MP Politic: MP में BJP की रणनीति फेल करने में जुटी कांग्रेस,पार्टी ने खेला OBC कार्ड, आदिवासी और सवर्ण मतदाताओं पर भी निगाहें

MP Politic:मध्य प्रदेश में पार्टी ने दो पूर्व मुख्यमंत्रियों कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के दायरे से बाहर निकलते हुए जीतू पटवारी को प्रदेश संगठन की कमान सौंपी है। इसके साथ ही बड़े आदिवासी नेता उमंग सिंघार को नेता प्रतिपक्ष और पार्टी में ब्राह्मण चेहरा माने जाने वाले हेमंत कटारे को उप नेता प्रतिपक्ष बनाया गया है।

Report :  Anshuman Tiwari
Update: 2023-12-17 05:56 GMT

Rahul Gandhi And PM Modi (Pic:Social media)

MP Politic: तीन हिंदी भाषी राज्यों में भाजपा के हाथों मिली करारी हार के बाद कांग्रेस ने भी संगठन में बदलाव की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने मध्य प्रदेश में इसकी शुरुआत कर दी है। मध्य प्रदेश में पार्टी ने दो पूर्व मुख्यमंत्रियों कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के दायरे से बाहर निकलते हुए जीतू पटवारी को प्रदेश संगठन की कमान सौंपी है। इसके साथ ही बड़े आदिवासी नेता उमंग सिंघार को नेता प्रतिपक्ष और पार्टी में ब्राह्मण चेहरा माने जाने वाले हेमंत कटारे को उप नेता प्रतिपक्ष बनाया गया है।

कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की ओर से उठाए गए इस कदम भाजपा की रणनीति का जवाब माना जा रहा है। दरअसल भाजपा ने ओबीसी वर्ग से जुड़े मोहन यादव को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की कमान सौंपी है। इसके साथ ही भाजपा ने ब्राह्मण नेता राजेंद्र शुक्ला और दलित वर्ग से ताल्लुक रखने वाले जगदीश देवड़ा को डिप्टी सीएम बनाया है। सियासी जानकारों का मानना है कि मध्य प्रदेश में भाजपा की रणनीति को फेल करने के लिए कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की ओर से संगठन में फेरबदल के जरिए जातीय समीकरण साधा गया है।

पटवारी को इसलिए सौंपी अध्यक्ष की कमान

ओबीसी वर्ग से जुड़े हुए जीतू पटवारी ने 2013 और 2018 का चुनाव इंदौर की राउ विधानसभा सीट से जीता था। इस बार के विधानसभा चुनाव में उन्हें भाजपा के मधु वर्मा के सामने हार का सामना करना पड़ा है। इसके बावजूद उन्हें मध्य प्रदेश में कांग्रेस अध्यक्ष पद की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। जीतू पटवारी को राहुल गांधी का करीबी माना जाता आ रहा है और मध्य प्रदेश कांग्रेस में वे खेमेबाजी से पूरी तरह दूर रहे हैं।

पटवारी कमलनाथ सरकार में मंत्री रहने के अलावा युवा कांग्रेस के भी अध्यक्ष रह चुके हैं। उन्हें नेतृत्व का भरोसेमंद माना जाता है और वे युवाओं को पार्टी के साथ जोड़ सकते हैं। इसके साथ ही वे सभी नेताओं को साथ लेकर चलने में विश्वास करने वाले नेता हैं।

यही कारण है कि पार्टी ने पीढ़ीगत बदलाव करते हुए अब जीतू पटवारी पर भरोसा जताया है। 2024 के लोकसभा चुनाव में ओबीसी मतदाताओं को साधने के लिए कांग्रेस की ओर से यह नया प्रयोग किया गया है।

आदिवासी और ब्राह्मण नेता को भी जिम्मेदारी

कांग्रेस नेतृत्व की ओर से मध्य प्रदेश में प्रदेश अध्यक्ष बदलने के साथ ही नेता प्रतिपक्ष और उप नेता प्रतिपक्ष के पदों पर भी बड़ा प्रयोग किया गया है। मध्य प्रदेश में बड़े आदिवासी नेता माने जाने वाले उमर सिंघार को नेता प्रतिपक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है। सिंघार की आदिवासी वर्ग में अच्छी पकड़ मानी जाती है। सिंघार भूतपूर्व उपमुख्यमंत्री जमुना देवी के भतीजे है। उनकी ताजपोशी के जरिए कांग्रेस ने आदिवासी मतदाताओं पर निगाहें गड़ा रखी हैं।

ब्राह्मण नेता और मध्य प्रदेश की अटेर सीट से विधायक हेमंत कटारे को उप नेता प्रतिपक्ष बनाया गया है। उनके पिता सत्यदेव कटारे भी नेता प्रतिपक्ष रह चुके है। हाल ही में भाजपा ने ब्राह्मण वर्ग को साधने के लिए राजेंद्र शुक्ला को उपमुख्यमंत्री बनाया है। कांग्रेस के इस कदम को भी भाजपा के जवाब वाली रणनीति माना जा रहा है।

गुटबाजी से बाहर निकलने का संकेत

कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता कमलनाथ को 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश अध्यक्ष पद की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी थी। उनकी अगुवाई में पार्टी 2018 के चुनाव में कांग्रेस बीजेपी को पछाड़ने में कामयाब रही थी मगर इस बार के विधानसभा चुनाव में पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा है। ऐसे में पहले ही कांग्रेस संगठन में बड़े बदलाव की उम्मीद जताई जा रही थी।

पार्टी नेतृत्व ने अब आक्रामक राजनीति करने वाले जीतू पटवारी को संगठन की कमान सौंपी है। पार्टी के एक वरिष्ठत नेता कहा कि शीर्ष नेतृत्व की ओर से किए गए बदलावों से साफ है कि पार्टी गुटबाजी के दायरे से बाहर निकलकर नए लोगों को मौका देना चाहती है। उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में राजस्थान में भी पार्टी संगठन में बड़े बदलाव किए जा सकते हैं।



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