कोरोना पर ताजा रिपोर्ट: सिर्फ बूढे नहीं, युवा भी आ रहे चपेट में, इस उम्र के सबसे ज्यादा

भारत में कोरोना वायरस सबसे ज्यादा युवा और कामकाजी आबादी को अपनी चपेट में ले रहा है। कोरोना वायरस के कन्फर्म 1,801 मामलों के विश्लेषण के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया है।

Update:2020-05-01 10:48 IST

नई दिल्ली: भारत में कोरोना वायरस सबसे ज्यादा युवा और कामकाजी आबादी को अपनी चपेट में ले रहा है। कोरोना वायरस के कन्फर्म 1,801 मामलों के विश्लेषण के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया है।

आंकड़े बता रहे हैं कि भारत में सबसे ज्यादा युवा आबादी कोरोना वायरस के निशाने पर है। अभी तक इसकी चपेट में आए लोगों में से 60 फीसदी की उम्र 50 साल से कम है।

आंकड़े के मुताबिक, 1,801 कन्फर्म केसों में से 391 यानी 22 फीसदी मरीजों की उम्र 30 से 39 साल के बीच है। इसके बाद 376 यानी 21 फीसदी की उम्र 20 से 29 साल के बीच है, जबकि 17 फीसदी संक्रमित लोगों की उम्र 40 से 49 साल के बीच है।

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75 साल से ज्यादा उम्र के लोगों की मौत के आंकड़े में भारी कमी

शुरुआती दिनों में भारत में ये आंकड़ा 42।2 फीसदी था, लेकिन अब ये घटकर 9।2 फीसदी पर पहुंच गया है। ये आंकड़े हैरान कर देने वाले इसलिए हैं, क्योंकि 18 अप्रैल से पहले 60 साल से कम उम्र के लोगों की मौत का आंकड़ा सिर्फ 25 फीसदी था। अब ये बढ़कर 50 फीसदी पहुंच गया है। इसके अलावा अब 75 साल से ज्यादा उम्र के लोगों की मौत का आंकड़े में भारी कमी आई है।

क्या कहती है स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट

45 से 60 साल के बीच मौत का आंकड़ा 34।8 फीसदी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक कोरोना से मरने वाले 14 फीसदी वो मरीज हैं, जिनकी उम्र 45 साल से कम है।

इसके अलावा 60 से 75 साल के उम्र के मरीजों में मौत का आंकड़ा 42 फीसदी है। जबकि 75 से ज्यादा उम्र के लोगों में ये आंकड़ा सिर्फ 9।2 फीसदी है। यानी 60 साल से कम उम्र के लोगों में मौत का आंकड़ा 48।8 फीसदी है।

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लॉकडाउन के बाद क्या?

गृह मंत्रालय ने इस बात के संकेत दिए हैं कि 3 मई के बाद ऑरेंज और ग्रीन जोन के कई इलाकों में छूट मिल सकती है। इसके बारे में जल्द ही नए गाइडलाइन जारी किए जाएंगे। पांबदियों को लेकर गाइडलाइन बाद में जारी किए जाएंगे। लॉकडाउन का दूसरा फेज खत्म होने वाला है। एक्सपर्ट की मानें तो कोरोना संक्रमण की रफ्तार में कमी आ रही है।

ऑरेंज ज़ोन यानी वो इलाका जहां पिछले 14 दिनों में कोरोना के कोई नए केस न आए हों वहां भी पाबंदियों पर कुछ ढील दी जा सकती है।

कहा जा रहा है कि उन इलाकों में छूट मिलेगी जहां पिछले 28 दिनों से कोई कोरोना के मामले न आए हों।

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