खतरनाक कंटेंट पर लगेगी लगाम, सरकार तलाश रही साइबर वालंटियर
साइबर जगत या इन्टरनेट पर दिनों दिन बढ़ते खतरनाक कंटेंट पर लगाम लगाने के लिए सरकार तमाम उपाय करती है लेकिन गलत गतिविधियाँ बढ़ती ही चली जा रहीं हैं।
लखनऊ: साइबर जगत या इन्टरनेट पर दिनों दिन बढ़ते खतरनाक कंटेंट पर लगाम लगाने के लिए सरकार तमाम उपाय करती है लेकिन गलत गतिविधियाँ बढ़ती ही चली जा रहीं हैं। ऐसे में अब साइबर वालंटियर्स की सहायता लेने का इरादा किया गया है।
साइबर स्वच्छता अभियान
अब जनता की सहायता से साइबर स्वच्छता अभियान छेड़ने का विचार किया गया है। इसके लिए गृह मंत्रालय के साइबर क्राइम प्रकोष्ठ ने एक नया प्रोगाम शुरू किया है। इस प्रोग्राम के तहत कोई भी नागरिक बतौय वालंटियर ऐसे कंटेंट की निशानदेही कर सकेगा जो अवैध और गैरकानूनी है, चाइल्ड पोर्नोग्राफी, रेप, आतंकवाद, अतिवाद या देश विरोधी गतिविधियों से सम्बंधित है। वालंटियर इन्टरनेट पर ऐसी सामग्री की निशानदेही करने के साथ उसकी रिपोर्ट सरकार को करेंगे।
यहां चलेगा परीक्षण
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि ये प्रोग्राम परीक्षण के तौर पर जम्मू-कश्मीर और त्रिपुरा में चलाया जाएगा। इस प्रोग्राम को मिलने वाले फीडबैक के आधार पर इसका विस्तार किया जाएगा।
इस प्रोग्राम के तहत गृह मंत्रालय का इंडियन साइबर क्राइम कोआर्डिनेशन सेंटर एक नोडल पॉइंट की तरह काम करेगा जिसमें वालंटियर अपने आप को बतौर साइबर वालंटियर पंजीकृत कर सकेंगे। पंजीकरण के लिए वालंटियर्स को अपना नाम, पिता का नाम, मोबाइल नंबर और ईमेल पता देना होगा। इस जानकारी का सत्यापन किया जाएगा कि नहीं, ये अभी साफ़ नहीं है।
स्पष्ट वैधानिक फ्रेमवर्क नहीं
राष्ट्र विरोधी गतिविधि या राष्ट्र विरोधी कंटेंट के तहत क्या क्या आता है, इसके बारे में सरकार का कोई स्पष्ट वैधानिक फ्रेमवर्क नहीं है। अभी तक तो यही होता है कि ‘राष्ट्र विरोधी गतिविधि’ के आरोपित पर यूएपीए यानी अनलॉफुल एक्टिविटी प्रिवेंशन एक्ट के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार या हिरासत में लिया जाता है।
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प्रोग्राम का उपयोग कमर्शियल फायदे के लिए नहीं
रिपोर्ट के अनुसार, गृह मंत्रालय के पोर्टल, जहाँ कोई अपने आप को साइबर क्राइम वालंटियर के लिए पंजीकृत कर सकता है, में कहा गया है कि जो लोग भी अपना पंजीकरण करते हैं वो इस प्रोग्राम का उपयोग किसी कमर्शियल फायदे के लिए नहीं कर सकते और वे अपनी सम्बद्धता के बारे में कोई सार्वजनिक बयान नहीं दे सकते। वालंटियर्स किसी भी सार्वजानिक मंच पर गृह मंत्रालय के नाम का उपयोग नहीं कर सकते। मतलब ये कि साइबर वालंटियर कहीं भी ये नहीं कह सकता कि वो साइबर वालंटियर है या गृह मंत्रालय के साथ किसी भी रूप में जुडा है।
कोई भी नागरिक साइबर जागरूकता के लिए भी अपना पंजीकरण करा सकता है जिसके तहत वो ग्रामीण क्षेत्र के निवासियों, बूढों, बच्चों और महिलाओं में साइबर अपराध के बारे में जागरूकता फैला सके।
नीलमणि लाल
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