कोरोना वैक्सीन पर देश को जल्द मिलेगी खुशखबरी, इन शहरों में चल रहा मानव परीक्षण

पटना एम्स के निदेशक पीके सिंह ने कहा कि 'टेस्टिंग के मामूली दुष्प्रभाव हैं। मसलन जहां वैक्सीन लगाई गई थी वहीं त्वचा पर लाल निशाना, दर्द या हल्का बुखार। किसी भी टेस्टिंग में यह हो सकता है लेकिन और कोई स्वास्थ्य का मामला सामने नहीं आया।

Update:2020-07-25 11:07 IST

नई दिल्ली: कोरोना के इलाज के लिए पूरे विश्व के शोधकर्ता वैक्सीन की खोज में लगे हुए हैं। दूसरी तरफ भारत में भारत बायोटेक (BB) और ज़ाइडस कैडिला की वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल देश के 6 शहरों में हो रहा है। हाल ही में दिल्ली के एक 30 वर्षीय शख्स को एम्स में भारत बायोटेक के कोवैक्सनी का 0.5 एमएल इंट्रामस्कुलर इंजेक्शन दिया गया।

तीसरा टीका जल्द ही भारत में टेस्ट किया जाएगा

BB और Zydus दोनों को फेज I और फेज 2 के क्लिनिकल टेस्टिंग के लिए अनुमति दी गई थी और 15 जुलाई को वॉलंटियर्स को उनके टीके का पहला डोज दिया गया। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित तीसरा टीका जल्द ही भारत में टेस्ट किया जाएगा। ब्रिटेन में एस्ट्रा ज़ेनेका के साथ मैन्यूफैक्चरिंग साझेदार सीरम इंस्टीट्यूट ने कहा है कि जैसे ही उसे संस्थागत अनुमति मिलेगी वह ह्यूमन ट्रायल शुरू कर देगा।

पहले फेज में 500 से अधिक वॉलंटियर्स

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) के सहयोग से विकसित कोवैक्सिन की टेस्टिंग एम्स, दिल्ली और पटना, PGI रोहतक समेत 12 शहरों के 12 अस्पतालों में होगा। पहले फेज में 500 से अधिक वॉलंटियर्स को शामिल किया जाएगा। ये सभी सभी स्वस्थ और 18 से 55 वर्ष के होंगे। साथ ही यह भी ख्याल रखा जाएगा कि इन्हें और कोई बीमारी ना हो।

वैक्सीन की टेस्टिंग अहमदाबाद में चल रही

Zydus के ZyCoV-D वैक्सीन की टेस्टिंग फिलहाल अहमदाबाद में उनके रिसर्च सेंटर तक सीमित है लेकिन इसे कई शहरों में बढ़ाया जाएगा। हैदराबाद, पटना, कांचीपुरम, रोहतक और अब दिल्ली में कोवैक्सिन परीक्षण शुरू हो चुके हैं। इसके बाद नागपुर, भुवनेश्वर, बेलगाम, गोरखपुर, कानपुर, गोवा और विशाखापत्तनम शामिल किये जाएंगे।

एक रिपोर्ट के अनुसार एम्स दिल्ली में वैक्सीन टेस्टिंग प्लान के प्रमुख डॉ. संजय राय ने 'हमने उन्हें 30 वर्षीय शख्स दो घंटे तक देखा। वैक्सीन का कोई तत्काल प्रभाव नहीं था। वॉलंटियर को अभी घर जाने की अनुमति दी गई है और दो दिनों के बाद उसकी फिर से जांच की जाएगी।' एम्स पटना में 15 जुलाई को 11 वॉलंटियर्स पर कोवैक्सिन का ह्यूमन ट्रायल शुरू किया था। वॉलंटियर्स का इस पर कोई बड़ा दुष्प्रभाव नहीं हुआ। पहली खुराक के रिजल्ट अभी आना बाकी है।

पटना एम्स में टेस्टिंग के मामूली दुष्प्रभाव

पटना एम्स के निदेशक पीके सिंह ने कहा कि 'टेस्टिंग के मामूली दुष्प्रभाव हैं। मसलन जहां वैक्सीन लगाई गई थी वहीं त्वचा पर लाल निशाना, दर्द या हल्का बुखार। किसी भी टेस्टिंग में यह हो सकता है लेकिन और कोई स्वास्थ्य का मामला सामने नहीं आया। अब हम कुछ ऐसी टेस्टिंग करेंगे जिससे यह पता चल सके कि पहली खुराक का कोई दुष्प्रभाव नहीं हुआ और हम यह भी जाचेंगे कि शरीर में कितना एंटीबॉडी बना।'

 

गोरखपुर के राणा अस्पताल में टेस्टिंग्स की प्रक्रिया अपने शुरुआती चरण में

ऐसी ही टेस्टिंग्स चेन्नई के करीब कांचीपुरम स्थित एसआरएम मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, नागपुर के गिल्लूकर मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल और रिसर्च सेंटर, भुवनेश्व के इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेंज और एक निजी मेडिकल कॉलेज सम हॉस्पिटल, बेलगाम के जीवन रेखा अस्पताल, हैदराबाद स्थित निजाम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल, गोवा के रेडकर अस्पताल और गोरखपुर के राणा अस्पताल में टेस्टिंग्स की प्रक्रिया अपने शुरुआती चरण में है।

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