Punjab गवर्नर की 'कॉस्ट कटिंग', पहले राजभवन में किया टमाटर बैन, अब अधिकारियों की हवाई यात्रा-फाइव स्टार सुविधाओं पर रोक

Punjab News: पंजाब के गवर्नर ने राजभवन में टमाटर के इस्तेमाल पर अस्थायी रोक लगा दी है। अब उन्होंने चंडीगढ़ के अधिकारियों की हवाई यात्रा और फाइव स्टार होटल में ठहरने पर रोक लगा दी है।

Update:2023-08-08 22:25 IST
बनवारी लाल पुरोहित (Social Media)

Punjab News: पंजाब के गवर्नर और चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित (Banwari Lal Purohit) इन दिनों अपने एक के बाद एक फैसलों से सुर्ख़ियों में हैं। राज्यपाल पुरोहित ने पहले राजभवन में महंगे टमाटर के इस्तेमाल पर रोक लगाई और अब 'कॉस्ट कटिंग' (Cost Cutting) को लेकर बड़ा ऐलान किया। राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने केंद्र शासित चंडीगढ़ से दिल्ली दौरे पर जाने वाले अधिकारियों की मिलने वाली हवाई यात्रा की सुविधा तथा फाइव स्टार होटले में ठहरने पर रोक लगा दी। गवर्नर ने इसके लिए अपने सलाहकार को एक पत्र लिखा है।

राज्यपाल पुरोहित ने अपने सलाहकार (Advisor) को लिखे पत्र में कहा है कि, 'जिम्मेदार अधिकारी होने के नाते ये हमारा नैतिक कर्तव्य है। उन्होंने लिखा कि, सार्वजनिक धन की बर्बादी ना हो, किसी भी प्रकार की फिजूलखर्ची बर्दाश्त नहीं की जाए। पत्र में उन्होंने आगे लिखा, इस संबंध में चंडीगढ़ प्रशासन (Chandigarh Administration) के अधिकारियों द्वारा किए जा रहे खर्च से संबंधित एक समाचार मेरे संज्ञान में लाया गया था। जिसमें बताया गया कि अधिकारी दिल्ली के फाइव स्टार होटलों में रुके। कमर्शियल उड़ानों में बिजनेस क्लास से यात्रा की। इन पर नियंत्रण जरूरी है। पंजाब के गवर्नर के इस कदम की तारीफ हो रही है।

शताब्दी-वंदे भारत से करें यात्रा

गवर्नर पुरोहित ने पत्र में आगे लिखा है, 'वर्तमान परिस्थितियों पर गहन विचार-विमर्श के बाद, ये निर्देशित किया जाता है कि अब से अधिकारियों को दिल्ली के लिए किसी भी हवाई यात्रा की अनुमति दी जाएगी। दिल्ली जाने वाले सभी अधिकारी शताब्दी एक्सप्रेस (Shatabdi Express) और वंदे भारत ट्रेनों (Vande Bharat Trains) से यात्रा करेंगे। इसके अलावा, अधिकारी यूटी गेस्ट हाउस, पंजाब भवन या हरियाणा भवन में ही ठहरेंगे, न कि किसी बड़े होटल में।'

चंडीगढ़ के अधिकारियों पर ही लागू होगा आदेश

आपको बता दें कि, ये आदेश सिर्फ केंद्र शासित चंडीगढ़ के अधिकारियों पर ही लागू होगा। ऐसा इसलिए, कि पंजाब के राज्यपाल ही चंडीगढ़ एडमिनिस्ट्रेशन के प्रशासक भी हैं। ऐसे में पंजाब सरकार (Government of Punjab) का इस आदेश से कोई लेना-देना नहीं है। ज्ञात हो, चंडीगढ़ केंद्र शासित होने के साथ-साथ पंजाब और हरियाणा की संयुक्त राजधानी भी है।

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