दत्तात्रेय होसबोले को मिली बड़ी जिम्मेदारी, मोहन भागवत के बाद RSS का प्रमुख चेहरा
कर्नाटक के रहने वाले दत्तात्रेय होसबले का जन्म एक दिसंबर 1954 को हुआ है। वर्ष 1968 में वे कर्नाटक के शिवमोंगा जिला में संघ के संपर्क में आए और स्वयंसेवक बने।
श्रीधर अग्निहोत्री
नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नए सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले चुने गए हैं। यह चुनाव बेंगलुरु के चेन्नहल्ली स्थित जनसेवा विद्या केंद्र में चल रही प्रतिनिधि सभा में आज लिया गया। संघ की प्रतिनिधि सभा ने सर्वसम्मति से अगले तीन वर्षों के लिए दत्तात्रेय को सरकार्यवाह चुना गया है। उससे पहले वे सह सरकार्यवाह का दायित्व संभाल रहे थे।
बढ़ा दत्तात्रेय होसबोले का कद
66 वर्षीय दत्तात्रेय होसबोले कर्नाटक के सिमोगा जिले के रहने वाले हैं। संघ प्रमुख मोहन भागवत के बाद ये दूसरे नम्बर का पद होता है। जिसे साधारण भाषा में महासचिव भी कहा जाता है। बता दें कि आज इस बैठक का आखिरी दिन है। संघ की प्रतिनिधि सभा ने सर्वसम्मति से अगले तीन साल के लिए दत्तात्रेय को सरकार्यवाह चुना है। उससे पहले वह सह सरकार्यवाह का दायित्व संभाल रहे थे। आरएसएस के सरकार्यवाह का कार्यकाल तीन साल का होता है। सर कार्यवाह ही वह व्यक्ति होता है, जो संघ से जुड़े व्यवहारिक और सैद्धांतिक विषयों पर निर्णय लेता है। उसकी अपनी एक टीम होती है, जिसे केंद्रीय कार्यकारिणी कहा जाता है। भैयाजी जोशी पिछले चार बार से इस पद पर चुने जाते रहे हैं। आरएसएस में सबसे महत्वपूर्ण पद सरसंघचालक का होता है। इस समय मोहन भागवत मोहन भागवत ही संघ प्रमुख है।
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कौन हैं दत्तात्रेय
कर्नाटक के रहने वाले दत्तात्रेय होसबले का जन्म एक दिसंबर 1954 को हुआ है। वर्ष 1968 में वे कर्नाटक के शिवमोंगा जिला में संघ के संपर्क में आए और स्वयंसेवक बने। 1978 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पूर्णकालिक सदस्य बने और 1990 में प्रचारक की घोषणा हुई। अंग्रेजी से इन्होंने एमए किया है। विद्यार्थी परिषद में क्षेत्रीय और राष्ट्रीय महामंत्री के साथ ही अखिल भारतीय संगठन मंत्री भी थे। संघ के अखिल भारतीय बौद्धिक प्रमुख भी रहे हैं।
'संघ एक अभियान है, एक आंदोलन'
वह अभी पिछले महीने ही लखनऊ आए थें और उन्होंने यहां एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ मंच भी साझा किया था। इस कार्यक्रम में उन्होने कहा था कि ‘‘संघ एक अभियान है, एक आंदोलन है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ समाज में संगठन नहीं है, बल्कि एक समाज का संगठन है. भारत में रहने वाले सभी का डीएनए एक है, उसी को हिन्दू कहते हैं।’’
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आरएसएस में इस तरह होता है पदों का निर्धारण
सरसंघचालक
सरकार्यवाह/महासचिव
सहसरकार्यवाह/संयुक्त महासचिव
सहसरकार्यवाह/संयुक्त महासचिव
सहसरकार्यवाह/संयुक्त महासचिव
सहसरकार्यवाह/संयुक्त महासचिव
अखिल भारतीय बौद्धिक प्रमुख
अखिल भारतीय सह बौद्धिक प्रमुख
अखिल भारतीय शारीरिक प्रमुख
अखिल भारतीय सह शारीरिक प्रमुख
अखिल भारतीय सम्पर्क प्रमुख
अखिल भारतीय सहसम्पर्क प्रमुख
अखिल भारतीय सहसम्पर्क प्रमुख
अखिल भारतीय सेवा प्रमुख
अखिल भारतीय सहसेवा प्रमुख
अखिल भारतीय सहसेवा प्रमुख
अखिल भारतीय व्यवस्था प्रमुख
अखिल भारतीय सहव्यवस्था प्रमुख
अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख
अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख
अखिल भारतीय प्रचारक प्रमुख
अखिल भारतीय सह प्रचारक प्रमुख
अखिल भारतीय सह प्रचारक प्रमुख का पद होता है। इसके साथ ही दस पदाधिकारियों की एक कार्यकारिणी भी होती है।
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