Indo-China LAC: चीन नहीं आ रहा बाज, पैंगोंग झील पर LAC के पास बना रहा दूसरा पुल, सैटेलाइट तस्वीरों से खुला राज

चीन ने इस पुल का निर्माण भी पहले ब्रिज की तरह ही अपने अधिकार क्षेत्र वाली झील पर शुरू किया है। मगर, भारत के लिए चिंता की बात ये है कि यह भारतीय सीमा से सटी एलएसी के बेहद करीब है।

Written By :  aman
Update:2022-05-18 15:33 IST

सैटेलाइट तस्वीरें 

China Bridge At Pangong Lake : चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा। पूर्वी लद्दाख की विवादित पैंगोंग झील (Disputed Pangong Lake in Eastern Ladakh) पर चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने दूसरे पुल का निर्माण शुरू कर दिया है। यह खुलासा ओपन-सोर्स इंटेलीजेंस, डेड्रस्फा (डैमिन सिमोन) ने सैटेलाइट इमेज के बाद किया है।

हालांकि, चीन ने इस पुल का निर्माण भी पहले ब्रिज की तरह ही अपने अधिकार क्षेत्र वाली झील पर शुरू किया है। मगर, भारत के लिए चिंता की बात ये है कि यह भारतीय सीमा से सटी एलएसी (LAC) के बेहद करीब है। 

पहले ब्रिज के बेहद करीब है दूसरा

सैटेलाइट से प्राप्त तस्वीरों से पता चलता है कि चीन द्वारा बनाए जा रहे दूसरे पुल और पहले ब्रिज के बीच दूरी अधिक नहीं है। दोनों ब्रिज सटे हुए हैं। दूसरा पुल पैंगोंग झील के दोनों छोर अर्थात उत्तर और दक्षिण दोनों ही तरफ से बनाया जा रहा है। यह पुल पहले वाले ब्रिज से बेहद करीब है। जिसका निर्माण चीन ने हाल ही में पूरा किया था। 

भारत की अभी नहीं कोई प्रतिक्रिया

वहीं दूसरी ओर, चीन की इस हरकत पर भारत की तरफ से अभी तक कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। माना जा रहा है, कि चीन की पीएलए सेना (PLA Army) आने-जाने के लिए अलग-अलग पुलों का निर्माण कर रही है। ये भी संभव है कि, हो सकता है कि एक पुल पैदल सैनिकों के लिए हो तो बख्तरबंद यानी टैंक, आर्मर्ड पर्सनल कैरियर, सहित अन्य मिलिट्री-व्हीकल्स के लिए हो।  

पहले पुल का निर्माण महज पांच महीने में 

गौरतलब है कि, पूर्वी लद्दाख से सटे LAC पर चल भारत का चीन से सीमा विवाद है। चीन की पीएलए सेना ने इसी वर्ष जनवरी में एक पुल बनाने का काम शुरू किया था। मात्र पांच महीने चीन ने इसे बनाकर खड़ा कर दिया। पहले पुल निर्माण का खुलासा भी ओपन सोर्स सैटेलाइट इमेज के जरिये ही हुआ था।

पैंगोंग झील का दो तिहाई हिस्सा चीन का

आपको बता दें कि, पैंगोंग झील करीब 140 किलोमीटर लंबी है। इस झील का दो तिहाई हिस्सा यानी लगभग 100 किलोमीटर चीन का है। इस वक़्त चीन के सैनिकों को झील के एक किनारे से दूसरे छोर तक जाने के लिए बोट आदि का सहारा लेना पड़ता है। कभी कभी तो 150 किलोमीटर घूम कर आना पड़ता है। मगर, नए पुल बनने से एक छोर से दूसरे छोर पर पहुंचना बेहद आसान हो गया है। चीन ने इन दोनों पुल का निर्माण अपने सीमा क्षेत्र में किया है। 

दोनों देशों के 60-60 हजार सैनिक तैनात  

साल 2019 में पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण दोनों में भारत और चीन की सेनाओं में विवाद हुआ था। झील के उत्तर में विवादित फिंगर एरिया है, तो दक्षिण में कैलाश हिल रेंज (Kailash Hill Range) और रेचीन ला दर्रा। चूंकि, बाद में दोनों ही जगह डिसएंगेजमेंट हो गया था लेकिन पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों की सेनाओं के बीच तनाव अभी भी जारी है। दोनों ही देश के करीब 60-60 हजार सैनिक यहां तैनात हैं। इतना ही नहीं, इसके अलावा टैंक, तोप और मिसाइलों का भी जखीरा है। 

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