गंगा प्रदूषण पर कानून: गंदगी फैलाई तो होगी 5 साल की जेल और 50 करोड़ जुर्माना

जानकारी के मुताबिक, जलशक्ति मंत्रालय ने बिल का मसौदा तैयार कर लिया है और इसे कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेज दिया गया है। इस बिल में 13 चैपटर्स हैं। इसमें गैरकानूनी निर्माण कार्य, पानी के बहाव को रोकना, गंगा में गंदगी जैसे कई प्रावधान शामिल हैं।

Update: 2019-11-17 05:29 GMT

नई दिल्ली: सोमवार से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में केंद्र सरकार गंगा की साफ-सफाई बनाए रखने के लिए बिल पेश करने वाली है। सरकार गंगा में प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी कर रही है। इसके तहत गंगा में प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का प्रावधान रखा गया है।

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तैयार है बिल, सिर्फ पास होना है बाकी

जानकारी के मुताबिक, जलशक्ति मंत्रालय ने बिल का मसौदा तैयार कर लिया है और इसे कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेज दिया गया है। इस बिल में 13 चैपटर्स हैं। इसमें गैरकानूनी निर्माण कार्य, पानी के बहाव को रोकना, गंगा में गंदगी जैसे कई प्रावधान शामिल हैं। वहीं कहा जा रहा है कि गंगा में प्रदूषण फैलाने वालों को 5 साल की जेल तथा 50 करोड़ रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

सज़ा का है कड़ा प्रावधान

इस बिल में कहा गया है कि अगर कोई बिना अनुमति के गंगा की धारा की बहाव में रुकावट पैदा करता है तो फिर उस पर ज़्यादा से ज़्यादा 50 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। इसी तरह अगर कोई गंगा के तट पर रहने के लिए घर या बिजनेस के लिए कोई निर्माण करता है तो उसे पांच साल तक की जेल की सजा हो सकती है।

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बनेगा गंगा काउंसिल

इस बिल के तहत केंद्र सरकार गंगा को बचाने के लिए एक खास पुलिस फोर्स भी तैयार करेगी। इसके अलावा प्रधानमंत्री की देख रेख में नेशनल गंगा काउंसिल भी बनाया जाएगा। पीएम के अलावा इस काउंसिल में उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और झारखंड के मुख्यमंत्री भी होंगे। हालांकि अभी इस बिल पर कैबिनेट की मुहर लगने का इंतजार है।

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