मेयर और सरकार के बीच विवाद, रांची नगर निगम में राजनीति हावी

ताज़ा विवाद इस बात को लेकर शुरू हुआ है कि, मेयर को शामिल किए बिना होल्डिंग टैक्स वसूली के लिए नई कंपनी का चयन कर दिया गया है।

Update: 2020-10-18 13:44 GMT
मेयर और सरकार के बीच विवाद, रांची नगर निगम में राजनीति हावी (Photo by social media)

रांची: झारखंड में यूपीए की सरकार आने के बाद से नगर निकायों मे भाजपा समर्थित जनप्रतिनिधियों के साथ टकराव बढ़ गया है। रांची नगर निगम की महापौर आशा लकड़ा भाजपा के सहयोग से चुनाव जीतीं और पार्टी में अपना अच्छी पहचान रखती हैं। सरकार के फैसले पर सवाल खड़ी करती रही हैं। लिहाज़ा, नियम-क़ानूनों का हवाला देकर नगर विकास विभाग ने भी निकायों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।

ऐसे में भाजपा समर्थित नगर निकाय के जनप्रतिनिधियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। ताज़ा मामला रांची नगर निगम का है जहां होल्डिंग टैक्स वसूली के लिए विभाग ने नई कंपनी का चयन किया है। इस प्रक्रिया में मेयर को शामिल नहीं किया गया है। लिहाज़ा, महापौर इसे नियम विरुद्ध बताकर नगर आयुक्त और नगर विकास विभाग पर

हमला बोल रही हैं।

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होल्डिंग टैक्स वसूली के लिए नई कंपनी का चयन

ताज़ा विवाद इस बात को लेकर शुरू हुआ है कि, मेयर को शामिल किए बिना होल्डिंग टैक्स वसूली के लिए नई कंपनी का चयन कर दिया गया है। महापौर पुरानी कंपनी को विस्तार देना चाहती थी लेकिन नगर विकास विभाग ने मेयर को भरोसे में लिए बिना श्री पब्लिकेशन नामक कंपनी का चयन कर दिया। मेयर ने इसे नगर निकायों के अधिकार का हनन बताते हुए नगर आय़ुक्त के साथ वाक् युद्ध छेड़ दिया। दरअसल, नई कंपनी के चयन प्रक्रिया में रांची नगर निगम के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी मुकेश कुमार का भी हस्ताक्षर है। मेयर का आरोप है कि, नगर आयुक्त ने किस अधिकार से काग़ज़ात पर हस्ताक्षर किए।

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मेयर की बैठक में शामिल नहीं हुए नगर आयुक्त

मेयर आशा लकड़ा ने पूरे मामले पर विचार विमर्श के लिए वार्ड पार्षदों के साथ ही नगर आयुक्त को बैठक में बुलाया। हालांकि, सूचना मिलने के बाद भी नगर आयुक्त बैठक में शामिल नहीं हुए। 16 अक्टूबर को बुलाई गई बैठक में जब नगर आयुक्त नहीं पहुंचे तो महापौर ने 17 अक्टूबर को भी बैठक बुलाई लेकिन मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी बैठक से दूर रहे। इससे नाराज़ मेयर ने कहा कि, किसी भी सूरत में नई कंपनी को शहर में काम करने नहीं दिया जाएगा।

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रांची नगर निगम में एंटी करप्शन ब्यूरो का छापा

राज्य में हेमंत सरकार आने के बाद फरवरी 2020 में भ्रष्टाचार की शिकायत पर एंटी करप्शन ब्यूरो यानी एसीबी ने रांची नगर निगम में छापा मारा। विभाग के इस कार्रवाई पर मेयर आशा लकड़ा बिफर पड़ीं और सरकार पर बदले की कार्रवाई का आरोप लगा दिया। महापौर ने कहा कि, रांची नगर निगम एक स्वायत संस्था है। लिहाज़ा, बिना किसी पूर्व सूचना के जांच नहीं कराई जा सकती है। एसीबी को इसमें मोहरा बनाया गया है। सरकार विकास कार्यों को बाधित करना चाहती है। ग़ौरतलब है कि, एसीबी ने रांची नगर निगम के साथ ही रजिस्ट्री ऑफिस और डोरंडा थाना में भी छापा मारा था। एसीबी की इस कार्रवाई के बाद से मेयर और सरकार के बीच रिश्ते और बिगड़ गए।

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नगर निगम में बढ़ता विवाद और शहर में कचरे का अंबार

नगर निकायों और सरकार के बीच बढ़ते विवाद का ख़ामियाज़ा नगर वासियों को उठाना पड़ रहा है। नवरात्र शुरू हो चुका है लेकिन शहर की साफ-सफाई व्यवस्था दुरुस्त नहीं हुई है। मेयर और नगर आयुक्त आमने-सामने हैं। ऐसे में बाकी अधिकारी भी हाथ पर हाथ रखे बैठे हैं। छठ महापर्व में घाटों की साफ-सफाई का काम बहुत पहले शुरू कर दिया जाता है लेकिन विवाद के कारण अबतक काग़ज़ी प्रक्रिया भी शुरू नहीं हुई है।

शाहनवाज़

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