आयोग को बिहार चुनाव की चिंता, दक्षिण कोरियाई मॉडल अपनाने के लिए बनी कमेटी
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन तीन मई तक चलने वाला है। जानकारों का कहना है कि लॉकडाउन की समय सीमा बढ़ाई भी जा सकती है और यदि 3 मई को लॉकडाउन खत्म भी हो गया तो तमाम तरीके की बंदिशें आगे भी लागू रहेंगी।
नई दिल्ली। कोरोना से जंग जीतने के लिए घोषित देशव्यापी लॉकडाउन के बीच चुनाव आयोग को एक अलग ही चिंता सता रही है। चुनाव आयोग की यह चिंता बिहार चुनाव को लेकर है। बिहार में इस साल के आखिर तक चुनाव होने हैं और आयोग का मानना है कि यदि स्थितियां पूर्ण रूप से सामान्य नहीं हो पाईं तो आखिर चुनाव कैसे होगा। आयोग ने बिहार चुनाव में दक्षिण कोरिया का मॉडल अपनाने के लिए एक कमेटी भी बना दी है। आयोग इस कमेटी की सिफारिशों पर गौर करेगा।
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आगे भी जारी रह सकती हैं तमाम बंदिशें
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देश में इन दिनों लॉकडाउन घोषित है। यह लॉकडाउन तीन मई तक चलने वाला है।
जानकारों का कहना है कि लॉकडाउन की समय सीमा बढ़ाई भी जा सकती है और यदि 3 मई को लॉकडाउन खत्म भी हो गया तो तमाम तरीके की बंदिशें आगे भी लागू रहेंगी। ऐसे में चुनाव आयोग ने बिहार चुनाव को लेकर अभी से ही चर्चा शुरू कर दी है।
दक्षिण कोरिया के मॉडल का अध्ययन करेगी कमेटी
बिहार चुनाव पर चर्चा करने के लिए चुनाव आयोग ने हाल में एक बैठक भी की है। इस बैठक में बिहार चुनाव को लेकर दक्षिण कोरिया का मॉडल अपनाने पर भी चर्चा की गई।
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बैठक में यह सुझाव उभरकर आया कि यदि स्थितियां पूरी तरह सामान्य नहीं हो पाती हैं तो दक्षिण कोरिया का मॉडल अपनाया जा सकता है। बैठक में हुई चर्चा के आधार पर दक्षिण कोरिया का मॉडल अपनाने के संबंध में एक कमेटी का गठन भी किया गया।
यह कमेटी दक्षिण कोरिया के मॉडल का अध्ययन करेगी और इस बाबत अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी। माना जा रहा है कि रिपोर्ट के मुताबिक बिहार चुनाव में भी इस मॉडल को लागू किया जा सकता है।
कोरोना संकट के बीच दक्षिण कोरिया में चुनाव
कोरोना वायरस के विश्वव्यापी कहर के बीच दक्षिण कोरिया में 15 अप्रैल को चुनाव कराए गए थे। इस चुनाव में देश के करोड़ों लोगों ने हिस्सा लिया।
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हालांकि इस चुनाव को कराने के लिए दक्षिण कोरिया में बड़े पैमाने पर तैयारियां भी की गई थीं। दक्षिण कोरिया की सरकार ने लोगों को बड़ी संख्या में मास्क, ग्लव्ज, हैंड सेनीटाइजर और अन्य चीजें वितरित की थीं ताकि लोग पूरी सतर्कता से मतदान की प्रक्रिया में हिस्सा ले सकें।
सरकार ने की थी व्यापक व्यवस्था
कोरिया की सरकार की ओर से मतदान प्रक्रिया में लगे कर्मचारियों के लिए पीपीई किट, फेस प्रोटेक्शन मास्क और मेडिकल ग्लव्ज का भी प्रबंध किया गया था।
इसके साथ ही मतदान केंद्रों के बाहर लाइन लगाने वाले लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन करने की हिदायत भी दी गई थी। कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए अस्पतालों के बाहर विशेष पोलिंग बूथ भी बनाए गए थे।
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हर मतदाता का नापा गया तापमान
पोलिंग बूथ पर आने वाले हर मतदाता का तापमान जांचने की व्यवस्था भी की गई थी। यदि किसी मतदाता का तापमान ज्यादा मिला तो उसके मतदान के लिए विशेष बिल्डिंग्स में अलग व्यवस्था की गई थी।
कोरियाई सरकार के इन प्रयासों से चुनाव कराने में ज्यादा दिक्कतें नहीं आईं। अब चुनाव आयोग इस मॉडल पर गौर कर रहा है ताकि जरूरत पड़ने पर इस मॉडल को अपनाकर बिहार में चुनाव कराया जा सके।
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रिपोर्ट- अंशुमान तिवारी