वैक्सीन लगने के बाद दिख सकते हैं ऐसे प्रभाव, राज्यों को तैयार रहने का निर्देश
स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने कहा कि हम वैक्सीन के प्रतिकूल प्रभाव से इनकार नहीं कर सकते हैं। इसलिए इसे लेकर केंद्र और राज्य सरकार को अपनी तैयारी कर लेनी चाहिए।
नई दिल्ली: देशभर में लोग कोरोना वायरस की दूसरी लहर (Corona Virus Second Wave) का सामना कर रहे हैं। ऐसे में लोग बेसब्री से कोविड-19 वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) का इंतजार कर रहे हैं। देश में तीन स्वदेशी वैक्सीन का ट्रायल जारी है। इस बीच स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने कहा है कि कोरोना वायरस की वैक्सीन लगने के बाद मरीजों पर इसके प्रतिकूल प्रभाव भी दिख सकते हैं। इसे लेकर उन्होंने राज्यों को तैयार रहने के लिए कहा है।
दस लाख की आबादी पर कोरोना के मामले कम
आज यानी मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Ministry of Health) और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने कोरोना वायरस को लेकर एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस (Press Conference) की। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने कहा कि भारत में हर दस लाख की आबादी पर कोरोना मामलों की संख्या सबसे कम है। भूषण के मुताबिक, भारत में दस लाख की आबादी पर केवल सात हजार 178 कोरोना के केसेस हैं। जबकि प्रति दस लाख आबादी का वैश्विक औसत नौ हजार है।
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प्रतिकूल प्रभाव के लिए रहना चाहिए तैयार
स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव ने कोरोना वायरस वैक्सीन को लेकर कहा कि टीके को लेकर लगातार तैयारियां की जा रही हैं। वैक्सीनेशन के लिए 29 हजार कोल्ड चेन प्वाइंट, 45 हजार आइस-लाइन्ड रेफ्रिजरेटर, 41 हजार डीप फ्रीजर, 240 वॉक-इन कूलर, 70 वॉक-इन फ्रीजर और 300 सोलर रेफ्रिजरेटर का इस्तेमाल किया जाएगा। राज्यों के पास पहले से ही ये उपकरण पहुंच चुके हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राज्यों को प्रतिकूल प्रभाव की घटनाओं के लिए भी तैयार रहना चाहिए।
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केंद्र और राज्य कर लें इसकी तैयारी
वैक्सीन के प्रतिकूल प्रभाव पर भूषण ने कहा कि यह एक बेहद महत्वपूर्ण मुद्दा है। जब हम यूनिवर्सल टीकाकरण कार्यक्रम करते हैं तो वैक्सीनेशन के बाद बच्चों और प्रेग्नेंट वूमेन में कुछ प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिलते हैं। ऐसे में जब हम कोरोना का वैक्सीनेशन करेंगे तो भी हम इसके प्रतिकूल प्रभाव से इनकार नहीं कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जिन देशों में टीकाकरण पहले ही शुरू हो चुका है वहां पर ऐसी घटनाएं देखी जा चुकी हैं। ब्रिटेन में पहले दिन कई प्रतिकूल घटनाएं हुईं। इसलिए केंद्र और राज्य सरकार को इसके लिए पहले से ही तैयार रहना चाहिए।
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