CM शिवराज का बड़ा तोहफाः किया ये एलान, 66 लाख छात्रों के खाते में भेजे करोड़ों

देश में कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन है। स्कूल कॉलेज और शैक्षणिक संस्थाएं सब बंद हैं। ऐसे में स्कूलों में छात्र-छात्राओं को मिलने वाले मिड डे मील की जगह मध्य प्रदेश सरकार ने सुरक्षा भत्ता देने का फैसला लिया है। राज्य के सीएम शिवराज सिंह चौहान खाद्य सुरक्षा भत्ता छात्रों के खातों में पहुंचा रहे हैं,

Update:2020-05-31 10:00 IST

भोपाल: पूरे देश में कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन है। स्कूल कॉलेज और शैक्षणिक संस्थाएं सब बंद हैं। ऐसे में स्कूलों में छात्र-छात्राओं को मिलने वाले मिड डे मील की जगह मध्य प्रदेश सरकार ने सुरक्षा भत्ता देने का फैसला लिया है। राज्य के सीएम शिवराज सिंह चौहान खाद्य सुरक्षा भत्ता छात्रों के खातों में पहुंचा रहे हैं, ताकि उनको भोजन की समस्या न हो। सीएम ने 66 लाख विद्यार्थियों के खातों में 146 करोड़ की राशि जमा कराई है। पहली बार छुट्टियों में भी छात्रों को खाद्य सुरक्षा भत्ते के रूप में मध्यान भोजन की व्यवस्था कराई गई है।

छात्र छात्राओं की भोजन की व्यवस्था

शिवराज सरकार ने छुट्टियों में भी छात्र छात्राओं की भोजन की व्यवस्था की है। मई और जून महीने के 37 दिनों की 145.92 करोड़ की राशि 66.27 लाख विद्यार्थियों के खातों में जमा कराई गई है। इससे पहले मार्च और अप्रैल के महीने में 33 दिन की राशि 117.11 करोड़ रुपए जमा कराए जा चुके हैं। मिड डे मील तैयार करने वाले रसोइयों को भी दो किस्तों में 84 करोड़ की राशि खातों में पहुंचाई गयी है।

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हर साल 1.13 लाख राज्य के शासकीय प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय, अनुदान प्राप्त शालाओं, मदरसों, बाल श्रम परियोजना के स्कूलों के बच्चों को मध्‍याह्न भोजन यानी स्कूलों में दोपहर में पका हुआ भोजन दिया जाता था। कोरोना वायरस के चलते स्कूल पूरी तरह से बंद हैं। ऐसे में बच्चों के सामने भोजन का संकट न हो, इसलिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बच्चों को खाद्य सुरक्षा भत्ता देने का फैसला किया है।

 

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इसी के साथ ही 29 मार्च को बच्चों को खाद्य सुरक्षा भत्ते की पहली किस्त 117.8 करोड़ रुपए छात्रों के खातों में जमा कराई गई। दूसरी किस्त यानी 33 दिन की राशि 145.92 करोड़ की राशि प्रदेश भर के छात्र-छात्राओं के खातों में पहुंचाई गई है। सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को मिड डे मील के लिए स्कूलों से अनाज का वितरण किया जा रहा है। अनाज बाजार में अब तक शिक्षकों की ही ड्यूटी लगाई गई है। छात्र-छात्राओं के घर अनाज पहुंचाने की जिम्मेदारी शिक्षक की ही है। संकट के इस दौर में सरकार का यह कदम सराहनीय है।

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