कोयला घोटाला: पूर्व कोल सेक्रेटरी एचसी गुप्ता, पूर्व जॉइंट सेक्रेटरी केएस क्रोफा दोषी करार
नई दिल्ली: स्पेशल कोर्ट ने कोलगेट मामले में पूर्व कोल सेक्रेटरी एचसी गुप्ता, जॉइंट सेक्रेटरी केएस क्रोफा और केएसएसपीएल तथा उसके एमडी पीके आहलूवालिया को कई धाराओं के तहत आपराधिक साजिश का दोषी ठहराया है। दिल्ली की अदालत ने उन्हें मध्यप्रदेश के रुद्रपुर में केएसएसपीएल कोल ब्लॉक आवंटन में धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार करने का भी दोषी पाया है।
इस मामले में मुकदमे का सामना कर रहे चार्टर्ड अकाउंटेंट अमित को सभी आरोपों से बरी कर दिया गया है। बता दें, कि ये कोयला घोटाला पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के दौरान हुआ था।
क्या था कोयला घोटाला?
संप्रग सरकार के दौरान 1.86 लाख करोड़ रुपए का यह घोटाला तब सामने आया था जब नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने मार्च 2012 में अपनी ड्राफ्ट रिपोर्ट में सरकार पर आरोप लगाया था कि उसने 2004 से 2009 तक की अवधि में कोयला ब्लॉक का आवंटन गलत तरीके से किया। सीएजी की अंतिम रिपोर्ट के मुताबिक इससे सरकारी खजाने को 1 लाख करोड़ से ज्यादा का नुकसान पहुंचा था। इस दौरान कंपनियों ने बेहिसाब मुनाफा कमाया था।
बिना नीलामी आवंटित किए थे कोल ब्लॉक
सीएजी की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने कई कंपनियों को बिना किसी नीलामी के कोयला ब्लॉक आवंटित किए थे। इनमें एनटीपीसी, टाटा स्टील, भूषण स्टील, जेएसपीएल, एमएमटीसी और सीईएससी जैसी सरकारी और प्राइवेट- दोनों कंपनियों के नाम शामिल थे। आजादी के बाद भारतीय राजनीतिक इतिहास में ये पहली बार एेसा हुआ था कि किसी मामले में देश के प्रधानमंत्री पर उंगली उठाई गई थी।