Defamation Case: राहुल गांधी की याचिका पर सूरत कोर्ट में हुई सुनवाई, अर्जी पर 20 अप्रैल को आएगा फैसला

Defamation Case: 23 मार्च को सूरत की एक जिला अदालत ने मानहानि के 4 साल पुराने मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को दो साल की सजा और 15 हजार जुर्माना लगाया था। हालांकि, कुछ ही देर में उन्हें कोर्ट से जमानत भी मिल गई थी। अदालत ने साथ ही 30 दिन के लिए सजा को स्थगित भी कर दिया है ताकि वे इसे ऊपरी अदालत में चुनौती दे सकें।

Update: 2023-04-13 07:44 GMT
राहुल गांधी ( सोशल मीडिया)

Defamation Case: मानहानि मामले में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगाने का अनुरोध करने वाली याचिका पर गुरुवार (13 अप्रैल) को सुनवाई हुई। सूरत सेशंस कोर्ट में सुनवाई के दौरान राहुल के वकील ने दलील दी कि, 'मोदी उपनाम' संबंधी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता के खिलाफ दर्ज मानहानि मुकदमे में सुनवाई निष्पक्ष नहीं थी। इस मामले में अधिकतम सजा दिए जाने की कोई जरूरत नहीं है। सूरत कोर्ट (Surat Court) 20 अप्रैल को इस याचिका पर अपना फैसला सुनाएगी।

सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को 'सभी चोरों का उपनाम मोदी क्यों हैं' के मामले में मानहानि का दोषी ठहराते हुए दो साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद 24 मार्च को राहुल गांधी की संसद सदस्यता समाप्त कर दी गई थी। राहुल ने तीन अप्रैल को अपनी लीगल टीम के साथ सूरत कोर्ट पहुंचे थे और सजा के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की थी। सूरत कोर्ट ने सुनवाई के बाद राहुल गांधी को 13 अप्रैल तक के लिए जमानत दे दी थी।

जानें क्या है पूरा मामला?

बता दें कि 23 मार्च को सूरत की एक जिला अदालत ने मानहानि के 4 साल पुराने मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को दो साल की सजा और 15 हजार जुर्माना लगाया था। हालांकि, कुछ ही देर में उन्हें कोर्ट से जमानत भी मिल गई थी। अदालत ने साथ ही 30 दिन के लिए सजा को स्थगित भी कर दिया है ताकि वे इसे ऊपरी अदालत में चुनौती दे सकें।

राहुल गांधी किस बयान पर हुई सजा?

गौरतलब है कि 11 अप्रैल 2019 को कर्नाटक के कोलार में बतौर कांग्रेस अध्यक्ष चुनावी रैली करने पहुंचे राहुल गांधी ने कहा था कि एक छोटा सा सवाल है इन सब चोरों के नाम मोदी कैसे हैं? नीरव मोदी, ललित मोदी और नरेंद्र मोदी...और भी थोड़ा ढूंढेंगे तो बहुत सारे मोदी मिलेंगे। उनके इस बयान के खिलाफ 13 अप्रैल 2019 को डायमंड सिटी सूरत से बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने शिकायत दर्ज कराई और 6 मई को मामला सूरत की कोर्ट में पहुंचा। चार साल तक चली सुनवाई में राहुल तीन बार पेश हुए। उन्होंने अदालत में माफी मांगने से भी इनकार कर दिया था। बता दें कि अदालत द्वारा दो साल की सजा सुनाए जाने के बाद राहुल गांधी की संसद सदस्यता भी चली गई। वो केरल की वायनाड लोकसभा सीट से जीतकर सांसद बने थे।

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