केजरीवाल सरकार को तगड़ा झटका, राज्यपाल अनिल बैजल ने पलटा ये बड़ा फैसला

दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल और सीएम अरविंद केजरीवाल के रिश्तों में एक बार फिर से कड़वाहट की बात सामने आई है। मामला सीएम अरविन्द केजरीवाल के हाल में लिए गये एक फैसले से जुड़ा हुआ है।

Update: 2020-06-08 13:17 GMT

नई दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल और सीएम अरविंद केजरीवाल के रिश्तों में एक बार फिर से कड़वाहट की बात सामने आई है। मामला सीएम अरविन्द केजरीवाल के हाल में लिए गये एक फैसले से जुड़ा हुआ है। जिसे उपराज्यपाल अनिल बैजल ने ख़ारिज कर दिया है।

ये फैसला कोरोना के मरीजों के इलाज से जुड़ा हुआ था। जिसमें केजरीवाल सरकार ने पहले कहा था कि दिल्ली सरकार के अस्पतालों में सिर्फ दिल्ली के कोरोना मरीजों का इलाज होगा।

सूत्रों ने बताया कि उपराज्यपाल ने डीडीएमए चेयरपर्सन होने के नाते संबंधित विभागों और प्रशासन को निर्देश दिया है कि बाहरी राज्य के किसी व्यक्ति को इलाज से मना न किया जाए।

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केजरीवाल सरकार ने पहले लिया था ये फैसला

बता दें कि केजरीवाल ने रविवार को डिसीजन लिया था जिसके मुताबिक दिल्ली में दिल्ली सरकार और प्राइवेट अस्पतालों में केवल दिल्ली के निवासियों का इलाज होगा। जबकि दिल्ली में स्थित केंद्र सरकार के अस्पतालों में सभी का इलाज होगा। कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर दिल्ली कैबिनेट ने यह निर्णय लिया।

सीएम केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मार्च के महीने तक दिल्ली के सारे अस्पताल पूरे देश के लोगों के लिए खुले रहे। किसी भी समय दिल्ली के अस्पतालों में 60 से 70 फ़ीसदी लोग दिल्ली से बाहर के थे।

लेकिन कोरोना के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में अगर दिल्ली के अस्पताल बाहर वालों के लिए खोल दिए तो दिल्ली वालों का क्या होगा?

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को इसका ऐलान किया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि जून के अंत तक 15 हजार कोरोना के मरीजों के लिए बेड की जरूरत होगी। एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने ये फैसला लिया है कि दिल्ली सरकार के अस्पतालों में सिर्फ दिल्ली के लोगों का इलाज होगा।

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