Defamation Case: देश में करोड़ों लोग मोदी सरनेम के, ऐसे में क्या राहुल गांधी ने सबकी मानहानि की?, HC में सिंघवी की दलील
Defamation Case: मोदी सरनेम मानहानि मामले में दो साल की सजा पर रोक लगाने वाली कांग्रेस नेता राहुल गांधी की याचिका पर 29 अप्रैल को गुजरात हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। एक जज ने पहले ही इस मामले से खुद को अलग कर लिया था। नए जज ने सुनवाई की।
Rahul Gandhi Defamation Case: कांग्रेस के पूर्व सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को मानहानि मामले में दोषी करार देने वाले सूरत कोर्ट (Surat Court) के फैसले के खिलाफ शनिवार (29 अप्रैल) को गुजरात हाई कोर्ट में याचिका पर सुनवाई हुई। राहुल गांधी की तरफ से कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी (Abhishek Manu Singhvi) कोर्ट में पेश हुए। उन्होंने कहा, उनके मुवक्किल (राहुल गांधी) ने कभी पूर्णेश मोदी का नाम नहीं लिया। मोदी सरनेम मामले में राहुल गांधी की याचिका पर अब 2 मई को अगली सुनवाई होगी।
अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट में दलील दी कि, 'मोदी' नाम किसी एक मान्य जातीय समूह का नहीं है। वैसे भी एक-व्यक्ति दूसरे की मानहानि कर सकता है। उन्होंने तर्क दिया कि एक नाम के करोड़ों लोग हों, तो हर कोई केस दर्ज नहीं करवा सकता। गुजरात हाई कोर्ट में मामले की सुनवाई जस्टिस हेमंत पृच्छक (Justice Hemant Prachhak) कर रहे हैं।
सिंघवी की दलील पर जस्टिस मुस्कुराए,..सर्किल पूरा घूम जाता है
अभिषेक सिंघवी ने कोर्ट में कहा, 'गुजरात में मोदी नाम एक जातीय समूह लिखता है। लेकिन, याचिकाकर्ता कह रहा है कि देश में करोड़ों लोग 'मोदी' नाम के हैं। ऐसे में क्या राहुल ने सबकी मानहानि की? क्या, एक बयान के लिए करोड़ों लोग मुकदमा दर्ज करवा सकते हैं? राहुल गांधी के वकील ने आगे कहा, 'सुब्रमण्यम स्वामी (Subramanian Swamy) ने आपराधिक मानहानि का कानून रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की। जिसका मैंने विरोध किया था।' इसके जवाब में जस्टिस हेमंत पृच्छक ने मुस्कुराते हुए कहा, 'कभी-कभी ऐसा होता है कि सर्किल पूरा घूम जाता है।'
...तो क्या देश के 13 करोड़ लोगों की मानहानि हुई?
राहुल गांधी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने हाईकोर्ट में कहा, कि गुजरात में मोढ़, वणिक, राठौर, तेली समाज के कई ऐसे लोग हैं जो मोदी सरनेम लिखते हैं। राहुल गांधी के बयान को उन सबसे जोड़ देना सही नहीं है। उन्होंने कहा, याचिकाकर्ता तो ये भी कह रहा है कि देश के 13 करोड़ लोगों की मानहानि हुई। ये कानून का मजाक बनाना है। इसकी इजाजत नहीं दी जानी चाहिए।'
बता दें कि 20 अप्रैल को सूरत की सेशन कोर्ट में सुनवाई हुई थी, लेकिन कोर्ट ने मोदी सरनेम मानहानि मामले राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था, इसके बाद राहुल गांधी ने गुजरात हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। बीते 23 मार्च की सूरत की एक अदालत ने राहुल गांधी को मोदी सरनेम मानहानि मामले में 2 साल की सजा सुनाई थी, हालांकि कुछ देर के बाद ही उन्हे जमानत मिल गई थी।
सेशंस कोर्ट नहीं मिली राहत
23 मार्च को सूरत की एक जिला अदालत ने राहुल गांधी को सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों हैं, के मामले में मानहानि का दोषी मानते हुए दो साल की सजा सुनाई थी, साथ ही 15 हजार जुर्माना लगाया था। हालांकि, कुछ ही देर में राहुल गांधी को कोर्ट से जमानत भी मिल गई थी। अदालत ने साथ ही 30 दिन के लिए सजा को स्थगित भी कर दिया है ताकि वे इसे ऊपरी अदालत में चुनौती दे सकें। इसके बाद 24 मार्च को राहुल गांधी की संसद सदस्यता समाप्त कर दी गई थी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सूरत कोर्ट के फैसले को पहले सेशंस कोर्ट में चुनौती दी थी। वहां से राहत नहीं मिलने पर राहुल गांधी ने अब गुजरात हाईकोर्ट की अपील दायर की है। जिस पर आज सुनवाई है।
2019 में दर्ज हुआ था राहुल गांधी के खिलाफ केस
गौरतलब है कि 11 अप्रैल 2019 को कर्नाटक के कोलार में बतौर कांग्रेस अध्यक्ष चुनावी रैली करने पहुंचे राहुल गांधी ने कहा था कि एक छोटा सा सवाल है, इन सब चोरों के नाम मोदी कैसे हैं? नीरव मोदी, ललित मोदी और नरेंद्र मोदी...और भी थोड़ा ढूंढेंगे तो बहुत सारे मोदी मिलेंगे। उनके इस बयान के खिलाफ 13 अप्रैल 2019 को डायमंड सिटी सूरत से बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने शिकायत दर्ज कराई और 6 मई को मामला सूरत की कोर्ट में पहुंचा। चार साल तक चली सुनवाई में राहुल तीन बार पेश हुए। उन्होंने अदालत में माफी मांगने से भी इनकार कर दिया था। बता दें कि अदालत द्वारा दो साल की सजा सुनाए जाने के बाद राहुल गांधी की संसद सदस्यता भी चली गई। वो केरल की वायनाड लोकसभा सीट से जीतकर सांसद बने थे।