West Bengal: ममता सरकार को कलकत्ता हाईकोर्ट ने दिया झटका, संदेशखाली हिंसा को लेकर लिया एक्शन
West Bengal: स्थानीय दलित महिलाओं ने लोकल टीएमसी नेताओं पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। जिसके बाद से ममता बनर्जी सरकार सवालों के घेरे में हैं।
West Bengal: पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले का संदेशखाली इलाका पिछले कुछ समय से खबरों में बना हुआ है। छापेमारी करने गई ईडी की टीम पर हुए हमले के बाद अब यहां हो रहा महिलाओं का विरोध-प्रदर्शन चर्चाओं में है। स्थानीय दलित महिलाओं ने लोकल टीएमसी नेताओं पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। जिसके बाद से ममता बनर्जी सरकार सवालों के घेरे में हैं।
विपक्षी भाजपा और सीपीएम के नेता-कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे हुए हैं। ममता सरकार को उस वक्त बड़ा झटका लगा जब कलकत्ता हाईकोर्ट ने मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए गंभीर चिंता व्यक्त की। जस्टिस अपूर्बा सिन्हा रॉय ने कहा, संदेशखाली में जो भी हो रहा वह विचलित करने वाला है। मीडिया में दिखाया गया कि महिला के साथ बंदूक की नोंक पर यौन उत्पीड़न हुआ। यह दुखद है।
ममता सरकार को जारी किया नोटिस
हाईकोर्ट ने मामले को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 20 फरवरी को होगी। कोर्ट ने एमिकस क्यूरी को भी नियुक्त किया है। उच्च न्यायालय ने ममता सरकार को एक और बड़ा झटका देते हुए बासिरहाट इलाके में 9 फरवरी से लागू धारा 144 को तुरंत हटाने का आदेश दिया। कोर्ट की तल्ख टिप्पणियों के बाद से तृणमुल कांग्रेस सरकार बैकफुट पर है।
क्या है संदेशखाली का मामला ?
संदेशखाली की दलित महिलाएं पिछले कुछ दिनों से स्थानीय टीएमसी नेताओं के खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं। उन्होंने दबंग टीएमसी नेता शाहजहां शेख और उनके सहयोगियों पर उनकी जमीनों पर कब्जा करने और उनका यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। महिलाएं इनकी गिरफ्तारी की मांग कर रही हैं। पिछले दिनों उनका प्रदर्शन हिंसक हो उठा और उन्होंने TMC नेता शिव प्रसाद हाजरा के खेत और फॉर्म हाउस में आग भी लगा दी।
पीड़ित महिलाओं के समर्थन में मुख्य विपक्षी भारतीय जनता पार्टी और सीपीएम के नेता सड़क पर उतर आए। रविवार को दोनों पार्टियों के नेताओं को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया। जिले के पुलिस कप्तान के रवैये से नाराज भाजपा नेताओं ने उनके खिलाफ प्रदर्शन का निर्णय लिया। उनकी ओर से एसपी ऑफिस तक मार्च निकाला गया लेकिन इसी बीच धारा 144 लगाकर उन्हें जबरदस्ती वहां से हटा दिया गया।
मंगलवार को राज्यपाल ने भी किया इलाके का दौरा
मंगलवार को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस संदेशखाली पहुंचे और पीड़ित महिलाओं से मुलाकात की। महिलाओं ने उन्हें अपनी आपबीती सुनाई और न्याय की गुहार लगाई। बोस ने सीनियर पुलिस अधिकारियों से मामले पर चर्चा कर राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी। राज्यपाल जब संदेशखाली पहुंचे तब टीएमसी कार्यकर्ताओं ने काले झंडे दिखाकर उनका विरोध किया।
बीजेपी सीएम ममता बनर्जी पर हमलावर
संदेशखाली के मुद्दे को लेकर भारतीय जनता पार्टी का केंद्र और राज्य नेतृत्व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमलावर है। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने पीड़ित महिलाओं से मुलाकात करने के बाद दिल्ली लौटीं और यहां प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ममता बनर्जी पर जमकर निशाना साधा। ईरानी ने कहा, ममता बनर्जी टीएमसी के गुंडों संरक्षण दे रही हैं।
टीएमसी के गुंडे घर-घर जाकर देखते थे कि किस घर की कौन सी औरत सुंदर है। कौन कम उम्र की है ? महिलाओं का उनके पति और भाई के सामने यौन उत्पीड़न किया जाता था। टीएमसी के गुंडे ज्यादातर हिंदू महिलाओं को टारगेट करते थे। हुगली की बीजेपी सांसद लॉकेट चटर्जी की ओर से एक वीडियो शेयर किया गया, जिसमें महिलाएं अपनी आपबीती सुना रही थीं। चटर्जी ने कहा कि बंगाल की हालत पाकिस्तान, ईरान और इराक जैसी हो गई है।