सोनिया गांधी का बड़ा एलान, घर लौट रहे मजदूरों में खुशी की लहर

कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए देश में लॉकडाउन है। इसकी वजह से मजदूर लंबे अलग-अलग राज्यों में फंसे हुए थे। अब करीब एक महीने बाद उन्हें घर जाने की अनुमति मिली है।

Update: 2020-05-04 03:45 GMT

नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए देश में लॉकडाउन है। इसकी वजह से मजदूर लंबे अलग-अलग राज्यों में फंसे हुए थे। अब करीब एक महीने बाद उन्हें घर जाने की अनुमति मिली है। हालांकि इस बीच केंद्र सरकार ने रेल किराये का सारा खर्च मजदूरों से वसूलने का निर्णय लिया है। इस पर सियासत तेज हो गई। अब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इसको लेकर बड़ा एलान किया है। कांग्रेस सभी जरूरतमंद मजदूरों के रेल टिकट का खर्च उठाएगी।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने फैसला किया है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी की हर इकाई हर जरूरतमंद श्रमिक व कामगार के घर लौटने की रेल यात्रा का टिकट खर्च वहन करेगी व जरूरी कदम उठाएगी। सोनिया ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का यह देशवासियों की मदद और उनके साथ कंधा से कंधा मिलाकर खड़े होने का प्रयास भर है।

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सोनिया गांधी की तरफ से सोमवार को जारी बयान में कहा गया है कि सिर्फ चार घंटे के नोटिस पर लॉकडाउन लागू होने की वजह से देश के मजदूर अपने घर वापस जाने से वंचित रह गए। 1947 के बाद देश ने पहली बार इस तरह का मंजर देखा जब लाखों मजदूर पैदल ही हजारों किमी चलकर घर जाने में लगे हैं।

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सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि जब हम लोग विदेश में फंसे भारतीयों को बिना किसी खर्च के वापस ला सकते हैं, गुजरात में एक कार्यक्रम में सरकारी खजाने से 100 करोड़ रुपये खर्च कर सकते हैं, अगर रेल मंत्रालय प्रधानमंत्री राहत कोष में 151 करोड़ रुपये दे सकता है तो फिर मुश्किल वक्त में मजदूरों के किराये का खर्च क्यों नहीं उठा सकता है?

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लॉकडाउन के बाद लाखों मजदूर अलग-अलग राज्यों में फंस गए। उसके बाद उन्हें घर जाने की अनुमति दी गई है। राज्य सरकारों के निवेदन पर केंद्र सरकार ने इसके लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन चला रही है। लेकिन इस दौरान मजदूरों के किराये का वहन प्रदेश सरकारं उठाएंगी, जो कि मजदूरों से ही लिया जाएगा। रेल मंत्रालय के इस फैसले का राजनीतिक दलों आलोचना की है।

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