स्टिंग ऑपरेशन जांच: CBI ने CM हरीश रावत को दोबारा पेश होने को कहा

सीबीआई की जांच कथित स्टिंग ऑपरेशन में रावत के दावे के अलावा एक खबरिया चैनल के मालिक के साथ उनके संबंधों, उनके द्वारा बागी विधायकों और उनके पिछले मंत्रिमंडल में एक मंत्री को दी गयी रिश्वत की कथित पेशकश पर केंद्रित है। सूत्रों ने बताया कि उन्हें बुलाने का कारण यह है कि रावत ने कई मद्दों पर पूरी जानकारी नहीं दी थी।

Update: 2016-12-23 13:26 GMT

नई दिल्ली : केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने उत्तराखंड के सीएम हरीश रावत से जुड़े एक कथित स्टिंग ऑपरेशन की जांच के सिलसिले में उन्हें 26 दिसंबर को उसके सामने पेश होने को कहा है। यह दूसरी बार है जब रावत को सीबीआई ने पिछले 7 महीने में दूसरी बार बुलाया है।

रावत पिछली बार 24 मई को इस जांच एजेंसी के सामने पेश हुए थे। तब उनसे करीब 5 घंटे तक पूछताछ की गई थी। सीबीआई ने 29 अप्रैल के कथित स्टिंग ऑपरेशन के सिलसिले में इस मामले में प्राथमिक जांच (पीई) दर्ज कर थी।

क्या था इस स्टिंग में?

इस स्टिंग में रावत उत्तराखंड विधानसभा में शक्ति परीक्षण में उनका समर्थन करने के लिए बागी कांग्रेस विधायकों को रिश्वत की पेशकश करते हुए दिख रहे हैं। यह एक अनोखा मामला है जहां एक वर्तमान सीएम को प्राथमिक जांच के सिलसिले में सीबीआई ने बुलाया है।

यह पहला चरण है जब जांच एजेंसी उसे मिली शिकायत में तथ्यों का सत्यापन करती है। पीई के दौरान एजेंसी सामान्य तौर पर व्यक्ति को जांच से जुड़ने का अनुरोध भर करती है, उसे तलब नहीं करती, वह न तो तलाशी करती है और न ही गिरफ्तारी। यदि तथ्यों के सत्यापन में और जांच की जरूरत नजर आती है तो वह प्राथमिकी दर्ज कर सकती है या अन्यथा पीई को बंद कर सकती है।

रावत ने नहीं दी पूरी जानकारी

सीबीआई की जांच कथित स्टिंग ऑपरेशन में रावत के दावे के अलावा एक खबरिया चैनल के मालिक के साथ उनके संबंधों, उनके द्वारा बागी विधायकों और उनके पिछले मंत्रिमंडल में एक मंत्री को दी गई रिश्वत की कथित पेशकश पर केंद्रित है। सूत्रों ने बताया कि उन्हें बुलाने का कारण यह है कि रावत ने कई मुद्दों पर पूरी जानकारी नहीं दी थी।

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