महाराष्ट्र में दिखने लगा हरियाणा की हार का असर, सहयोगी दलों की तीखी टिप्पणी पर कांग्रेस भी भड़की
Maharashtra News: शरद पवार गुट का कहना है कि हरियाणा की हार से कांग्रेस को सबक लेना चाहिए। कांग्रेस की ओर से जो गलती हरियाणा में की गई है,वह गलती हम महाराष्ट्र में नहीं करने देंगे।
Maharashtra News: हरियाणा के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली हार का असर दूसरे राज्यों में दिखना शुरू हो गया है। महाराष्ट्र में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और राज्य में कांग्रेस के सहयोगी दलों ने पार्टी को आईना दिखाना शुरू कर दिया है। शिवसेना के उद्धव गुट की ओर से की गई टिप्पणियों पर कांग्रेस भी भड़क गई है और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने इस पर अपनी तीखी आपत्ति जताई है।
दूसरी ओर एनसीपी के शरद पवार गुट ने भी कांग्रेस को नसीहत देनी शुरू कर दी है। शरद पवार गुट का कहना है कि हरियाणा की हार से कांग्रेस को सबक लेना चाहिए। कांग्रेस की ओर से जो गलती हरियाणा में की गई है,वह गलती हम महाराष्ट्र में नहीं करने देंगे। इसे साफ है कि सहयोगी दलों ने कांग्रेस पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है और इसका असर सीटों के बंटवारे पर भी दिख सकता है।
उद्धव गुट ने कांग्रेस को दिखाया आईना
दरअसल हरियाणा की हार के बाद ही शिवसेना के उद्धव गुट ने कांग्रेस को नसीहत देना शुरू कर दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का कहना है कि कांग्रेस को यह समझना चाहिए कि भाजपा से सीधी लड़ाई में वह क्यों पिछड़ जाती है। उद्धव गुट ने अपनी पहली प्रतिक्रिया में ही कहा कि कांग्रेस को अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करना चाहिए क्योंकि जिन प्रदेशों में कांग्रेस की भाजपा के साथ डायरेक्ट फाइट होती है,वहां कांग्रेस कमजोर पड़ जाती है। शिवसेना के मुख पत्र सामना में भी हरियाणा में कांग्रेस की ओर से आम आदमी पार्टी की अनदेखी पर सवाल उठाए गए हैं।
संजय राउत की कांग्रेस पर तीखी टिप्पणी
उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने कहा है कि यह बात सबको माननी पड़ेगी कि हरियाणा में भाजपा ने हारी हुई बाजी जीत ली है। हरियाणा में इंडिया गठबंधन इसलिए नहीं बन पाया क्योंकि कांग्रेस को लगता था कि वह अपने दम पर चुनाव जीत लेगी और उसे सत्ता में कोई दूसरा भागीदार नहीं चाहिए। कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा को लगता था कि हरियाणा में वही चुनाव जीतेंगे मगर भाजपा ने बेहतरीन ढंग से चुनाव लड़ते हुए कांग्रेस को चित कर दिया।
उन्होंने कहा कि देश में किसी को नहीं लग रहा था कि भाजपा जीतेगी मगर पार्टी ने कांग्रेस की नादानी से जंग जीत ली। उन्होंने कहा कि जहां भी कांग्रेस कमजोर है,वहां वह क्षेत्रीय दलों की मदद लेती है मगर जहां उसे लगता है कि वह मजबूत है, वहां कांग्रेस क्षेत्रीय दलों को कोई महत्व नहीं देती।
राउत के बयान पर पटोले का पलटवार
संजय राउत के इस बयान के बाद बुधवार को महाविकास अघाड़ी गठबंधन (MVA) की बैठक के दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने संजय राउत पर पलटवार किया और उनके बयान पर तीखी आपत्ति जताई। पटोले ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि संजय राउत ने किस आधार पर यह बयान दिया है मगर उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आप सार्वजनिक रूप से गठबंधन पर इस तरह के आरोप नहीं लगा सकते।
उन्होंने कहा कि संजय राउत के बयान पर हमें आपत्ति है। हालांकि इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि गठबंधन का विधानसभा चुनाव में प्रदर्शन लोकसभा चुनाव से भी बेहतर होगा। एनसीपी शरद पवार गुट के नेता जितेंद्र अव्हाड ने कहा कि गठबंधन की सरकार कैसे चलाई जाती है,इस बात की सीख हमें शरद पवार से लेनी चाहिए।
महाराष्ट्र में नहीं करने देंगे हरियाणा वाली गलती
दूसरी ओर शरद पवार गुट के नेता और महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि कांग्रेस को हरियाणा की हार से सबक लेना चाहिए। उन्होंने कांग्रेस को नसीहत देते हुए कहा कि यदि हरियाणा में कांग्रेस इंडिया गठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़ती तो शायद नतीजे कुछ और होते। कांग्रेस ने गठबंधन को दरकिनार करके गलती की है। कांग्रेस ने जो गलती हरियाणा में की है,वह गलती हम महाराष्ट्र में नहीं करने देंगे।
देशमुख ने कहा कि उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना (यूबीटी) और उनके नेता संजय राउत ने भले ही कांग्रेस से कहा हो कि अगर अकेले चुनाव लड़ना है तो बताएं, लेकिन मैं यह बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि महाराष्ट्र में एमवीए में कोई विवाद नहीं होगा और हम मिलकर लड़ाई लड़ेंगे और चुनाव में जीत हासिल करेंगे।
महाराष्ट्र में 45 सीटों को लेकर फंसा पेंच
उन्होंने कहा कि भले ही उद्धव ठाकरे की शिवसेना की ओर से सीएम चेहरा घोषित करने की मांग की जा रही हो मगर शरद पवार ने स्पष्ट कर दिया है कि मुख्यमंत्री पद का फैसला विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद ही किया जाएगा। हमारी पार्टी का यही रुख है। उन्होंने कहा कि अभी भी महाराष्ट्र में 40-45 सीटों को लेकर बात अटकी हुई है मगर हमें भरोसा है कि हम राज्य स्तर पर बातचीत के जरिए ही सीटों के विवाद को सुलझा लेंगे और यह विवाद वरिष्ठ नेताओं तक नहीं पहुंचेगा।
दरअसल लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में बेहतर प्रदर्शन के बाद कांग्रेस सहयोगी दलों पर दबाव बनाती दिख रही थी मगर हरियाणा चुनाव के नतीजे आने के बाद सहयोगी दलों ने ही कांग्रेस पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। हालत यह हो गई है कि सहयोगी दल कांग्रेस को नसीहत देने में जुटे हुए हैं और हरियाणा की हार के लिए उसे पूरी तरह जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। इसी कारण महाविकास अघाड़ी गठबंधन में खींचतान बढ़ती जा रही है।