Chandrayaan-3: सॉफ्ट लैंडिंग के लिए चंद्रयान-3 तैयार, भारत इतिहास रचने से चंद कदम दूर, आखिरी 15 मिनट बेहद भारी
Chandrayaan-3 Soft Landing: ISRO ने बताया, मिशन चंद्रयान-3 का लैंडर मॉड्यूल 23 अगस्त शाम चंद्रमा की सतह पर उतरने के लिए पूरी तरह तैयार है। भारत ऐसा पहला देश है जो चांद के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 को लैंड कराएगा।
Chandrayaan-3 Update: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का 'मिशन चंद्रयान-3' (Chandrayaan-3) चांद पर सफल लैंडिंग के लिए पूरी तरह तैयार है। देशवासियों की आशा और उम्मीदों के बीच भारत इतिहास रचने से बस चंद घंटे दूर है। आज आखिरी रात है। कल की सुबह मिशन चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) की सफलता की कामनाओं के साथ शुरू होगा। इस सफल लैंडिंग पर भारत ही नहीं बल्कि दुनिया की निगाहें टिकी हैं। भारत की सफलता उसे अलग मुकाम पर खड़ा कर देगा। ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा। साथ ही, चांद पर अपनी विजय पताका फहराएगा।
चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग से पहले हर बीतता क्षण उम्मीदों को बढ़ा रहा है। मंदिरों में हवन हो रहे, तो मस्जिदों में दुआएं मांगी गई। देश के लोगों से भी ज्यादा उन वैज्ञानिकों की नजरें आसमान की ओर लगी हैं , जिनकी वर्षों की मेहनत सफलता से बस एक कदम दूर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं वैज्ञानिकों का उत्साहवर्धन कर रहे हैं। चंद्रयान-3 की लैंडिंग के बाद मिशन की टीम से प्रधानमंत्री मोदी बात करेंगे। बता दें, पीएम मोदी ब्रिक्स बैठक के लिए दक्षिण अफ्रीका गए हुए हैं।
आखिरी 15 मिनट बेहद अहम
इंडियन स्पेस रिसर्च स्पेस ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) पूरी तरह तैयार है। आपको बता दें, स्पेसक्राफ्ट को सुरक्षित लैंड करवाना सबसे मुश्किल और नाजुक प्रक्रिया होती है। इसके आखिरी 15 मिनट सबसे अहम माने जाते हैं। आपको याद होगा, 4 साल पहले लॉन्च हुआ चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2) लैंडिंग के आखिरी 15 मिनट में ही क्रैश हुआ था। तब के इसरो चीफ के. सिवन की पीएम मोदी से लिपटकर रोते तस्वीरें हर किसी को भावुक कर गया था। ऐसे में इस बार भी इस समय को अहम माना जा रहा है। आखिरी 15 मिनट में चंद्रयान-3 कई चरणों से गुजरेगा। लेकिन, ISRO भी इस बार तैयार है।
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लैंडिंग से पहले कम की जाएगी रफ़्तार
इसरो ने बताया कि, 'चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग के पहले चरण में चंद्रयान की 'रफ ब्रेकिंग' (Rough Breaking) की जाएगी। इस दौरान चंद्रयान की रफ़्तार कम हो जाएगी। यहां चंद्रयान की रफ़्तार केवल 358 मीटर प्रति सेकेंड रह जाएगी। वहीं, दूसरे चरण में स्पेसक्राफ्ट (spacecraft) का एल्टीट्यूट होल्ड फेज होगा। इस दौरान चंद्रयान-3 चंद्रमा की सतह से मात्र 7.4 किलोमीटर की ऊंचाई पर होगा।
समतल जमीन होगी लैंडिंग
ISRO ने जानकारी दी कि, फाइन ब्रेकिंग फेज (Fine Braking Phase) में चंद्रयान-3 चांद की सतह से करीब 800 मीटर की ऊंचाई पर पहुंच जाएगा। तब चंद्रयान की स्पीड शून्य हो जाएगी। यह लैंडिंग का तीसरा चरण होगा। जबकि, चौथे फेज में चंद्रयान-3 चांद पर समतल जमीन ढूंढकर सॉफ्ट लैंडिंग करने का प्रयास करेगा।
ISRO- स्पीड कम करना बड़ी चुनौती
वैज्ञानिक बताते हैं, आखिरी 15 मिनट की प्रक्रिया सबसे बड़ी चुनौती है। चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) की स्पीड कम करना, वो काम करेंगे लैंडर को गति देने वाले थ्रस्टर। लैंडर में चार थ्रस्टर लगे हैं जो उल्टी दिशा में चलेंगे। उन्हीं से चंद्रयान-3 की रफ़्तार कम होगी, जो सॉफ्ट लैंडिंग करवाएगी। इस पूरी प्रक्रिया के बारे में ऐस्ट्रोफिसिसिस्ट आर सी कपूर (Astrophysicist RC Kapoor) ने बताया कि, अंतिम 15 मिनट की पूरी प्रक्रिया में सबसे बड़ी चुनौती है चंद्रयान-3 की स्पीड कम करना। इसकी गति को कम करने लिए लैंडर को गति देने वाले थ्रस्टर काम आएंगे। उन्होंने बताया, लैंडर में चार थ्रस्टर लगे हैं। ये सभी उल्टी दिशा में चलेंगे। तभी चंद्रयान-3 की स्पीड कम होगी।
चांद पर कोई वायुमंडल नहीं है, इसलिए...
ISRO के वैज्ञानिक इन थ्रस्टर के जरिए ही लैंडर की रफ़्तार कंट्रोल कर इसे लैंड करने की कोशिश करते हैं। चंद्रयान- 3 मिशन से जुड़े वैज्ञानिक ने बताया कि, 'चूंकि चांद पर कोई वायुमंडल (Atmosphere) नहीं है, इसलिए लैंडर चांद पर धरती की तरह लैंड नहीं किया जा सकता।'
बुधवार शाम 6.04 बजे लैंड करेगा चंद्रयान-3
इसरो ने बताया कि, मिशन चंद्रयान-3 (Mission Chandrayaan-3) का लैंडर मॉड्यूल बुधवार शाम चंद्रमा की सतह पर उतरने के लिए पूरी तरह तैयार है। भारत ऐसा पहला देश है, जो चांद के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 को लैंड कराएगा। इसरो के अनुसार, लैंडर 'विक्रम' और रोवर 'प्रज्ञान' वाला लैंडर मॉड्यूल बुधवार शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र के पास उतरेगा।
तय समय से आगे बढ़ रहा Chandrayaan-3
इसरो ने 22 अगस्त को बताया कि, चंद्रयान- मिशन तय समय पर है। सिस्टम की नियमित जांच जारी है। सुचारू रूप से उड़ान भी जारी है। इसरो के अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र के निदेशक नीलेश देसाई (Nilesh Desai) ने कहा, 'अगर 23 अगस्त को स्थिति असामान्य पाई जाती है, तो हम लैंडिंग में चार दिन की देरी कर उसे 27 अगस्त कर देंगे।'
के. सिवन को भरोसा- हम होंगे कामयाब
ISRO के पूर्व प्रमुख के सिवन (Former ISRO chief K Sivan) का कहना है कि 'इस बार आखिरी 15 मिनट के टेरर से निपटने के सभी इंतजाम किए गए हैं। चंद्रयान-3 का पूरा सिस्टम बिलकुल दुरुस्त है। इसकी गवाह है, वहां से भेजी चांद की सबसे नई तस्वीर। इसरो ने इस तस्वीर को जारी भी किया है। सिवन कहते हैं, 'इस बार ये शानदार सफलता होगी। चंद्रयान-2 से हमने जो सबक लिया, उसके आधार पर सिस्टम ज्यादा मजबूती के साथ आगे बढ़ रहा है।