बोर्ड परीक्षाएं रद्द होने से अखिलेश सरकार को झटका, फरवरी में हो सकते हैं यूपी में चुनाव

अखिलेश सरकार ने चुनावों की तारीखें अपने मनमाफिक आधार पर तय करवाने के प्रत्यक्ष दबाव के तहत हड़बड़ी में 16 फरवरी 2017 से दसवीं व बारहवीं की परिक्षाओं का कार्यक्रम घोषित कर दिया था। चुनाव आयोग ने अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए बोर्ड परीक्षाएं निरस्त कर दीं।

Update: 2016-12-10 15:23 GMT

नई दिल्ली: यूपी में विधानसभा चुनाव अप्रैल में कराने की अखिलेश सरकार की मंशा पर भारत के निर्वाचन आयोग ने पानी फेर दिया है। आयोग इस बात से नाराज है कि जैसे ही उसने पिछले सप्ताह चुनाव कार्यक्रमों के बारे में विचार-विमर्श की प्रक्रिया आरंभ करने का खुलासा किया, तो उसकी जानकारी मिलते ही अखिलेश सरकार ने राज्य की बोर्ड परीक्षाओं का कार्यक्रम घोषित कर निर्वाचन आयोग की अंदरूनी प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश की है। आयोग के एक अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार को इस तरह के परीक्षा कार्यक्रम को पूर्व परंपरा के हिसाब से आयोग को भरोसे में लेकर करना चाहिए था।

आयोग ने दिया झटका

बता दें कि अखिलेश सरकार ने चुनावों की तारीखें अपने मनमाफिक आधार पर तय करवाने के प्रत्यक्ष दबाव के तहत हड़बड़ी में 16 फरवरी 2017 से दसवीं व बारहवीं की परिक्षाओं का कार्यक्रम घोषित कर दिया था। आयोग को लगा कि अखिलेश सरकार ने राज्य की 403 विधानसभा सीटों पर जल्द चुनाव की तारीखों को टलवाकर अप्रैल में चुनाव कार्यक्रम तय करवाने की नीयत से ही परीक्षा कार्यक्रम जारी किया था। निर्वाचन आयोग ने अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए बोर्ड परीक्षाएं निरस्त करते हुए यूपी सरकार को निर्देश दिए हैं कि परीक्षाओं की तारीख तय करने से पहले आयोग से उसकी स्वीकृति करा ली जाए।

फरवरी में हो सकते हैं चुनाव

बोर्ड परीक्षाओं को बिना उसकी जानकारी के घोषित करने के यूपी सरकार के फैसले पर आयोग की नाराजगी का मूल कारण यह भी है कि लगभग सभी स्कूलों के परीक्षा केंद्र चुनावों में पोलिंग बूथ के तौर पर इस्तेमाल होते हैं तथा चुनाव के कई दिन पहले सुरक्षा बलों के रहने की व्यवस्था भी उन्हीं केंद्रों पर की जाती है। आयोग के इस कदम से साफ हो गया है कि वह यूपी, पंजाब उत्तराखंड समेत सभी पांचों प्रदेशों में चुनाव कार्यक्रम फरवरी माह को ध्यान में रखते हुए तैयार करवा रहा है।

चुनाव से न टकराएं परीक्षाएं

आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि उसकी मंशा यह कतई नहीं है कि यूपी व बाकी राज्यों में बोर्ड की परीक्षाओं में शामिल होने वाले छात्रों की परीक्षाओं व चुनावों के कार्यक्रम के बीच आपसी व्यवधान हो। आयोग ने इस बाबत यूपी के मुख्य चुनाव आयुक्त को आवश्यक निर्देश दिए हैं ताकि राज्य सरकार व निर्वाचन आयोग के बीच बोर्ड परीक्षाओं की तारीख के लिए जरूरी समन्वय बनाया जा सके। बता दें कि यूपी माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने 10वीं व 12 वीं परीक्षाओं के कार्यक्रम को 16 फरवरी से 6 मार्च के बीच आयोजित करने का कार्यक्रम घोषित किया गया था।

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