कांग्रेस में बड़े फेरबदल की तैयारी, कई प्रदेशों में बदलेंगे अध्यक्ष और प्रभारी, विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी की बड़ी रणनीति
Assembly Elections: महाराष्ट्र, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में पार्टी बीजेपी को करारा झटका देने में कामयाब रही है। इस जीत को इन राज्यों में पार्टी संगठन की सक्रियता का असर माना जा रहा है।
Assembly Elections: लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन के बाद इस बार कांग्रेस पार्टी में अलग उत्साह दिख रहा है। अब पार्टी ने चार राज्यों में जल्द होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्दानजर रणनीति बनानी शुरू कर दी है। पार्टी महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड और जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए को करारा झटका देने की कोशिश में जुटी हुई है।
विभिन्न राज्यों में पार्टी को सियासी रूप से मजबूत बनाने के लिए कई और मोर्चों पर भी काम किया जा रहा है। इसके तहत कई राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश प्रभारी बदलने की तैयारी है। प्रदेश कार्यकारिणी से लेकर जिला स्तर तक संगठन में व्यापक फेरबदल की संभावना जताई जा रही है। माना जा रहा है कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की ओर से जल्द ही इस दिशा में कदम उठाया जा सकता है।
मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में होगा बड़ा बदलाव
लोकसभा चुनाव के नतीजे में पार्टी इस बार कई राज्यों में अच्छा प्रदर्शन करने में कामयाब रही है। इसी कारण लोकसभा में पार्टी के सदस्यों की संख्या बढ़कर 99 तक पहुंच गई है। महाराष्ट्र, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में पार्टी बीजेपी को करारा झटका देने में कामयाब रही है। इस जीत को इन राज्यों में पार्टी संगठन की सक्रियता का असर माना जा रहा है। इसी कारण इन राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों की कुर्सी बरकरार रखी जा सकती है।
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि दो हिंदी भाषी राज्यों मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ में पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा है। दोनों राज्यों में भाजपा की सियासी मजबूती ने पार्टी की चिंताएं बढ़ा दी है। ऐसे में दोनों प्रदेशों में प्रदेश कार्यकारिणी से लेकर जिला स्तर तक व्यापक फेरबदल किए जाने की संभावना जताई जा रही है।
इन राज्यों को भी मिलेगा नया प्रदेश अध्यक्ष
तेलंगाना के पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने अच्छा प्रदर्शन करते हुए राज्य में अपनी सरकार बनाई थी। मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी रेवंत रेड्डी को सौंपी गई थी मगर वे अभी तक प्रदेश अध्यक्ष भी बने हुए हैं। ऐसे में तेलंगाना में भी नया प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की संभावना है।
पंजाब के प्रभारी देवेंद्र यादव दिल्ली में प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। दिल्ली के लोकसभा चुनाव में पार्टी को इस बार करारा झटका लगा है। ऐसे में दिल्ली कांग्रेस को भी नया अध्यक्ष मिलेगा। दिल्ली में जल्द ही विधानसभा चुनाव भी होने वाले हैं।
कई राज्यों में प्रदेश प्रभारी बदलने की तैयारी
इसके साथ ही कई राज्यों में प्रदेश प्रभारी बदले जाने की भी संभावना है। राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा अपने गृह राज्य पंजाब की सियासत में सक्रिय होना चाहते हैं। ऐसे में लोकसभा चुनाव जीतने वाले रंधावा को राजस्थान प्रभारी की जिम्मेदारी से मुक्त किया जा सकता है। जिन प्रभारियों के पास दो-दो राज्यों की जिम्मेदारी है,उन्हें सिर्फ एक राज्य तक सीमित करने की तैयारी है।
दीपक बावरिया ने दिल्ली और हरियाणा दोनों राज्यों के प्रभारी की जिम्मेदारी संभाल रखी है। गुलाम अहमद मीर के पास पश्चिम बंगाल के साथ ही झारखंड का भी प्रभार है। इसी तरह अजॉय कुमार ने भी ओडिशा के साथ तमिलनाडु की भी जिम्मेदारी संभाल रखी है।
ऐसे में इन सभी राज्यों में बड़ा बदलाव किए जाने की संभावना जताई जा रही है। माना जा रहा है कि संसद के बजट सत्र के बाद करीब एक दर्जन राज्यों के साथ ही कांग्रेस कार्यसमिति में भी बड़ा बदलाव होगा।
चार राज्यों में विधानसभा चुनाव की पुख्ता रणनीति
वैसे पार्टी ने चार राज्यों में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अपनी राज्य इकाइयों को पूरी तरह सक्रिय कर दिया है। महाराष्ट्र और हरियाणा में इस बार पार्टी का प्रदर्शन अच्छा रहा है और पार्टी इस माहौल को बनाए रखते हुए भाजपा को कड़ी चुनौती देने की कोशिश में जुटी हुई है।
झारखंड में पार्टी का झामुमो के साथ जबकि जम्मू-कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस के साथ गठबंधन है। इन राज्यों में भी पार्टी सहयोगी दलों के साथ मिलकर एनडीए को शिकस्त देने की रणनीति पर काम कर रही है।