लोकसभा स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला सकती हैं विपक्षी पार्टियां, राहुल समेत अन्य मुद्दों पर पक्षपात का आरोप

No-confidence Motion Against Speaker: राहुल गांधी की सदस्यता खत्म होने के बाद केंद्र के साथ-साथ विपक्ष के निशाने पर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला भी हैं। कांग्रेस उनसे नाराज है। विपक्षी पार्टियां स्पीकर पर पक्षपात का आरोप लगा रही है।

Update: 2023-03-28 18:36 GMT
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राहुल गांधी (Social Media)

No-confidence Motion Against Speaker: विपक्षी पार्टियों की एकता रंग दिखाने लगी है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Lok Sabha Speaker Om Birla) के खिलाफ सभी विपक्षी दल एकजुट होकर अविश्वास प्रस्ताव ला सकती हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में कांग्रेस सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि, राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की सदस्यता खत्म करने और सदन में पक्षपातपूर्ण रवैये से परेशान विपक्ष ऐसा कदम उठा सकती है।

कांग्रेस का आरोप है कि पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ इतनी जल्दी कार्रवाई इसलिए की गई है, क्योंकि बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार अडानी मुद्दे पर संसद में उनके भाषण से डर गई थी। इस आरोप पर भारतीय जनता पार्टी ने पलटवार किया। बीजेपी ने कहा, लोकसभा सचिवालय की ओर से राहुल गांधी को अयोग्य ठहराने का फैसला नियमानुसार हुआ है। इसलिए फैसले पर सवाल उठाने का मतलब संविधान पर निशाना साधने जैसा है।

बिफरी कांग्रेस, संसद से सड़क तक प्रदर्शन

दरअसल, गुजरात के सूरत की एक कोर्ट ने 2019 के मानहानि मामले में राहुल गांधी को दोषी ठहराया था। उन्हें दो साल की सजा हुई। जिसके एक दिन बाद ही राहुल गांधी को लोकसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया। कांग्रेस ने केंद्र सरकार और लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को अपने निशाने पर लिया। चार बार सांसद रहे राहुल अयोग्यता की वजह से 8 साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। जब तक हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट सजा पर रोक नहीं लगाता। इस मामले पर कांग्रेस समेत अधिकांश विपक्षी दल लगातार संसद में हंगामा कर रहे हैं। संसद से सड़क तक विपक्षी पार्टियों का प्रदर्शन जारी है।

कांग्रेस की अगुवाई में 18 विपक्षी दलों की बैठक

संसद का मौजूदा बजट सत्र सत्ता पक्ष-विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ गया। विपक्षी पार्टियां बजट सत्र की शुरुआत से ही अडानी समूह से जुड़े मामले में संयुक्त संसदीय समिति यानी JPC गठन की मांग करती रही है। सोमवार देर शाम कांग्रेस सहित देश की 18 विपक्षी पार्टियों ने बैठक की। जिसमें फैसला लिया गया कि सभी दल लोकतंत्र बचाने के लिए आगे भी मिलकर काम करते रहेंगे। अडानी मामले में JPC की मांग आगे भी जारी रखेंगे।

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