Chandigarh News: चंडीगढ़ नगर निगम में दिखा लोकतंत्र का बेहतरीन नजारा, पार्षदों ने जमकर की मारपीट, चलाये लात-घूंसे
Chandigarh News: चंडीगढ़ नगर निगम की बैठक में कांग्रेस और बीजेपी पार्षदों के बीच एक ऐसे हंगामे का नजारा देखने को मिला, जैसे पूरी राजनीति का सार सिर्फ यही हो। मंगलवार को दोनों दलों के पार्षदों ने हाथापाई और नारेबाजी में ऐसी प्रतिस्पर्धा की कि लगता था जैसे वो एक-दूसरे से मुकाबला कर रहे हों कि कौन ज्यादा शोर मचा सकता है।;
Chandigarh Nagar Nigam (Photo: Social Media)
Chandigarh News: चंडीगढ़ नगर निगम की बैठक में कांग्रेस और बीजेपी पार्षदों के बीच एक ऐसे हंगामे का नजारा देखने को मिला, जैसे पूरी राजनीति का सार सिर्फ यही हो। मंगलवार को दोनों दलों के पार्षदों ने हाथापाई और नारेबाजी में ऐसी प्रतिस्पर्धा की कि लगता था जैसे वो एक-दूसरे से मुकाबला कर रहे हों कि कौन ज्यादा शोर मचा सकता है।
इस हंगामे का कारण रहा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बीआर आंबेडकर पर दिए गया बयान। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने तो अमित शाह के खिलाफ प्रस्ताव तक पारित कर उनका इस्तीफा तक मांग लिया। जाहिर है, बीजेपी पार्षदों को यह बिल्कुल पच नहीं पाया और उन्होंने चुटकी लेते हुए याद दिला दिया कि नेहरू के समय कांग्रेस ने आंबेडकर का अपमान किया था।
इतना ही नहीं, बैठक में कुछ पार्षदों ने अनिल मसीह को 'वोट चोर' तक कह डाला, और मसीह ने पलटवार करते हुए राहुल गांधी के जमानत पर बाहर होने का ताना मार दिया। और फिर, जनवरी में हुए चंडीगढ़ मेयर चुनावों की याद भी ताजा कर दी, जिसमें बीजेपी के मनोज सोनकर को 16 वोट मिले थे और आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के साझा उम्मीदवार कुलदीप कुमार को महज 12 वोट ही मिले। मगर उस चुनाव में आठ वोट को रिटर्निंग ऑफिसर ने अवैध करार दे दिया था। कुल मिलाकर, ये बैठक न केवल हंगामे से भरपूर रही, बल्कि मानो राजनीति का सारा "मजेदार ड्रामा" एक ही जगह सिमट आया हो।
वेल में दिखे अनिल मसीह
चंडीगढ़ नगर निगम की बैठक में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) के पार्षदों ने नॉमिनेटेड पार्षद अनिल मसीह को 'वोट चोर' करार दिया, जिससे विवाद और बढ़ गया और स्थिति हाथापाई तक पहुंच गई। इस दौरान अनिल मसीह वेल में आकर गुस्से में बोले, "राहुल गांधी भी जमानत पर हैं," जिसका मकसद विपक्ष को जवाब देना था। मसीह के इस बयान से माहौल और भी गर्म हो गया, और उनका गुस्सा साफ झलक रहा था।
गौरतलब है कि जनवरी में हुए चंडीगढ़ मेयर चुनाव में बीजेपी के मनोज सोनकर ने जीत हासिल की थी। इस चुनाव के पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह रहे, जिन पर विपक्ष ने गंभीर आरोप लगाए। आरोप था कि मसीह ने 8 मतपत्रों से छेड़छाड़ की और उन्हें अवैध घोषित कर दिया, जिससे चुनाव के नतीजों पर सवाल उठने लगे। इस पूरे घटनाक्रम के बाद मसीह पर विरोधियों की तरफ से कड़ी आलोचना की जा रही है।