Chandrayaan-3: आखिर कब टूटेगी विक्रम-प्रज्ञान की नींद? चंद्रयान-3 पर ISRO चीफ सोमनाथ ने कही हैरान करने वाली बात
Chandrayaan-3 Mission: ISRO चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर प्रज्ञान से संपर्क करने का प्रयास जारी है। लेकिन, अभी तक कोई सिग्नल नहीं मिला है। इस बीच इसरो चीफ एस सोमनाथ ने कहा कि, चंद्रयान- 2 हमारे लिए बहुत बड़ी सीख रही।
Chandrayaan- 3 News: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने शनिवार (23 सितंबर) को बताया कि उसने चंद्र मिशन चंद्रयान-3 (India Moon Mission Chandrayaan-3) के लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान के साथ संपर्क करने के प्रयास किए। इसका मकसद उनके सक्रिय होने की स्थिति का पता लगाना है। लेकिन, अभी तक उनसे कोई सिग्नल प्राप्त नहीं हुआ है।
गौरतलब है कि, चंद्रयान- 3 के लैंडर विक्रम (Lander Vikram) और रोवर प्रज्ञान (Rover Pragyan) को इसी महीने की शुरुआत में 'स्लीप मोड' में डाल दिया था। इस बीच इसरो चीफ एस सोमनाथ (ISRO Chief S Somnath) ने चंद्रयान-3 को लेकर बात की। इसरो प्रमुख ने बताया, कि 'वो अभी तक के डाटा से संतुष्ट हैं। उन्होंने एक समाचार चैनल से बातचीत में कहा, 'चंद्रयान-3 में लगाए गए सभी वैज्ञानिक उपकरण से मिले डेटा से टीम संतुष्ट हैं। डेटा का परीक्षण किया जा रहा है। इसमें कई साल लग सकते हैं।'
क्या कहा ISRO चीफ ने?
इसरो चीफ एस सोमनाथ ने न्यूज़ चैनल से बातचीत में कहा, 'हमारे लिए चंद्रयान- 2 बहुत बड़ी सीख रही। इससे हमें ये समझने में मदद मिली कि, आखिर क्या गलत हुआ है? उन्होंने ये भी बताया कि चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2) से पहले हम ग्राउंड पर पूरी तरह से परीक्षण नहीं कर सकते थे।
चंद्रयान-3 पर ये दिया अपडेट
ISRO ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, 'लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान से संपर्क के प्रयास जारी रहेंगे। चंद्रमा पर सूर्योदय होने के साथ ही ISRO ने लैंडर और रोवर के साथ संचार एक बार फिर से स्थापित कर, उन्हें सक्रिय करने की कोशिशों में जुटी है। ताकि, वे वैज्ञानिक प्रयोग जारी रख सकें। बता दें, पृथ्वी के एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह चंद्रमा पर रात की शुरुआत से पहले, लैंडर और रोवर दोनों को इस महीने की शुरुआत में ही स्लीप मोड में डाल दिया गया था। हालांकि, उनके रिसीवर चालू रखे गए।
'हमें परेशान होने की जरूरत नहीं'
इसरो प्रमुख डॉ. एस सोमनाथ ने आगे कहा, 'हमें परेशान होने की जरूरत नहीं है। विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर में ऐसी तकनीक भेजी गई है, जैसे ही वो पूरी तरह से सूरज की रोशनी से ऊर्जा हासिल कर लेंगे, खुद-ब-खुद जग जाएंगे। अर्थात ऑटोमैटिकली एक्टिव हो जाएंगे। हमें बस यहां से उन पर नजर रखनी है। उन्होंने कहा, हमारे पास अभी 13 से 14 दिन बाकी हैं।
'जब तक जगेगा नहीं, तब तक जारी रहेंगे प्रयास'
इसरो प्रमुख ने कहा, इतने दिनों में किसी भी दिन विक्रम और प्रज्ञान से अच्छी खबर आ सकती है। सूरज के ढलने यानी शिव शक्ति प्वाइंट (Shiv Shakti Point) पर फिर से अंधेरा होने से पहले खुशखबरी आ सकती है। इससे ठीक पहले 22 सितंबर 2023 को अहमदाबाद स्थित इसरो के स्पेस एप्लीकेशन सेंटर (Space Application Center) के डायरेक्टर नीलेश देसाई ने कहा था, 'इसरो चंद्रयान-3 को यानी लैंडर-रोवर को 23 सितंबर को जगाने का प्रयास करेगा। फिलहाल लैंडर-रोवर निष्क्रिय हैं। ये प्रयास तब तक जारी रहेगा, जब तक वहां से कोई प्रतिक्रिया नहीं आती।'