Chandrayaan 3 Moon Landing: चंद्रयान 3 मून लैंडिंग : चाँद के एक दिन में पूरा हो जाएगा अभियान
Chandrayaan 3 Moon Landing: भारत अपने चंद्रयान 3 मिशन के साथ चंद्रमा पर उतरने का दूसरा प्रयास करने जा रहा है। चंद्रयान 3 संभवतः 13 जुलाई को लांच किया जाएगा और अगस्त के मध्य तक इसका अभियान संपन्न हो जाएगा।
Chandrayaan 3 Moon Landing: भारत अपने चंद्रयान 3 मिशन के साथ चंद्रमा पर उतरने का दूसरा प्रयास करने जा रहा है। चंद्रयान 3 संभवतः 13 जुलाई को लांच किया जाएगा और अगस्त के मध्य तक इसका अभियान संपन्न हो जाएगा।
2019 में चंद्रयान 2 मिशन का ‘विक्रम लैंडर’ लैंडिंग प्रक्रिया में देर हो जाने से चाँद पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया, हालांकि चंद्रयान के साथ वाला ऑर्बिटर अभी भी दूर से चाँद का अध्ययन कर रहा है। चंद्रयान 3 पहले ही लांच किया जाना था लेकिन कोरोना महामारी फैल जाने के चलते सभी तरह के अंतरिक्ष अभियानों पर ब्रेक लग गया। अब इसरो चाँद पर अपनी वापसी के लिए तैयार है।
डिजाईन में कई बदलाव
इसरो ने दुर्घटनाग्रस्त विक्रम लैंडर की तुलना में चंद्रयान 3 की सफलता के लिए डिज़ाइन में कई बदलाव किए हैं। नए मिशन में चंद्रयान 2 अंतरिक्ष यान जैसा कोई ऑर्बिटर शामिल नहीं होगा जो अभी भी चाँद की परिक्रमा कर रहा है बल्कि नए ऑर्बिटर का काम सिर्फ लैंडर को चाँद तक ले जाना, उसकी कक्षा से लैंडिंग की निगरानी करना और लैंडर और पृथ्वी स्टेशन के बीच संचार तक ही सीमित रहेगा।
नए लैंडर में चार इंजन शामिल होंगे; जबकि इंजीनियरों ने विक्रम लैंडर में पांचवां इंजन जोड़ा था। दूसरी पीढ़ी का लैंडर लैंडिंग पैरों के लिए थोड़े अलग डिजाइन पर भी निर्भर करेगा और इसमें एक उपकरण शामिल होगा जो चाँद की सतह के करीब पहुंचने पर लैंडर की गति को अधिक सटीक रूप से माप सकता है।
चंद्रयान 3 मिशन जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल मार्क थ्री रॉकेट के ऊपर सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च होगा। चंद्रयान 2 प्रक्षेपण के 30 दिन बाद चाँद की कक्षा में पहुंचा और प्रक्षेपण के 48 दिन बाद उसने लैंडिंग का प्रयास किया था। चंद्रयान 3 का लक्ष्य चाँद के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र में उसी लैंडिंग साइट पर है जिसे विक्रम ने 2019 में टारगेट किया था। यदि सब कुछ ठीक रहा, तो भारत, अमेरिका, रूस और चीन के बाद चंद्रमा पर सफलतापूर्वक सॉफ्ट-लैंडिंग करने वाला चौथा देश बन जाएगा। हालाँकि उनमें से कोई भी देश अभी तक बर्फ से समृद्ध दक्षिणी ध्रुव पर नहीं उतरा है।
फैक्ट फाइल
- चंद्रयान 3 को बनाने में कोई 615 करोड़ रुपये की लागत आई है।
- चंद्रयान चाँद की सतह पर एक रोवर उतारेगा जो चाँद के थर्मोफिजिकल गुणों, चंद्र भूकंपीयता, चंद्र सतह प्लाज्मा वातावरण और मौलिक संरचना का अध्ययन करने के लिए वैज्ञानिक उपकरणों से लैस होगा।
- चंद्रयान-3 में हैबिटेबल प्लैनेट अर्थ ‘शेप’ पेलोड को जोड़ा गया है। यह उपकरण चंद्र कक्षा से पृथ्वी के वर्णक्रमीय और ध्रुवीय माप का अध्ययन करेगा।
- इसरो ने चंद्रयान 3 मिशन के लिए तीन मुख्य उद्देश्य स्थापित किए हैं – चाँद पर सफलतापूर्वक सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग, चाँद की सतह पर घूमने की रोवर की क्षमता का प्रदर्शन करना और सीधे साइट पर वैज्ञानिक ऑब्जरवेशन करना शामिल है।
- लैंडर और रोवर को एक चंद्र दिवस के लिए चाँद की सतह पर काम करने और डेटा एकत्र करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। चाँद का एक दिन पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर होता है। यह अवधि चंद्रयान 3 मिशन का पूरा जीवनकाल है। लैंडिंग के बाद रोवर लैंडर से अलग हो जाएगा और डेटा एकत्र करते हुए चाँद की सतह पर प्रयोग करेगा।