Corona Cases in India: आखिर क्यों बढ़ने लगे कोरोना के केस, ओमीक्रान का खतरा अभी बाकी

Corona Cases in India: ओमीक्रान के सब वेरियंट एक ही व्यक्ति को बार बार संक्रमित कर सकते हैं। यानी संक्रमण से बनी प्रतिरोधक क्षमता दोबारा संक्रमण को रोक नहीं पाती है।

Written By :  Neel Mani Lal
Update:2022-06-09 16:02 IST

कोरोना के मामले बढ़ने लगे: Photo - Social Media

Corona Cases in India: भारत में एक बार फिर से कोरोना के मामले बढ़ने लगे (Corona cases started increasing) हैं। खास कर महाराष्ट्र (Maharashtra) और केरल में कोरोना वायरस (corona virus in kerala) के मामलों में अचानक वृद्धि हुई है। माना जाता है कि इस बार ओमीक्रान के सब वेरियंट (Omicron variants) संक्रमण फैला रहे हैं। ओमीक्रान वैसे ही बेहद संक्रामक है जबकि उसके नए सब वेरियंट तो ओमीक्रान से 5 गुना ज्यादा संक्रामक बताए जाते हैं। सो केस बढ़ने की एक वजह नए सब वेरियंट हैं।

ओमीक्रान के सब वेरियंट

इसके अलावा ओमीक्रान के सब वेरियंट में एक खासियत ये है कि ये एक ही व्यक्ति को बार बार संक्रमित कर सकते हैं। यानी संक्रमण से बनी प्रतिरोधक क्षमता दोबारा संक्रमण को रोक नहीं पाती है। कई मामले ऐसे आये हैं जिनमें एक बार कोरोना होने के बाद मरीज ठीक हो गए लेकिन उनको फिर दो दो बार संक्रमण हो गया। अब सवाल उठता है कि क्या कोई और लहर आएगी? इस बारे में एक्सपर्ट्स की अलग अलग राय है।

एक एक्सपर्ट के अनुसार, नया वेरियंट आने, पूर्व संक्रमण या टीकाकरण से प्रतिरक्षा कम होने और कोरोना के प्रति सावधानी का पूर्ण परित्याग हो जाने के चलते दुनिया के विभिन्न हिस्सों में मामलों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है। ये तीन कारक कोरोना मामलों के फिर से उभरने के पीछे के कारण हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि कोरोना के मामलों में चरम और गिरावट असामान्य नहीं है। ये ट्रेंड सभी जगह देखा जा रहा है।

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टीकाकरण के बाद भी संक्रमण हो सकता है

पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया (Public Health Foundation of India) के अध्यक्ष डॉ श्रीनाथ रेड्डी के अनुसार, टीका लगने का मतलब यह नहीं है कि लोग सभी प्रकार के संक्रमणों से सुरक्षित हैं। 2020 के मध्य से और 2021 में भी देखा गया है कि बूस्टर के साथ भी टीकाकरण सफलता संक्रमण को नहीं रोक पाता है संक्रमण अभी भी हो सकता है। दरअसल, टीकाकरण केवल गंभीर बीमारी को रोकता है।

भारत में टीकाकरण तो बहुत हुआ है लेकिन बूस्टर के मामले में ऐसा नहीं है।इस बात के प्रमाण हैं कि दो खुराक के बाद टीकों की प्रभावकारिता छह महीने के बाद कम हो जाती है। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि जो लोग बूस्टर के लिए पात्र हैं वे तुरंत बूस्टर लगवाएं। बूस्टर अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करने में मदद करता है। लोगों में बूस्टर के प्रति उदासीनता देखी जा रही है। राज्यों में वैक्सीनों के बड़ी संख्या में खुराकें बिना इस्तेमाल पड़ी हुई हैं क्योंकि लोग वैक्सीन लगवाने ही नहीं आ रहे।

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कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करें (follow corona protocol)

जिन लोगों को बूस्टर मिला है, उन्हें भी मास्क पहनकर और अत्यधिक भीड़-भाड़ वाली, खराब हवादार जगहों से परहेज कर अपनी सुरक्षा करते रहना चाहिए। लोग कोरोना प्रोटोकॉल को भूल चुके हैं और यही गलती भारी पड़ सकती है। सभी के लिए अनावश्यक यात्रा और भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचना ही बेहतर है। गंभीर बीमारी से बचने के लिए टीका लगवाएं। और अगर आप संक्रमण से बचना चाहते हैं तो मास्क पहनें। साफ सफाई रखें, बार बार हाथ धोएं।

नया अध्ययन

अमेरिका में हुई स्टडी के निष्कर्षों से पता चला है कि ओमीक्रान से संक्रमित लोगों को केवल ओमीक्रान सबवेरिएंट से संक्रमण से सुरक्षा मिलती है। वायरस के अन्य वेरिएंट से संक्रमण से सुरक्षा नहीं मिलती है। अब तक, पांच मुख्य प्रकार - अल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा और ओमीक्रान रहे हैं। यह उन लोगों के लिए बुरी खबर है जो उम्मीद करते हैं कि एक बार संक्रमित होने के बाद प्राकृतिक इम्यूनिटी भविष्य के सभी वेरियंट से उनकी रक्षा करेगी। लेकिन वैक्सीन लगवाने से "सुपर इम्युनिटी" मिल जाती है। इसीलिए वैक्सीन और बूस्टर, दोनों जरूरी हैं।

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