लूडो में पापा से हारी बेटी तो रिश्ता तोड़ने जा पहुंची कोर्ट, पूरी बातें जानकर चौंक जाएंगे

भोपाल में रहने वाली 24 साल की युवती अपने पिता और भाई बहनों के साथ लूडो रही थी। जब पिता ने खेल-खेल में बेटी की गोटियों को आउट कर दिया तो बेटी इतनी ज्यादा दुखी हो गई कि उसे पिता से नफरत होने लगी।

Update:2020-09-29 12:53 IST
ऐसा लगने लगा कि पिता और उनके बीच में रिश्ता खत्म हो गया। उसे लगा जो पिता उसके लिए सब कुछ करते थे हर खुशियां ला कर देते थे वह कैसे उन्हें हरा सकते हैं।

इंदौर: कोरोना वायरस लॉकडाउन में लोग समय बीताने के लिए घरों में भांति-भांति के गेम खेल रहे हैं। लूडो और कैरम इस समय सबसे ज्यादा लोकप्रिय है लेकिन यही खेल इस समय कुछ घरों में विवाद की जड़ बनता जा रहा है।

हैरत की बात ये की लूडो के खेल में एक पिता का बेटी को हराना इतना नागवार गुजरा की दोनों का रिश्ता टूटने के करार पर पहुंच गया है।

अब बेटी सिर्फ हार की वजह से अपने पिता से रिश्ता नहीं रखना चाहती और यह मामला फैमिली कोर्ट तक जा पहुंचा है।

लडकी की फोटो(सोशल मीडिया)

 

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क्या है ये मामला

दरअसल भोपाल में रहने वाली 24 साल की युवती अपने पिता और भाई बहनों के साथ लूडो रही थी। जब पिता ने खेल-खेल में बेटी की गोटियों को आउट कर दिया तो बेटी इतनी ज्यादा दुखी हो गई कि उसे पिता से नफरत होने लगी। वह रिश्ता खत्म करने की सोचने लगी और फिर ये मामला फैमिली कोर्ट तक पहुंच गया।

इस बारे में फैमिली कोर्ट की काउंसलर सरिता रजनी ने बताया की गत दिनों हमारे पास एक 24 साल की लड़की आई थी और उसने हमें बताया कि जब वो अपने भाई बहन और पिता के साथ लूडो खेल रही थी उस खेल के दौरान पिता ने उसे हरा दिया।

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लूडो गेम की फोटो(सोशल मीडिया)

पिता से हारने पर करने लगी घृणा

इसके बाद उसे ऐसा लगने लगा कि पिता और उनके बीच में रिश्ता खत्म हो गया। उसे लगा जो पिता उसके लिए सब कुछ करते थे हर खुशियां ला कर देते थे वह कैसे उन्हें हरा सकते हैं।

उस युवती ने काउंसलर को बताया कि मुझे पिता को पापा कहने का भी मन नहीं करता। इस अजीबोगरीब केस को लेकर काउंसलर सरिता का कहना है उस लड़की की चार बार काउंसिलिंग की जा चुकी है जिससे थोड़ा सुधार हुआ है।

आगे सरिता ने भी बताया की आज समय तेजी के साथ बदल रहा है। बच्चों में हमने जीतने की ऐसी बुरी आदत डाल दी है कि वो हार को सहन ही नहीं कर पा रहे हैं, उन्हें ये बताना होगा कि हार जीत दोनों जायज है। इसमें कुछ भी गलत नहीं है।

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