सलमान खुर्शीद ने बच्चे से लगवाए 'आजादी के नारे', मुस्कुराते हुए दिया प्रोत्साहन

कांग्रेस  के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह बच्चे के साथ 'आजादी' के नारे लगा रहे हैं। यह वीडियो  जेएनयू इलाके का है।

Update: 2020-02-10 16:42 GMT

नई दिल्ली : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह बच्चे के साथ 'आजादी' के नारे लगा रहे हैं। वायरल वीडियो को सोशल मीडिया पर देख सकते हैं। वीडियो जेएनयू इलाके का है। वीडियो में बच्चे से आजादी के नारे लगवा रहा और सलमान खुर्शीद मुस्कुराते हुए आजादी के नारे को दोहरा रहे हैं।

बच्चा कहता है, 'हम क्या चाहते' तो कांग्रेस नेता खुर्शीद कहते हैं 'आजादी।' वीडियो में साफ तौर से दिख रहा है कि बच्चा कहता है कि 'तुम गोली मारो', 'तुम कुछ भी कर लो', 'तुम कैसे ना दोगे', 'हम छीन के लेंगे' इन सबके जवाब में खर्शीद 'आजादी' के नारे लगा रहे हैं।

 

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इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकरअय्यर, शशि थरूर, दिग्विजय सिंह जैसे नेता शाहीन बाग में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों का समर्थन करने के लिए जा चुके हैं। सलमान खुर्शीद का वीडियो सामने आने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने सोमवार को कांग्रेस और विपक्ष को नागरिकता संसोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) का विरोध करने वालों का ‘संरक्षक’ बताया और उन पर अल्पसंख्यक समुदाय को गुमराह करने का आरोप लगाया।

अश्विनी चौबे ने कहा-

संसद में बातचीत में अश्विनी चौबे ने कहा, मैं आपको बता रहा हूं, वे संरक्षक हैं। कांग्रेस, आप और विपक्षी दलों ने भाड़े के लोगों को सड़कों पर उतारा है, जो लंबे समय से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।’ प्रदर्शन के कारण पिछले डेढ़ महीने से बंद पड़े शाहीन बाग रोड के बारे में कहा कि यह ‘असंवैधानिक’ है।

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा-

इससे पहले, शाहीन बाग विरोध प्रदर्शन के मामले पर गौर करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘आप सार्वजनिक सड़कों को अनिश्चित काल तक बंद नहीं कर सकते और सार्वजनिक जगहों पर विरोध प्रदर्शन इस तरह जारी नहीं रह सकते।’

कालिंदी कुंज और नोएडा को जोड़ने वाली एक मुख्य सड़क शाहीन बाग को खोलने के लिए अधिकारियों को निर्देश देने की मांग को लेकर अधिवक्ता अमित साहनी द्वारा दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी की। शीर्ष अदालत ने चार महीने के बच्चे की हुई मौत पर भी स्वत: संज्ञान लिया, और कहा कि शाहीन बाग में इतना छोटा बच्चा विरोध करने कैसे जा सकता है और भला माएं भी कैसे इसका समर्थन कर सकती हैं।

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