कांग्रेस ने पीएम को घेरा: जब सीमा में कोई घुसा ही नहीं तो जवानों की शहादत कैसे
कांग्रेस ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास चीनी सेना के हमले को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस नेता सिब्बल ने सर्वदलीय बैठक के बाद पीएम मोदी की ओर से दिए गए बयान पर सवाल खड़े किए।
अंशुमान तिवारी
नई दिल्ली: कांग्रेस ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास चीनी सेना के हमले को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने पीएम मोदी पर हमला करते हुए सवाल किया कि अगर हमारी सीमा में कोई नहीं घुसा तो एलएसी पर 20 भारतीय सैन्य कर्मी कैसे शहीद हो गए। कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने पीएम मोदी को निशाने पर लेते हुए 19 जून को हुई सर्वदलीय बैठक के बाद उनके बयान पर सवाल खड़े किए हैं।
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सीमा पार किए बगैर कैसे हुई घटना
कांग्रेस नेता ने कहा कि चीन की सेना वहां पर मौजूद है और हम यह बात कह रहे हैं कि वहां पर कोई कब्जा नहीं हुआ। पीएम को यह जवाब देना चाहिए कि हमारे 20 जवानों को क्यों कुर्बानी देनी पड़ी। सिब्बल ने कहा कि हमारे 50 जवान घायल हैं, 10 जवानों को चीन ने कैद कर लिया था। अगर चीन की सेना सरहद पार करके इस पार आई ही नहीं तो आखिर ये घटनाएं हुईं कैसे।
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सब मांग रहे पीएम से सवालों के जवाब
कांग्रेस नेता ने कहा कि कुर्बानी देने वाले सैन्य कर्मियों के परिवार पीएम से सवालों का जवाब मांग रहे हैं। आर्मी चीफ के बयान और सेटेलाइट इमेजरी से स्पष्ट है कि चीनी सेना ने इस पार आकर कब्जा करने की कोशिश की थी और वे अपनी कोशिश में कामयाब भी हुए। चीन की सेना आठ किलोमीटर अंदर तक घुस आई और उसने 60 स्थायी ढांचे और बंकर तक बना डाले।
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घटना की अलग-अलग जानकारी
कांग्रेस नेता सिब्बल ने सर्वदलीय बैठक के बाद पीएम मोदी की ओर से दिए गए बयान पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि 15 जून को हुई इस घटना के बाद प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय सभी अपने अपने तरीके से घटना के बारे में जानकारी दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने बयान दिया कि हमारी सरहद के पार कोई नहीं आया। प्रधानमंत्री के इस बयान के बाद यह सवाल उठना लाजमी है कि फिर कर्नल संतोष और 19 जवानों की जान कैसे चली गई। हर किसी के दिमाग में यह सवाल उठ रहा है कि जब कोई घुसपैठिया हमारी सरहद में आया ही नहीं था तो हमारे जवानों को कुर्बानी क्यों देनी पड़ी।
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चीन जता रहा है अपना हक
पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हुई हिंसक झड़प में सोमवार की रात भारतीय सेना के एक कर्नल समेत 20 जवान शहीद हो गए थे। झड़प के दौरान 43 चीनी जवानों के हताहत होने की खबर भी है मगर अभी तक चीन की ओर से यह नहीं बताया गया है कि झड़प के दौरान उसके कितने सैनिक हताहत हुए हैं। इस घटना के बाद चीन का विदेश मंत्रालय लगातार गलवान घाटी पर अपना हक जताने की कोशिश में जुटा हुआ है। चीन का कहना है कि गलवान घाटी पर हमारा हक है और हम अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए कदम उठाने को स्वतंत्र हैं।
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