31 मार्च की डेडलाइन आज, नई तारीख की हुई घोषणा

31 मार्च फाइनेंस कामों के दिन बहुत महत्वपूर्ण दिन होता है। हर साल 31 मार्च को ज्यादातर जगहों पर क्लोजिंग डेट की बोला जाता है। क्योंकि इस दिन कई अहम डेडलाइन खत्म होते हैं।

Update: 2020-03-31 07:25 GMT

नई दिल्ली। 31 मार्च फाइनेंस कामों के दिन बहुत महत्वपूर्ण दिन होता है। हर साल 31 मार्च को ज्यादातर जगहों पर क्लोजिंग डेट की बोला जाता है। क्योंकि इस दिन कई अहम डेडलाइन खत्म होते हैं। यही कारण है कि लोग भी पहले से अलर्ट रहते हैं। लेकिन इस बार हालात ही कुछ अलग है तो इस बार मामला थोड़ा उलटा है। लॉकडाउन के कारण से आम लोगों की नजर में इस साल 31 मार्च के दिन की जो कीमत होती थी, वो फीकी पड़ गई है।

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कामकाज की जरूरी डेडलाइन

फाइनेंस कामकाज से जुड़े बहुत से कामकाज की जरूरी डेडलाइन 31 मार्च को खत्म होने वाली थी, लेकिन अब लोगों को 30 जून तक की मोहलत मिल गई है। ये तारीख महामारी को ध्यान में रखते हुए बढ़ाया गया है, मतलब ये कि जो कामकाज 31 मार्च तक निपटाना था, उसे अब आप 30 जून तक पूरा कर सकते हैं। हम आज ऐसे ही कुछ जरूरी डेडलाइन की जानकारी दे रहे हैं।

ऐसे में सरकार ने आधार-पैन लिंक करने की आखिरी तारीख बढ़ाकर 30 जून 2020 तक कर दी है। जोकि अभी तक 31 मार्च थी। बता दें कि इससे पहले कई बार आयकर विभाग ने इसकी डेडलाइन बढ़ाई है। एक अनुमान के अनुसार, 17 करोड़ लोगों ने अभी तक आधार और पैन कार्ड को लिंक नहीं कराया है।

फाइनेंस ईयर 2018-19 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख बढ़ाकर 30 जून कर दिया गया है। बता दें कि फाइनेंस ईयर 2018-19 के लिए रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 अगस्त 2019 थी। 1 सितंबर 2019 से 31 दिसंबर 2019 तक रिटर्न फाइल करने पर अधिकतम जुर्माना 5000 रुपया था।

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कारोबारियों को भी राहत

1 जनवरी से 31 मार्च 2020 तक रिटर्न फाइल करने पर अधिकतम जुर्माना 10 हजार रुपये होता है। लेकिन अब इसकी डेडलाइन 30 जून तक बढ़ गई है। हालांकि जुर्माने के मोर्चे पर मामूली राहत भी मिली है।

बता दें कि सरकार ने देश के कारोबारियों को भी राहत दी हुई है। इसके तहत वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा बढ़ाकर 30 जून कर दी गई है। अब कारोबारी मार्च, अप्रैल और मई महीने का जीएसटी रिटर्न 30 जून 2020 तक दाखिल कर सकते हैं।

साथ ही विवाद से विश्वास स्कीम को भी अब 30 जून कर दिया गया है। पहले इसकी डेडलाइन 31 मार्च थी लेकिन अब 30 जून तक कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं लगेगा। बता दें कि विवाद से विश्वास का उद्देश्य उन लोगों को राहत देना है जिनकी टैक्स देनदारी को लेकर कई तरह का विवाद है।

ड्राइविंग लाइसेंस, परमिट और रजिस्ट्रेशन जैसे दस्तावेज की वैधता बढ़ा दी है। सरकार का ये फैसला उन ड्राइविंग लाइसेंस पर लागू होगा, जिनकी वैधता 1 फरवरी को खत्म हो चुकी है। इस संबंध में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने सभी राज्यों को एक एडवाइजरी भी जारी कर दी है।

वहीं डीलर अब बीएस-4 वाहनों को लॉकडाउन खत्म होने के बाद 10 दिन मतलब 25 अप्रैल तक बेच सकते हैं। बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में आदेश भी दिया था।

शीर्ष कोर्ट ने कहा कि डीलर सिर्फ 10 फीसदी बीएस-4 वाहनों को लॉकडाउन खत्म होने के बाद 10 दिन के भीतर बेंच सकते हैं। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने बीएस-4 वाहनों की बिक्री और रजिस्ट्रेशन के लिए 31 मार्च 2020 की डेडलाइन तय की थी।

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