पीएम मोदी के व्यंग्य बाणों का राहुल सदन में देंगे जवाब, आज कांग्रेस की बारी
संसद में आज कांग्रेस की बारी है। लोकसभा में राहुल गांधी आज राष्ट्रपति के अभिभाषण प्रस्ताव पर अपना पक्ष रख सकते हैं। इस दौरान वह पीएम के संबोधन का भी जवाब दे सकते हैं।
अखिलेश तिवारी
नई दिल्ली। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर संसद में लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। किसान आंदोलन से लेकर गुलाम नबी आजाद तक उन्होंने हर मौके पर कांग्रेस को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की है। विपक्ष पर व्यंग करने की अपनी अलग शैली में उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व पर कड़ा प्रहार भी किया है।
सदन में आज कांग्रेस की बारी
संसद में आज बारी कांग्रेस की है। लोकसभा में राहुल गांधी आज राष्ट्रपति के अभिभाषण प्रस्ताव पर अपना पक्ष रख सकते हैं। लोगों की नजर अब आज उन पर होगी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से लगाए गए आरोपों के जवाब में किसान आंदोलन को लेकर राहुल गांधी क्या बोलेंगे।
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सोमवार को सदन में पीएम ने कंसा था कांग्रेस पर तंज
राज्यसभा में सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह कहकर कांग्रेस के लिए मुश्किल खड़ी करने की कोशिश की है कि केंद्र सरकार जो कृषि सुधार कानून लेकर आई है वह पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की मंशा के अनुरूप है।
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कृषि क्षेत्र में जिन सुधारों को लागू करने की वकालत की थी मौजूदा सरकार उसे कानून के जरिए लागू करने जा रही है इससे किसानों का भला होने वाला है लेकिन कांग्रेश केवल इसलिए विरोध कर रही है कि वह नहीं चाहती है कि किसानों का फायदा हो। वह उन्हें गुमराह करने में लगी हुई है।
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कई व्यंग बाण भी छोड़े
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कई व्यंग बाण भी छोड़े जिसमें फूफी का नाराज होना खासा चर्चा में रहा है। किसान आंदोलन को भी उन्होंने फॉरेन डिस्ट्रक्टिव आईडियोलॉजी कहकर यह बताने की कोशिश की है कि इस सब के पीछे विदेशी ताकतें काम कर रही हैं जिनका मकसद भारत में अशांति और अव्यवस्था उत्पन्न करना है।
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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी इससे पहले खुलकर किसान आंदोलन का समर्थन कर चुके हैं और उन्होंने कई मौकों पर कहा है कि प्रधानमंत्री को पहल कर तीनों कृष कानून तत्काल वापस लेने चाहिए।
राहुल गांधी ने दिया किसान आंदोलन को समर्थन
पिछले हफ्ते जब संसद में गतिरोध की स्थिति उत्पन्न हुई थी तब भी राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि किसान 1 इंच भी पीछे नहीं हटेंगे । मैं किसानों को जानता हूं वह वापस तभी जाएंगे जब कानून वापस ले लिया जाएगा। अब देखना यह होगा कि मंगलवार को जब राहुल गांधी को संसद में बोलने का मौका मिलेगा तो वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सवालों का किस तरह जवाब देंगे।
तीनों कृषि कानून की कौन सी खामियां वह गिनाएंगे क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कह चुके हैं कि कानून में क्या खामी है यह कोई बताने को तैयार नहीं है। राहुल गांधी राहुल गांधी के संसद में भाषण से किसान आंदोलन और कृषि कानूनों के भविष्य का अंदाजा भी लगाया जा सकेगा।
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