CJI एस ए बोबडे ने आम बजट से पहले कहा- जनता से ना करें...
देश का आम बजट पेश होने में अब कुछ ही दिन बचे हैं। आर्थिक सुस्ती के बीच पेश हो रहे इस बजट से हर वर्ग के लोगों को उम्मीद है। खासतौर पर मिडिल क्लास के लोग टैक्स स्लैब में कटौती की उम्मीद कर रहे हैं। मिडिल क्लास की इन उम्मीदों को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) एस ए बोबडे का साथ मिला है।
नई दिल्ली: बजट पेश होने से ठीक एक हफ्ते पहले देश के मुख्य न्यायाधीश एस. ए. बोबडे ने टैक्स रिफॉर्म को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि सरकार की ओर से जनता पर अधिक या मनमाना टैक्स लगाना समाज के प्रति अन्याय है। चीफ जस्टिस ने टैक्स चोरी को अपराध बताते हुए कहा कि यह दूसरे लोगों के साथ अन्याय भी है।
देश का आम बजट पेश होने में अब कुछ ही दिन बचे हैं। आर्थिक सुस्ती के बीच पेश हो रहे इस बजट से हर वर्ग के लोगों को उम्मीद है। खासतौर पर मिडिल क्लास के लोग टैक्स स्लैब में कटौती की उम्मीद कर रहे हैं। मिडिल क्लास की इन उम्मीदों को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) एस ए बोबडे का साथ मिला है। दरअसल,चीफ जस्टिस एस ए बोबडे ने कहा है कि नागरिकों पर टैक्स का बोझ नहीं डाला जाना चाहिए। चीफ जस्टिस ने ये बात इनकम टैक्स ट्रिब्यूनल के 79 वें स्थापना दिवस के कार्यक्रम में कही।
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एस ए बोबडे ने कहा कि टैक्स चोरी करना आर्थिक अपराध के साथ देश के बाकी नागरिकों के साथ सामाजिक अन्याय भी है। लेकिन अगर सरकार मनमाने तरीके से या फिर अत्यधिक टैक्स लगाती है तो ये भी खुद सरकार द्वारा सामाजिक अन्याय है।
चीफ जस्टिस बोबडे ने कहा, 'टैक्स को शहद के रूप में निकाला जाना चाहिए। फूल को नुकसान पहुंचाए बिना अमृत खींचना है।'चीफ जस्टिस बोबडे के मुताबिक टैक्सपेयर्स को उचित और शीघ्र विवाद समाधान मिलना चाहिए ताकि वो प्रोत्साहित हो सकें। इसके साथ ही एक कुशल टैक्स न्यायपालिका को ये सुनिश्चित करना चाहिए कि टैक्सपेयर मुकदमेबाजी में ही न फंसे रहें।
चीफ जस्टिस बोबडे ने ये बात ऐसे समय में कही है जब देश का आम बजट पेश होने वाला है।आर्थिक सुस्ती के बीच पेश हो रहा ये बजट काफी अहम माना जा रहा है। जानकारों की मानें तो सरकार सरकारी खर्चे को बढ़ाने के लिए कई बड़े फैसले ले सकती है। हालांकि ये भी कहा जा रहा है कि टैक्स कलेक्शन को बढ़ाने के उपाय पर भी जोर दिया जा सकता है।
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इसके साथ ही चीफ जस्टिस बोबडे ने न्यायपालिका में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका में टेक्नोलॉजी का उपयोग अहम है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस निर्णय लेने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। कई ऐसे क्षेत्र हैं जिन्हें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस द्वारा कवर किया जा सकता है।