बारिश का खौफनाक मंजर! यूपी-बिहार में मचा कोहराम, 100 से ज्यादा ने गंवाई जान

बारिश का प्रकोप तो देश से कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। बारिश जाते-जाते भी कई राज्यों में उत्पाद मचाए हुए है। इस समय बारिश और बाढ़ की समस्या से लगभग देश के तीन राज्य उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड बुरी तरह से त्रस्त हैं।

Update: 2023-06-17 13:29 GMT

नई दिल्ली : बारिश का प्रकोप तो देश से कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। बारिश जाते-जाते भी कई राज्यों में उत्पाद मचाए हुए है। इस समय बारिश और बाढ़ की समस्या से लगभग देश के तीन राज्य उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड बुरी तरह से त्रस्त हैं। इन राज्यों में इन हालातों की वजह से स्कूल कॉलेज बंद करा दिए गए हैं और चल रहे हालातों की वजह से फैल रही भीषण बीमारियों से अस्पतालों में पैर रखने की भी जगह नहीं बच रही है।

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मौसम विभाग ने दी जानकारी

मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, यह समस्या लगभग दो दिन तक बनी रहेगी। बारिश के रुकने के बाद ही खतरों के निशान से ऊपर बह रही नदियों का जलस्तर नीचे जाने की उम्मीद है। तीनों राज्यों में बाढ़ से हुए नुकसान का आंकड़ा कई करोड़ के ऊपर जा चुका है।

प्रशासन व सरकार द्वारा बाढ़ राहत राशि की घोषणा जरूर की गई है, लेकिन बाढ़ से प्रभावित लोगों के नुकसान की भरपाई इससे नहीं हो पाएगी। बाढ़ ने इन तीनों राज्यों के प्रभावित लोगों को कभी न भूल पाने वाला गम दे दिया है।

बिहार सीएम नीतीश कुमार ने नदियों के जलस्तर पर हर वक्त नजर रखने का निर्देश पदाधिकारियों को दिया है। उन्होंने कहा कि नेपाल में ज्यादा बारिश होती है तो गंडक, बूढी गंडक, बागमती सहित पूरा उत्तर बिहार प्रभावित होता है।

मौसम विभाग द्वारा जारी अलर्ट को मद्देनजर रखते हुए सीएम ने एक अणे मार्ग में शुक्रवार को उच्चस्तरीय बैठक की और पदाधिकारियों को कई निर्देश दिए। बैठक में सीएम को बताया गया कि 28, 29 और 30 सितंबर को नेपाल में 300 मिलीमीटर तक बारिश होने की आशंका है। इन हालतों को देखते हुए पिपरासी बांध के आस-पास के चार गांवों के लोगों को शिफ्ट कराने का फैसला किया गया।

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लोगों को सुविधा देने का तत्काल प्रबंध

सीएम ने कहा कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में सिर्फ कम्युनिटी किचेन से काम नहीं चलेगा। प्रभावित लोगों के बीच अधिक से अधिक राहत देने के लिए जगह-जगह राहत शिविर की व्यवस्था करनी होगी। जिन गांवों में बाढ़ का पानी चला गया है, वहां के लोगों को सुरिक्षत स्थानों पर तत्काल पहुंचाने का प्रबंध करें। उन्होंने प्रभावित इलाकों के डीएम को हर वक्त चौकस रहने का निर्देश दिया।

सीएम ने बैठक में पदाधिकारियों से कहा कि वह शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बाढ़ प्रभावित इलाकों की वर्तमान स्थिति का जायजा लेंगे। कहा कि आपदा प्रभावित लोगों से लिए सरकार पूरी तरह सजग है। उम्मीद है इस बार भी लोगों को कोई परेशानी नहीं होगी।

क्या है जलस्तर बढ़ने का कारण

सीएम ने कहा कि भागलपुर में जलस्तर बढ़ने का क्या कारण है, इसे देखें। सिर्फ वर्षा के कारण जलस्तर नहीं बढ़ सकता है। खगड़िया में भी सचेत रहने की जरूरत है। साथ ही पटना में भी विशेष रूप से निगरानी रखें। क्योंकि 1975 और 1976 में पुनपुन नदी का पानी कई गांवों में प्रवेश कर गया था।

सीएम ने कहा कि शनिवार से हथिया नक्षत्र शुरू हो रहा है। यह मान्यता है कि शनिवार के दिन बारिश शुरू होती है तो तीन दिनों तक लगातार बारिश होती रहती है।

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सीएम ने बैठक के दौरान आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने अररिया, मधेपुरा, कटिहार, पूर्णिया, सीतामढ़ी, किशनगंज, बगहा, सहरसा, सुपौल, मुजफ्फरपुर, नवगछिया, भागलपुर सहित बाढ़ प्रभावित इलाकों, नदियों के बढ़े जलस्तर, नदियों पर बने बांध आदि की वर्तमान स्थिति से सीएम को अवगत कराया।

सीएम को बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में पर्याप्त संख्या में नावों की व्यवस्था की गयी है। पॉलीथिन शीट व हर जरूरी सामग्री उपलब्ध करा दी गयी है। प्रभावित इलाकों में एसडीआरएफ एवं एनडीआरएफ टीम की तैनाती की गयी है। गुवाहाटी से भी एनडीआरएफ की टीम पहुंच चुकी है।

 

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