ज़ी एंटरटेनमेंट और सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया जैसे बड़े प्रसारकों ने कई बड़े केबल ऑपरेटरों के लिए अपने सिग्नल बन्द कर दिए हैं। जिससे चार करोड़ से अधिक ग्राहकों पर असर पड़ा है।

ट्राई का आदेश

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के एक नए आदेश, एनटीओ 3.0, के मद्देनजर प्रसारकों ने चैनल की टैरिफ पर 10 से 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। लेकिन केबल ऑपरेटर्स को ये पसंद नहीं आ रहा है। समूह के साथ अच्छी तरह से नहीं बैठती है। ऑपरेटरों का कहना है कि फीस बढ़ाने का फैसला उपभोक्ताओं के साथ-साथ उनके अपने बिजनेस को भी प्रभावित करेगा।

समझौते पर हस्ताक्षर

बताया जाता है कि सभी डीटीएच (डायरेक्ट टू होम) ऑपरेटरों, जिनमें एयरटेल और टाटा प्ले शामिल हैं, और पूरे भारत में अधिकांश केबल ऑपरेटरों ने ब्रॉडकास्टर्स के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। लेकिन बड़े ग्राहक आधार वाले मुट्ठी भर केबल ऑपरेटर करार करने से इनकार कर रहे हैं।

कोर्ट की शरण

ऑल इंडिया डिजिटल केबल फेडरेशन (एआईडीसीएफ) के नौ सदस्य केरल उच्च न्यायालय भी गए थे और गुहार लगाई थी कि ट्राई टीवी चैनलों के मूल्य निर्धारण को विनियमित करने या उनकी कीमतों को सीमित करने में विफल रहा है। अपनी ओर से ट्राई ने तर्क दिया कि महासंघ ने यह नहीं दिखाया है कि यह विनियमन या टैरिफ आदेश से कैसे प्रभावित होता है और इसलिए, इसे चुनौती देने का कोई अधिकार नहीं है। नियामक ने यह भी दावा किया कि एआईडीसीएफ ने 19 रुपये प्रति चैनल की कीमत कैप पर सहमति जताई थी।

प्रसारण बन्द

ईस बीच, सोनी, ज़ी और डिज़नी स्टार ने कोर्ट जाने वाले इन ऑपरेटरों के लिए अपनी सेवाएं बंद कर दीं। वायकॉम 18 मीडिया ने अपने को इससे बाहर रखा है। दिलचस्प बात यह है कि रिलायंस के पास डेन नेटवर्क्स और हैथवे केबल और डाटाकॉम जैसी केबल टीवी वितरण कंपनियां हैं, जो इन प्रसारकों के खिलाफ अदालत में गई हैं। ब्रॉडकास्टर्स द्वारा इन केबल ऑपरेटरों के लिए सिग्नल बंद करने के कदम पर इंडियन ब्रॉडकास्टिंग एंड डिजिटल फाउंडेशन ने कहा था, कि अधिकांश डीटीएच और केबल ऑपरेटरों ने पहले ही नई कीमतों को लागू करना शुरू कर दिया है, जिसके लिए उन्हें उपभोक्ता कीमतों में पांच फीसदी वृद्धि करनी पड़ी। कुछ केबल ऑपरेटरों ने नए समझौतों पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं जिससे प्रसारकों को उचित नोटिस देने के बाद अपनी सेवाएं बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ा।

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