कोरोना की रफ्तार में भारी तेजी, सिर्फ पांच दिनों में सामने आए इतने ज्यादा मामले

जून के आखिरी हफ्ते के दौरान देश में कोरोना संक्रमण की रफ्तार में काफी तेजी आई है और सिर्फ पांच दिनों में कोरोना मरीजों के आंकड़े में एक लाख की बढ़ोतरी दर्ज की गई है...

Update:2020-07-02 08:32 IST

अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली: जून के आखिरी हफ्ते के दौरान देश में कोरोना संक्रमण की रफ्तार में काफी तेजी आई है और सिर्फ पांच दिनों में कोरोना मरीजों के आंकड़े में एक लाख की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। देश में कोरोना संक्रमिक मरीजों की संख्या 26 जून को पांच लाख के पार पहुंची थी और अगले 5 दिनों के भीतर यह आंकड़ा छह लाख को पार कर गया है। देश में कोरोना का पहला मामला 30 जनवरी को सामने आया था और फिर 110 दिन बाद यानी 10 मई को देश में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या एक लाख पहुंची थी।

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लगातार तेज हो रही संक्रमण की रफ्तार

उसके बाद से लगातार कोरोना के संक्रमण की रफ्तार में तेजी दर्ज की गई है। एक लाख से दो लाख का आंकड़ा पहुंचने में सिर्फ 15 दिन लगे। उसके बाद 10 दिन के भीतर ही संक्रमित लोगों की संख्या दो लाख से बढ़कर तीन लाख तक पहुंच गई। कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या तीन से चार लाख पहुंचने में 8 दिन और 4 से 5 लाख पहुंचने में सिर्फ 6 दिन लगे और अब सिर्फ 5 दिन में ही मरीजों की संख्या पांच लाख से बढ़कर छह लाख तक पहुंच गई है।

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जल्द ही रूस को भी पीछे छोड़ देगा भारत

जानकारों का कहना है कि जून के दौरान कोरोना की रफ्तार में काफी तेजी दर्ज की गई है। संक्रमण की रफ्तार में अगर यही तेजी बनी रही तो भारत तीन से चार दिनों के भीतर रूस को भी पीछे छोड़ देगा। मौजूदा समय में रूस दुनिया का तीसरा सर्वाधिक संक्रमित देश है और वहां कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या साढ़े छह लाख से अधिक है। संक्रमण के मामले में भारत इस समय दुनिया में चौथे नंबर पर है।

अमेरिका में सबसे तेजी से फैला संक्रमण

वैसे भारत में भी संक्रमण की रफ्तार अमेरिका की अपेक्षा धीमी है। अमेरिका में सिर्फ 86 दिनों में ही छह लाख से अधिक लोग कोरोना से संक्रमित हो गए थे। भारत में यह आंकड़ा 154 दिनों में पहुंचा है। हालांकि अन्य देशों की अपेक्षा भारत में संक्रमण की रफ्तार में काफी तेजी दर्ज की गई है। भारत दुनिया में इकलौता ऐसा देश बन गया है जहां संक्रमण के मामले सबसे अधिक तेजी से दर्ज किए जा रहे हैं। संक्रमण के मामले में अमेरिका अभी भी दुनिया में टॉप पर बना हुआ है। दूसरे नंबर पर ब्राजील जबकि तीसरे पर रूस का स्थान है।

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भारत में रिकवरी रेट काफी बेहतर

कोरोना की तेज रफ्तार के बावजूद भारत के साथ एक अच्छी बात यह भी है कि यहां का रिकवरी रेट दूसरे देशों के मुकाबले काफी बेहतर है। कोरोना के छह लाख मरीजों में अब तक साढ़े तीन लाख से अधिक मरीज पूरी तरह ठीक हो चुके हैं और रिकवरी रेट करीब 59.40 फीसदी है। इसका मतलब है कि कोरोना से संक्रमित हर सौ मरीजों में करीब 59 मरीज ठीक हो रहे हैं। वैसे रिकवरी रेट के मामले में रूस टॉप पर बना हुआ है जहां का रिकवरी रेट करीब 64.62 फीसदी है।

अमेरिकन में और विस्फोटक हो सकती है स्थिति

रिकवरी रेट के मामले में अमेरिका काफी पिछड़ा हुआ है और वहां 41.66 फीसदी मरीज ही ठीक हुए हैं। अमेरिका के शीर्ष संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर एंथनी फॉसी ने कहा है यदि स्वास्थ्य नियमों का पालन नहीं किया गया तो अमेरिका में संक्रमण की रफ्तार और तेज हो जाएगी और एक दिन के भीतर ही एक लाख मामले भी सामने आ सकते हैं। अभी देश में एक दिन में करीब 40000 से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर नियमों का सही तरीके से पालन नहीं किया गया तो स्थिति विस्फोटक हो सकती है।

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