घुटनों के बल आया चीन: सीमा विवाद के बाद भारत ने उठाया ये बड़ा कदम

भारत द्वारा डिजिटल स्ट्राइक करने के बाद से चीन एक दम से तिलमिला उठा है। वह अब नियम और नीतियों की दुहाई दे रहा है। उसने भारत द्वारा उठाए जा रहे एक के बाद एक बड़े कदम पर कहा है कि चीन इस मामले पर गंभीरता से चिंतित है और इसका विरोध करता है।

Update: 2020-09-03 09:19 GMT
सूचना मंत्रालय ने बुधवार को मोबाइल गेम पबजी समेत 118 मोबाइल एप्स पर बैन लगा दिया है। भारत इससे पहले दो बार और चीन पर डिजिटल स्ट्राइक कर चुका है।

नई दिल्ली: भारत द्वारा डिजिटल स्ट्राइक करने के बाद से चीन एक दम से तिलमिला उठा है। वह अब नियम और नीतियों की दुहाई दे रहा है। उसने भारत द्वारा उठाए जा रहे एक के बाद एक बड़े कदम पर कहा है कि चीन इस मामले पर गंभीरता से चिंतित है और इसका विरोध करता है।

दरअसल ये पूरा मामला चीनी मोबाइल एप्स से जुड़ा है। भारत सरकार ने बुधवार को पबजी समेत 118 एप्स पर देश में प्रतिबंध लगा दिया। पबजी मोबाइल का स्वामित्व चीनी कंपनी टेनसेंट के पास है।

जिस पर चीन के वाणिज्य मंत्रालय की प्रतिक्रिया आई है। चीन ने कहा कि मोबाइल एप्स पर भारत का प्रतिबंध चीनी निवेशकों और सेवा प्रदाताओं के कानूनी हितों का उल्लंघन करता है। चीन इस मामले पर गंभीरता से चिंतित है और इसका विरोध करता है।

एलएससी पर पहरा देते भारतीय सैनिक की फोटो(साभार-सोशल मीडिया)

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पबजी समेत 118 मोबाइल एप्स पर बैन

बताते चलें कि भारत में सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने बुधवार को मोबाइल गेम पबजी समेत 118 मोबाइल एप्स पर बैन लगा दिया है। भारत इससे पहले दो बार और चीन पर डिजिटल स्ट्राइक कर चुका है।

केंद्र सरकार ने जून के आखिरी सप्ताह में टिकटॉक समेत चीन के 47 एप्स पर बैन लगाया था और उसके बाद जुलाई अंत में 59 और चीनी एप्स को बैन कर दिया। सरकार ने इस फैसले के पीछे राष्ट्रीय सुरक्षा का जिक्र किया था।

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पब्जी गेम की फोटो(साभार-यूट्यूब)

भारत ने बताया क्यों जरूरी था ये कदम

इस पूरे मामल में मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति जारी कर कहा है सरकार ने 118 मोबाइल एप्स पर बैन लगाया है।

ये सभी एप्स कभी भी भारत की संप्रभुता और अखंडता, भारत की रक्षा, राज्य की सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए खतरा बन सकते हैं।

इतना ही नहीं मंत्रालय ने ये तो ये कहा कि उसे विभिन्न माध्यमों से ऐसी जानकारी प्राप्त हुई हैं कि एंड्रॉयड और आईओएस प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कई मोबाइल एप उपयोगकर्ताओं का डाटा चुरा रहे थे और भारत के बाहर इनसे जुड़ी जानकारियां भेज रहे थे।

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