Chandrayaan-3: लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान से संपर्क बनाने की तैयारी में ISRO, चांद के साउथ पोल पर सूर्योदय के बाद बढ़ीं उम्मीदें

Chandrayaan-3 News: इसरो चंद्रयान-3 मिशन के विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के साथ फिर से संपर्क स्थापित करने की तैयारी जुटा है। लैंडर और रोवर को पिछले 15 दिनों से 'स्लीप मोड' में रखा गया है।

Written By :  aman
Update: 2023-09-20 15:04 GMT

Chandrayaan-3 (Social Media)

Chandrayaan-3 News: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) चंद्रयान-3 मिशन (Chandrayaan-3) के विक्रम लैंडर और रोवर प्रज्ञान के साथ एक बार फिर संपर्क साधने की तैयारी कर रहा है। बता दें, विक्रम लैंडर और रोवर को पिछले 15 दिनों से स्लीप मोड (Vikram Lander sleep mode) में रखा गया है। हालांकि, 'शिव शक्ति पॉइंट' पर सूर्य की रोशनी आने के साथ ही उनके परिचालन स्थितियों में सुधार की उम्मीद है।

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इसरो का कहना है कि चंद्रमा के दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र में चंद्रयान-3 लैंडिंग साइट पर सूर्योदय हो गया है। ISRO को बैटरी के रिचार्ज होने का इंतजार है। अधिकारियों ने बताया कि उन्हें विक्रम लैंडर (Vikram Lander) और रोवर प्रज्ञान (Rover Pragyan) के साथ फिर से संचार स्थापित होने की उम्मीद है।

सूर्योदय मिशन के लिए महत्वपूर्ण क्षण

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अधिकारियों ने कहा कि, 'सूर्योदय चंद्रयान-3 मिशन के लिए महत्वपूर्ण क्षण है। क्योंकि, यह लैंडर और रोवर को अपना काम जारी रखने लिए आवश्यक गर्मी प्रदान करेगा। ISRO ने कहा, वे 22 सितंबर को संचार प्रयासों को शुरू करने से पहले तापमान के एक निश्चित स्तर से ऊपर बढ़ने का इंतजार करेंगे।'

'मील का पत्थर' साबित हुआ मिशन

गौरतलब है कि, 14 जुलाई, 2023 को लॉन्च चंद्रयान -3 मिशन (Chandrayaan-3 mission) पहले ही 'मील का पत्थर' साबित हो चुका है। इस मिशन ने भारत को चंद्रमा पर सफलतापूर्वक उतरने वाले चौथे देश और चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव (south pole of the moon) के पास ऐसा करने वाला पहला देश बनाया। मिशन का प्राथमिक उद्देश्य इस वैज्ञानिक रूप से पेचीदा क्षेत्र का पता लगाना है। माना जाता है कि यहां पर्याप्त मात्रा में जमा हुआ पानी है। ISRO का अध्ययन जारी है। 

रात की वजह से थमा मिशन

चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर 23 अगस्त को अपनी लैंडिंग के बाद से विभिन्न प्रकार के प्रयोग में जुटे हैं। उन्होंने चंद्रमा के आयनमंडल (ionosphere) में इलेक्ट्रॉन घनत्व को मापा है। साथ ही, चन्द्रमा की सतह का तापमान परीक्षण किया। प्रज्ञान रोवर ने चंद्रमा की सतह पर विक्रम लैंडर की पहली तस्वीर भी ली। हालांकि, चंद्रमा पर जारी मिशन रात आने की वजह से रोक दिया गया। क्योंकि, सौर ऊर्जा से चलने वाले वाहनों की बैटरी सूर्य के प्रकाश में ही अपने सिस्टम को चालू रख सकती है। बिना सूर्य की रोशनी के यह पर्याप्त शक्तिशाली नहीं थीं। 

अब जब चंद्रमा के इस भाग में सुबह होने वाली है तो इसरो की उम्मीदें भी जग गई हैं। उम्मीद है कि यदि इलेक्ट्रॉनिक्स सर्द रात में जीवित रहने में सक्षम होते हैं तो मिशन अपने अभूतपूर्व अन्वेषण को फिर से शुरू कर सकता है।

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