बदल जाएगा स्कूल-कॉलेजों का माहौल, नई गाइडलाइन तैयार कर रही सरकार

नई गाइडलाइन के मुताबिक क्लास रूम में बैठने से लेकर लाइब्रेरी, मेस, कैंटीन और हॉस्टलों में रहने तक के नियमों में बदलाव करने का विचार किया जा रहा है।

Update: 2020-05-01 16:50 GMT

अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली। अभी तो लॉकडाउन घोषित होने के कारण देशभर के स्कूल-कॉलेजों में बंदी का दौर चल रहा है मगर लॉकडाउन खत्म होने के बाद शिक्षा संस्थाओं में पढ़ाई शुरू होने पर माहौल बिल्कुल बदला-बदला नजर आएगा। मानव संसाधन विकास मंत्रालय स्कूल-कॉलेजों के लिए नई गाइडलाइन तैयार कर रहा है ताकि पढ़ाई शुरू होने पर कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरों से बचा जा सके।

अनिवार्य होगा मास्क पहनना

नई गाइडलाइन के मुताबिक क्लास रूम में बैठने से लेकर लाइब्रेरी, मेस, कैंटीन और हॉस्टलों में रहने तक के नियमों में बदलाव करने का विचार किया जा रहा है। जानकार सूत्रों का कहना है कि स्कूलों में मास्क पहनने को अनिवार्य किया जा सकता है। स्कूलों में यूनिफार्म के साथ ही मास्क की भी चेकिंग की व्यवस्था जरूरी कर दी जाएगी।

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सुबह की असेंबली पर लग सकती है रोक

सूत्रों के मुताबिक स्कूलों में सुबह होने वाली असेंबली और खेल संबंधी गतिविधियों पर रोक लगाई जा सकती है। कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए स्कूल बस, वॉशरूम और टेस्टिंग लैब के लिए भी अलग नियम बनाने पर विचार किया जा रहा है। नई गाइडलाइन के मुताबिक स्कूलों को समय-समय पर अपनी पूरी इमारत को सैनिटाइज करने का आदेश भी दिया जा सकता है। हॉस्टलों में रहने वालों के लिए और मेस में खाने के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग पर जोर देने पर विचार किया जा रहा है।

छात्रों और स्टाफ की करनी होगी सुरक्षा

शिक्षण संस्थाओं के लिए तैयार की जा रही नई गाइडलाइन में छात्रों और स्टाफ की सुरक्षा के लिए जरूरी सुझाव भी दिए जाएंगे। इस बात का भी ध्यान रखा जाएगा कि जिस इलाके में शिक्षण संस्था है, वहां कोरोना के संक्रमण की स्थिति क्या है। शिक्षण संस्थाओं को अपने इलाके में कोरोना के संक्रमण की स्थिति को देखते हुए फैसला लेने की छूट भी दी जाएगी।

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राज्यों के साथ साझा की जाएगी गाइडलाइन

सूत्रों का कहना है कि चाडी मंत्रालय यह गाइडलाइन इसलिए तैयार कर रहा है ताकि इसे राज्यों के साथ साझा किया जा सके और स्कूल-कॉलेज खुलने से पहले इस गाइडलाइन के मुताबिक तैयारी की जा सके। गाइडलाइन के अनुपालन को सुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन को दी जा सकती है। जिला प्रशासन के अधिकारी समय-समय पर शिक्षण संस्थाओं का निरीक्षण कर इस बात का पता लगाएंगे कि वहां गाइडलाइन का पालन किस तरह किया जा रहा है।

 

देश के प्रतिष्ठित संस्थानों मसलन आईआईटी में विजिटर्स की एंट्री बंद करने, शिफ्ट वाइज क्लास लगाना और लैब का टाइमिंग अलग-अलग करने पर भी विचार किया जा रहा है ताकि यहां पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को कोरोना के संक्रमण से बचाया जा सके।

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यूजीसी ने की है यह सिफारिश

देश में कोरोना का संक्रमण फैलने के बाद से ही शिक्षण संस्थाओं में 16 मार्च से बंदी चल रही है। लॉकडाउन की वजह से तमाम शिक्षण संस्थाओं में परीक्षा का काम भी पूरा नहीं हो सका है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय इस समस्या का समाधान भी ढूंढने की कोशिश में टूटा हुआ है। इस बीच विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ( यूजीसी) ने विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में पुराने छात्रों के लिए अगस्त से और नए छात्रों के लिए सितंबर से नया सत्र शुरू करने की सिफारिश की है।

शेड्यूल बाद में जारी होने की उम्मीद

सीबीएससी की 10वीं और 12वीं की बची हुई बोर्ड परीक्षाओं को पूरा कराने की तैयारी भी की जा रही है। हालांकि अभी तक इसका शेड्यूल जारी नहीं किया गया है। उम्मीद जताई जा रही है कि अब लॉकडाउन के तीसरे चरण की 17 मई को समाप्त होने वाली अवधि के बाद ही यह शेड्यूल जारी किया जाएगा।

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