इस शहर में कोरोना मचा सकता है भीषण तबाही, मरीजों का आंकड़ा देख दंग रह जाएंगे
कोरोना वायरस का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। भारत में सबसे ज्यादा केस मुंबई में सामने आए हैं। अगर इसी रफ्तार से यहां पर नये मरीजों के मिलने का सिलसिला जारी रहा तो 15 मई तक मुम्बई में कोरोना के मरीजों की तादाद बढ़कर 75 हजार तक पहुंच जाएगी।
पुणे: कोरोना वायरस का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। भारत में सबसे ज्यादा केस मुंबई में सामने आए हैं। अगर इसी रफ्तार से यहां पर नये मरीजों के मिलने का सिलसिला जारी रहा तो 15 मई तक मुम्बई में कोरोना के मरीजों की तादाद बढ़कर 75 हजार तक पहुंच जाएगी।
मुंबई के लिए मई का तीसरा हफ्ता मुंबई के लिए काफी चुनौतीपूर्ण हो सकता है। वहीं बीएमसी ने इससे निपटने के लिए कई खास तरह के प्लान तैयार किये हैं। जिसमें सबसे ज्यादा जोर कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग पर दिया जा रहा है। इसके साथ ही निजी और सरकारी दोनों क्षेत्रों के अस्पतालों में बेड्स की संख्या भी बढ़ाई जाएगी।
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कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और सर्विलांस क्यों है जरूरी
स्वास्थ्य अधिकारी मनीषा म्हयेस्कर ने बताया कि बीएमसी के लिए सबसे बड़ा चैलेंज मरीजों की बढ़ती संख्या को नियंत्रित करना और दोगुनी होने की दर को बढ़ने से रोकना है। मनीषा ने बताया, 'यह जरूरी है कि मामलों के दोगुनी होने की दर 4 से 5 दिन पर न पहुंच जाए। इसके लिए अनिवार्य रूप से कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और सर्विलांस मददगार हो सकता है।' कोरोना मामलों की दोगुनी दर 10 दिन होनी चाहिए।
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झुग्गी बस्ती बनी सबसे बड़ा खतरा
महाराष्ट्र सरकार कोरोना वायरस संक्रमण को काबू करने के लिए लोगों से घरों में रहने की अपील कर रही है, लेकिन इन झुग्गी-बस्तियों में 100 से 200 वर्ग फुट के कमरों में आठ से 10 लोग साथ रहते हैं। कई परिवारों का शौचालय एक ही है और वे पानी के लिए एक ही नल का इस्तेमाल करते हैं, ऐसे में कोरोना वायरस संक्रमण फैलने का खतरा अधिक है।
मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण के पूर्व मुख्य नगर नियोजक वी के पाठक ने बताया , ''नीतिगत विफलता और नेताओं एवं डेवलपरों की कभी समाप्त नहीं होने वाली आकांक्षाओं के कारण शहर झुग्गी-बस्ती से मुक्त नहीं हो पा रहा है और आज ये इलाके कोरोना वायरस संक्रमण फैलने का स्रोत बन गए हैं।"
रियल एस्टेट डेवलपरों के निकाय नारेडको के राष्ट्रीय अध्यक्ष निरंजन हीरानंदानी ने भी स्वीकार किया कि मुंबई के लिए उचित शहरी योजना ''नहीं बनाई गई।
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