चीनी गांव: भाजपाइयों ने अरुणाचल में किया जोरदार प्रदर्शन, जिनपिंग का पुतला फूंका
भाजपा प्रवक्ता टेची नेचा ने कहा है कि चीन की इन हरकतों की हम कड़ी निंदा करते हैं और बीजिंग को कड़ा संदेश देना चाहते हैं कि हम भारतीय हैं और भारतीय ही रहेंगे।
नई दिल्ली: चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश के अपर सुवर्णश्री जिले में एक गांव बसाने पर भारत के लोगों के मन में आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है। इसको लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने अपनी नाराजगी जाहिर की है।
इसी कड़ी में भाजपा कार्यकर्ताओं ने भी सड़कों पर उतरकर चीन की इस नापाक हरकत के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया है। उन्होंने सड़क पर चीन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और राष्ट्रपति शी जिनपिंग का पुतला जलाया।
इस मामले में भाजपा प्रवक्ता टेची नेचा का बयान सामने आया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि चीन अक्सर अरुणाचल प्रदेश को अपना क्षेत्र बताता है और राज्य में इस तरह की घुसपैठ करता है। जो कि ठीक बात नहीं है।
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चीन ने 1959 में कांग्रेस के शासन में इस जगह पर किया था कब्जा
चीन की इन हरकतों की हम कड़ी निंदा करते हैं और बीजिंग को कड़ा संदेश देना चाहते हैं कि हम भारतीय हैं और भारतीय रहेंगे।
टेची नेचा ने कहा कि उस क्षेत्र (जहां चीन ने कथित तौर पर निर्माण किया है) पर चीन ने कांग्रेस के शासन काल में 1959 में अवैध तरीके से कब्जा किया था और पार्टी इसकी रक्षा करने या राज्य के सीमावर्ती इलाकों का विकास करने में कामयाब नहीं हो पाई।
जबकि भाजपा अपनी सरकार बनने के बाद मैकमोहन रेखा के पास 2000 किलोमीटर लंबे अरुणाचल फ्रंटियर राजमार्ग का कांस्ट्रक्टशन करा रही है।
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क्या है ये पूरा मामला
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर जारी तनाव के बीच चीन ने अपनी विस्तारवादी नीति के तहत भारत के अरुणाचल प्रदेश की सीमा के अंदर गांव बसा लिया है।
यह गांव अरुणाचल में वास्तविक भारतीय सीमा के करीब 4.5 किमी अंदर स्थित है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन ने इस गांव में करीब 101 घर बनाए हैं। चीन द्वारा इस गांव को त्सारी चू गांव के अंदर बसाया गया है, जो कि अरुणाचल के ऊपरी सुवर्णश्री जिले में स्थित है।
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