सेना के हथियारों पर सीडीएस का बड़ा बयान: सेना के आत्म निर्भर बनने का समय
रक्षा विभाग पर कोरोना के प्रभाव को लेकर बात करते हुए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने कहा कि सशस्त्र बलों के तौर पर कोरोना वायरस से लड़ना हमारी भी जिम्मेदारी है। ऐसे में जरुरी है कि तीनों सेनाएं सुरक्षित रहें ताकि हमारे जवान, नाविक और एयरमैन सबकी रक्षा कर सकें।
नई दिल्ली: कोरोना वायरस ने भारत की जनता को तो प्रभावित किया ही है, साथ ही देश की सुरक्षा में तैनात तीनों सेनाओं पर भी असर डाला। रक्षा विभाग पर कोरोना के प्रभाव को लेकर बात करते हुए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने कहा कि सशस्त्र बलों के तौर पर कोरोना वायरस से लड़ना हमारी भी जिम्मेदारी है। ऐसे में जरुरी है कि तीनों सेनाएं सुरक्षित रहें ताकि हमारे जवान, नाविक और एयरमैन सबकी रक्षा कर सकें।
कोरोना पर बोले सीडीएस बिपिन रावत:
उन्होंने बताया कि सेना के लिए कुछ दिशा निर्देश जारी किये गए हैं। कोरोना वायरस से लड़ने के लिए इनका पालन किया जाना जरुरी है। सेना पर कोरोना के प्रभाव को लेकर उन्होंने बताया कि कोविड -19 ने सीमित संख्या में थल-जल और वायु सेना को प्रभावित किया है।
सीडीएस ने बताया कि सेना के सभी जवानों ने आरोग्य सेतू एप डाउनलोड किया है। ऐसे में किसी के भी संक्रमित होने पर आसानी से उनका पता लगाकर कोरोना को फैलने से रोका जा सकता है।
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समय आ गया है कि मेक इन इंडिया को दें बढ़ावा
इतना ही नहीं कोरोना वायरस के कारण संसाधनों की कमी को पूरा करने के दिए देश में उनके उत्पादन की तारीफ़ करते हुए सीडीएस ने कहा कि समय आ गया है कि हम मेक इन इंडिया की ओर बढ़े। वैसे तो रक्षा सेवा के लिए हथियारों और उपकरणों को हम आयात करते हैं लेकिन अगर इन कार्यों को हम शोध और विकास विभागों को सौंप दें तो जल्द भारत अपने हथियार खुद बनाना शुरू कर सकता है।
तीनों सेनाओं की रक्षा डील पर रोक
गौरतलब है कि हाल ही में रक्षा मंत्रालय ने तीनों सेना के रक्षा सौदों पर फिलहाल के लिए रोक लगा दी है। ये फैसला कोरोना वायरस से लड़ने के लिए बजट में कटौती के मद्देनजर लिया गया है। इसके तहत इंडियन एयर फ़ोर्स ने फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमान और रूस से S-400 वायु रक्षा हथियार के लिए समझौते किये थे, इसका भुगतान भारत को करना है।
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कोरोना वायरस के कारण रक्षा मंत्रालय का आदेश
वहीं थल सेना के लिए अमेरिका और रूस समेत कई अन्य देशों से टैंक, आर्टिलरी गन और असॉल्ट राइफल लेने के लिए समझौते हुए हैं। इसके अलावा वायु सेना ने हाल ही में अमेरिका से 24 मल्टीरोल हेलिकॉप्टरों के लिए समझौता किया था।
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कोरोना संकट के बीच अब इन सभी समझौतों को रोक दिया गया है, यानी डील की प्रक्रिया अभी नहीं हो सकेगी, हालाँकि डील कैंसिल नहीं हुई है। बस भुगतान न कर पाने के कारण इसे स्थिति सामान्य होने के तक आगे बढ़ा दिया गया है।
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