सुप्रीम कोर्ट से बाबा रामदेव को बड़ी राहत, कोरोनिल ट्रेडमार्क के इस्तेमाल पर रोक नहीं
शीर्ष अदालत ने कंपनी के खिलाफ कोरोनिल ट्रेडमार्क के इस्तेमाल पर रोक लगाने की मांग को लेकर दायर याचिका को खारिज कर दिया है।
अंशुमान तिवारी
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद को बड़ी राहत दी है। शीर्ष अदालत ने कंपनी के खिलाफ कोरोनिल ट्रेडमार्क के इस्तेमाल पर रोक लगाने की मांग को लेकर दायर याचिका को खारिज कर दिया है। यह याचिका चेन्नई की कंपनी अरुद्रा इंजीनियर्स की ओर से दायर की गई थी। याचिका में मांग की गई थी कि पतंजलि आयुर्वेद की इम्युनिटी बूस्टर दवा को कोरोनिल ट्रेडमार्क से बेचने पर रोक लगाई जाए। मद्रास हाईकोर्ट से झटका लगने के बाद अरुद्रा इंजीनियर्स ने इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख दिया किया था मगर वहां भी इस याचिका को खारिज कर दिया गया।
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सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका
सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद को बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस कोरोना संकट काल में कोरोनिल ट्रेडमार्क पर रोक लगाने का कदम इस प्रोडक्ट के साथ गलत होगा।
मद्रास हाईकोर्ट जाने की सलाह
सुप्रीम कोर्ट ने अरुद्रा इंजीनियर्स की मांग को खारिज करते हुए कहा कि कंपनी को यह केस मद्रास हाईकोर्ट में ही लड़ना चाहिए। अब अरुद्रा इंजीनियर्स इस मामले को लेकर मद्रास हाईकोर्ट में फिर कर पैरवी करने की तैयारी कर रही है। अदालत की ओर से इस केस की सुनवाई के लिए अगले महीने की तारीख तय की गई है।
कोरोनिल ट्रेडमार्क पर अरुद्रा का दावा
चेन्नई की सैनिटाइजर्स और केमिकल्स बनाने वाली कंपनी अरुद्रा ने अपनी याचिका में दावा किया था कि उसने 1993 में ही कोरोनिल नाम से ट्रेडमार्क लिया था। कंपनी की ओर से मद्रास हाईकोर्ट में दायर इस याचिका पर सिंगल बेंच ने पतंजलि को ट्रेडमार्क का इस्तेमाल न करने का आदेश दिया था मगर बाद में डिवीजन बेंच ने इस फैसले को पलट दिया था।
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सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एक बार फिर मद्रास हाईकोर्ट में इसे लेकर पैरवी की जाएगी। अरुद्रा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इस मामले को लेकर कंपनी की ओर से मजबूत पैरवी की जाएगी क्योंकि हम कोरोनिल ट्रेडमार्क को दूसरे को इस्तेमाल नहीं करने देना चाहते।
बाबा रामदेव की दवा पर विवाद
बाबा रामदेव ने पिछले दिनों कोरोनिल नाम से कोरोना वायरस की दवा बनाने का दावा किया था जिसे लेकर बाद में काफी विवाद पैदा हो गया था। आयुष मंत्रालय की ओर से भी बाबा रामदेव और उनकी कंपनी के इस दावे पर आपत्ति जताई गई थी। कई राज्यों ने भी इसकी बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का भी एलान कर दिया था। इस दवा के परीक्षण को लेकर भी तमाम सवाल उठाए गए थे।
बाद में बाबा ने मारी पलटी
बाद में कोरोनिल को लेकर विवादों के बीच बाबा रामदेव ने पलटी मार ली थी। उन्होंने इसे दवा के बजाय इम्युनिटी बूस्टर के तौर पर बेचने का एलान किया था। पिछले एक दशक के दौरान हर्बल और एफएमसीजी सेक्टर में बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद ने काफी कामयाबी हासिल की है। जानकारों का कहना है कि फिलहाल कंपनी का सालाना टर्नओवर करीब 10 हजार करोड़ रुपए है।
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