रोटी पर थूकने का मामलाः मौलाना आगा ने कही बड़ी बात, कौन सी है ये मानसिकता

पिछले साल कोरोना ने जब फैलना शुरू किया था तो तमाम ऐसे वीडियो और खबरें आई थीं जिनमें कथित रूप से मुस्लिम बताए जा रहे युवक कोरोना को अल्लाह का कहर या फिर कोरोना से भारत में करोड़ों लोगों की मौत की दुआ माँगते सामने आए थे। यहां तक दावा किया जा रहा था कि कोरोना से मुसलमान नहीं मरेगा।

Update: 2021-02-21 08:08 GMT
नासिक एक ऐसा युवक को गिरफ्तार किया था, जो नोटों की गड्डी से नाक-मुँह पोंछकर रहा था। इसके बाद वीडियो सामने आया था।

रामकृष्ण वाजपेयी

नई दिल्ली। कोरोना का नया स्ट्रेन सामने आने के बाद मेरठ में एक शादी समारोह में तंदूरी रोटी पर थूक लगाने वीडियो वायरल हुआ है। युवक को पकड़ लिया गया है। पिछले साल कोरोना ने जब फैलना शुरू किया था तो तमाम ऐसे वीडियो और खबरें आई थीं जिनमें कथित रूप से मुस्लिम बताए जा रहे युवक कोरोना को अल्लाह का कहर या फिर कोरोना से भारत में करोड़ों लोगों की मौत की दुआ माँगते सामने आए थे। यहां तक दावा किया जा रहा था कि कोरोना से मुसलमान नहीं मरेगा। उन्हें कुछ नहीं होगा। नासिक एक ऐसा युवक को गिरफ्तार किया था, जो नोटों की गड्डी से अपना नाक-मुँह पोंछकर रहा था। इसके बाद वीडियो सामने आया था जिसमें ठेले पर फल बेचने वाला फलों पर अपना थूक लगा रहा था। इसके अलावा दूसरे पर थूकने की खबरें बहुत तेजी से आई थीं।

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थूकना, नाक छिनकना ये सब गंदगी

इस मानसिकता पर जब newstrack.com ने धर्मगुरु आगा रूही से बात की तो उन्होंने कहा कि पहली बात तो यह है कि किसी भी अपराधी को अपराधी की तरह देखा जाना चाहिए उसे धर्म से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। थूकना, नाक छिनकना ये सब गंदगी है। ऐसी गंदगी जो कोई भी फैला रहा है या दूसरे तक पहुंचा रहा है तो यह निहायत गंदा काम है।

आगा रूही कहते हैं कि खासकर कोरोना के इस समय में जबकि हम सबको थूकने, खांसने, छींकने पर सतर्क रहना चाहिए। उचित दूरी और मास्क के साथ बरकरार रखनी चाहिए, इस्लाम ही नहीं किसी भी मजहब में गंदगी फैलाने को सही नहीं ठहराया जा सकता। और फिर दूसरे के खाने को खराब करना तो अपराध है।

फोटो-सोशल मीडिया

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कई बार अफवाहों को लोग सच मान बैठते

मौलाना आगा रूही कहते हैं कि कई बार अफवाहों को लोग सच मान बैठते हैं सैकड़ों साल से एक अफवाह चली आ रही है मुसलमानों का एक फिरका जब गैर मजहब वाले को खाना या पानी देता है तो जूठा कर देता है। वह कहते हैं हम तरक्की करके कितना आगे निकल गए लेकिन अफवाहें आज भी उसी तरह जिंदा हैं। इस तरह के शरारती लोगों को मजहब के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए।

इस संबंध में जब मौलाना अलदार हुसैन से जब उनकी प्रतिक्रिया पूछी गई तो उन्होंने दो टूक कहा इस्लाम में ऐसे किसी भी काम के लिए मनाही है। उन्होने कहा कि इस्लाम में दुआ मांगी जाती है कुछ बाबा लोग दुआ के साथ गंडा ताबीज या फूंक डालने का काम भी करते हैं। लेकिन मेरठ की घटना में जिसने भी यह किया गलत किया।

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