CWC Meeting: हैदराबाद में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक आज से, मिशन 2024 और विधानसभा चुनावों पर होगा मंथन, बड़ी रैली की भी तैयारी
CWC Meeting: मल्लिकार्जुन खड़गे के पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद कांग्रेस कार्यसमिति की पहली बार बैठक होने जा रही है। इस बैठक के लिए कई दिनों से तैयारियां चल रही हैं और बैठक में विभिन्न राज्यों से जुड़े कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हिस्सा लेंगे।
CWC Meeting: देश के पांच राज्यों में जल्द होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले आज हैदराबाद में कांग्रेस कार्यसमिति (CWC] की दो दिवसीय महत्वपूर्ण बैठक शुरू होगी। मल्लिकार्जुन खड़गे के पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद कांग्रेस कार्यसमिति की पहली बार बैठक होने जा रही है। इस बैठक के लिए कई दिनों से तैयारियां चल रही हैं और बैठक में विभिन्न राज्यों से जुड़े कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हिस्सा लेंगे। इस बैठक में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के अलावा कांग्रेस शासित चार राज्यों के मुख्यमंत्री भी हिस्सा लेंगे। बैठक के दूसरे दिन रविवार को हैदराबाद के पास पार्टी की बड़ी रैली करने की भी तैयारी है। इस रैली के जरिए पार्टी हैदराबाद में चुनावी बिगुल फूंकेगी।
इस बैठक को सियासी नजरिए से इसलिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि बैठक के दौरान देश में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव और पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर पार्टी की रणनीति पर मंथन किया जाएगा। इसके साथ ही विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया में पार्टी की भूमिका को लेकर भी चर्चा होगी। इंडिया गठबंधन में मुख्य विपक्षी दल के तौर पर कांग्रेस की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण मानी जा रही है। ऐसे में पार्टी इस बाबत भी अपनी रणनीति तय करेगी।
नवगठित कार्यसमिति की पहली बैठक
कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कार्यसमिति की बैठक के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इसका नए सिरे से गठन किए जाने के बाद पहली बैठक शनिवार को दोपहर ढाई बजे शुरू होगी। पार्टी अध्यक्ष खड़गे की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी के अलावा कार्यसमिति के सभी सदस्य शामिल होंगे।
शनिवार की बैठक के दौरान विशेष आमंत्रित सदस्य और स्थायी आमंत्रित सदस्य भी मौजूद रहेंगे। उन्होंने बताया कि 90 लोगों को कार्यसमिति की बैठक के लिए आमंत्रण भेजा गया था मगर इनमें से छह लोगों ने व्यक्तिगत कारणों से बैठक में हिस्सा लेने में असमर्थता जताई है।
चार राज्यों के मुख्यमंत्री भी लेंगे हिस्सा
वेणुगोपाल ने बताया कि शनिवार को कार्यसमिति की बैठक के बाद अगले दिन विस्तारित कार्यसमिति की बैठक का आयोजन किया जाएगा। विस्तारित कार्यसमिति की बैठक में कार्यसमिति के सदस्यों के अलावा विभिन्न प्रदेशों में पार्टी के अध्यक्ष और अन्य वरिष्ठ नेता भी हिस्सा लेंगे। उन्होंने कहा कि कार्यसमिति की बैठक में कांग्रेस शासित राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत,छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी शामिल होंगे।
कार्यसमिति की इस बैठक को सियासी नजरिए से इसलिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि जल्द ही पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इसके साथ ही अब अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में भी ज्यादा वक्त नहीं रह गया है। इस बैठक के दौरान पार्टी के नेता विधानसभा चुनावों के साथ ही लोकसभा चुनाव की रणनीति पर मंथन करेंगे।
तेलंगाना के लिए छह गारंटियों का होगा ऐलान
कांग्रेस नेता ने कहा कि कार्य मसमिति की इस बैठक के साथ ही पार्टी की ओर से तेलंगाना के मतदाताओं के लिए छह गारंटियों का ऐलान भी किया जाएगा। तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार बनने की स्थिति में इन गारंटियों को कर्नाटक की तरह तुरंत पूरा किया जाएगा।
वेणुगोपाल ने कहा कि कांग्रेस को तेलंगाना के साथ ही राजस्थान,मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और मिजोरम के विधानसभा चुनावों में भी जीत हासिल करने का पूरा भरोसा है। पार्टी ने इन सभी राज्यों में पूरी ताकत लगा रखी है और पार्टी नेतृत्व को उम्मीद है कि इसके अच्छे नतीजे सामने आएंगे।
रविवार को बड़ी रैली की तैयारी
कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के जरिए पार्टी की तेलंगाना में चुनावी बिगुल फूंकने की भी तैयारी है। पार्टी की ओर से रविवार को हैदराबाद के पास एक बड़ी जनसभा का आयोजन किया जाएगा। पार्टी सूत्रों के मुताबिक इस जनसभा को सोनिया गांधी, राहुल गांधी, पार्टी अध्यक्ष खड़गे और कई अन्य प्रमुख नेता संबोधित करेंगे।
18 सितंबर से संसद का विशेष सत्र आयोजित होने वाला है जिसमें हिस्सा लेने के लिए कांग्रेस के सांसद उस दिन सभा के बाद दिल्ली रवाना हो जाएंगे मगर पार्टी के अन्य नेता तेलंगाना में डेरा डालेंगे। वे विभिन्न विधानसभा क्षेत्रोः में जाकर पार्टी की चुनावी संभावनाओं को मजबूत बनाने की कोशिश करेंगे। पार्टी की ओर से केसीआर की सरकार के खिलाफ आरोपपत्र लाने की भी तैयारी है।
तेलंगाना में कांग्रेस का मुकाबला केसीआर की अगुवाई वाली बीआरएस से है। केसीआर विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया में शामिल नहीं हुए हैं। कांग्रेस को इस बार सत्ता विरोधी माहौल का फायदा मिल सकता है। इसी कारण पार्टी तेलंगाना में पूरी ताकत लगाने की कोशिश में जुटी हुई है। वैसे भाजपा नेताओं ने भी तेलंगाना में सक्रियता बढ़ा दी है। इस कारण राज्य में कड़े मुकाबले की उम्मीद जताई जा रही है।